कानपुर: अभी तक आईआईटी कानपुर की ओर से नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई ऐसे उत्पाद तैयार किए गए, जिनका डंका विदेशों में जमकर बजा. अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम ऐसे ड्रोन तैयार करेगी, जिनका उपयोग आस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कई यूरोपीय देशों व भारत के उन राज्यों में किया जा सकेगा, जहां बड़े पैमाने पर खेती होती है. इन ड्रोंस को तैयार करने का मकसद खेती की दुनिया में क्रांति लाना है.
ग्रामीण परिवेश के युवा करेंगे आधुनिक खेती, जी सकेंगे खुशहाल जिंदगी: एवीपीएल इंटरनेशनल की संस्थापक व अध्यक्ष प्रीत संधू ने बताया, कि इस करार के बाद अब हम ग्रामीण परिवेश के उन युवाओं पर अपना पूरा फोकस करेंगे, जो खेती की दुनिया में ही करियर बनाना चाहते हैं. जब वह उच्च गुणवत्ता व आधुनिक तकनीकों से लैस ड्रोंस की मदद से खेती करेंगे तो उन्हें किसी तरह की दिक्कतें नहीं होंगी. वह अपने गांव में ही रहकर खुशहाल जिंदगी जी सकेंगे.
आईआईटी कानपुर के अनुसंधान और विकास के डीन प्रो.तरुण गुप्ता ने कहा यह साझेदारी बीज प्रसारण और कृषि रसायन छिड़काव जैसी कृषि बाधाओं से निपटने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी. टेक्नोपार्क के प्रभारी डा.अमरेंद्र सिंह ने कहा कि उद्योग व शिक्षा जगत के बीच नवाचार और सहयोग के लिए अनुकूल माहौल बेहद जरूरी है. एवीपीएल संस्था के विशेषज्ञों संग मिलकर काम करने के लिए आईआईटी कानपुर की टीम तैयार है. हम जो ड्रोंस बनाएंगे, उससे निश्चित तौर पर कृषि के क्षेत्र में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे.
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