झांसी/कानपुर : कानपुर में 1000 करोड़ की नजूल की भूमि कब्जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. झांसी पुलिस ने एक लाख के इनामिया मास्टरमाइंड हरेंद्र मसीह को नवाबाद इलाके में रेलवे स्टेशन के पास गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के पास एक फर्जी आईडी और फर्जी नंबर की बाइक भी मिली है. पुलिस के अनुसार आरोपी कहीं भागने की फिराक में था. इस दौरान घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया गया.
नवाबाद थाना प्रभाारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि कानपुर में करोड़ों की जमीन पर कब्जे के मामले में इलाके का रहने वाला हरेंद्र मसीह आरोपी है. वह ही पूरे मामले का मास्टरमाइंड था. करीब 3 महीने से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी, लेकिन उसका पता नहीं चल पा रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना छोड़ दिया था. इससे लोकेशन ट्रेस करने में और भी दिक्कत आ रही थी.
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रविवार की रात 11.40 बजे के आसपास सर्विलांस टीम को हरेंद्र मसीह के बारे में इनपुट मिला. इसके पुलिस ने जाल बिछा दिया. रेलवे स्टेशन के गांधी चौराहे के पास से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक फर्जी नंबर की बाइक मिली. इसके अलावा एक फर्जी आईडी भी मिली.
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वहीं मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद कानपुर पुलिस भी अलर्ट हो गई है. पुलिस की टीम झांसी के लिए रवाना भी हो चुकी है. कयास है कि आज ही आरोपी को कानपुर लाया जा सकता है.
आरोपी हरेंद्र मसीह के खिलाफ कुल 19 मुकदमे : आरोपी हरेंद्र मसीह के खिलाफ कानपुर, फतेहपुर और झांसी में मिलाकर कुल 19 मुकदमे दर्ज हैं. कानपुर के सिविल लाइंस स्थित नजूल की 1000 करोड़ रुपये की भूमि को भी हरेंद्र मसीह कब्जाना चाहता था. 28 जुलाई को ही कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने जब इस मामले में कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को अरेस्ट किया तो उसी समय से हरेंद्र मसीह की भी कुंडली तैयार हो गई. डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया कि अब 1000 करोड़ रुपये की जमीन कब्जाने के मामले में हमारी टीम ने मास्टरमाइंड हरेंद्र मसीह, मुख्य आरोपी अवनीश दीक्षित समेत कई अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया है.
इस तरह हुआ था जमीन घोटाले का खुलासा : 28 जुलाई 2024 को दोपहर में सिविल लाइंस स्थित हडर्ड स्कूल के ठीक सामने वाली जमीन पर अचानक ही दो पक्षों में विवाद शुरू हो गया था. विवाद को लेकर कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित वहां पर पहुंचा था. वह पुलिस से भिड़ गया था. कोतवाली पुलिस की ओर से देर शाम अवनीश दीक्षित को जब गिरफ्तार किया गया, तो सामने आया था कि मैरी एंड मैरीमन कंपाउंड वाली 1000 करोड़ रुपये की जमीन को अवनीश दीक्षित समेत कई अन्य आरोपी कब्जाना चाह रहे थे. उसी समय डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया था कि झांसी निवासी हरेंद्र मसीह ने उस जमीन पर कब्जा करने का पूरा प्लान बनाया था. इसमें पुलिस और अफसरों से भिड़ने का जिम्मा कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित का था.
पुलिस ने दाखिल की 3200 पन्नों की चार्जशीट : शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित सिविल लाइंस में 1000 करोड़ रुपये की नजूल की भूमि कब्जाने के मामले में गठित एसआईटी की ओर से 3200-3200 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है. झांसी निवासी हरेंद्र मसीह को मास्टरमाइंड बताया गया. कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को मुख्य आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में घटना वाले दिन की गतिविधियों, कॉल रिकार्ड आदि को आधार बनाया गया है. साथ ही आरोपी संदीप शुक्ला के बयानों को भी आधार माना गया है. इस मामले में कुल 13 नामजद समेत 20 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पांच से अधिक आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं.
कई अधिवक्ताओं ने मिलकर बनाई थी फर्म : नजूल की भूमि कब्जाने के मामले जहां शहर के कई अधिवक्ताओं ने मिलकर आनंदेश्वर एसोसिएट्स नाम से फर्म बनाई थी. कई आरोपी इनोवा कार से मछली ले जाने वाले डिब्बों में 50 लाख रुपये की रकम लेकर झांसी हरेंद्र मसीह से मिलने गए थे. वहां दो आरोपियों ने हरेंद्र मसीह को रकम देकर कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के नाम जमीन की पॉवर आफ अटॉर्नी भी ले ली थी.
शहर के कई पत्रकारों के घरों पर हुई थी छापेमारी : गिरोह के अन्य आरोपियों को पकड़ने के चलते कानपुर के प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष समेत कई पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी भी की गई थी. इस मामले में अवनीश के करीबी अशोक नगर निवासी सुनील शुक्ला का नाम भी खूब चर्चा में रहा था. उसके साथ ही एक निजी न्यूज चैनल के मालिक को भी पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया था.
पढ़िए मामले में कब क्या हुआ : मामले में 31 जुलाई को एसआईटी गठित की गई. 14 अगस्त से 24 अगस्त तक अवनीश दीक्षित के रिमांड के आदेश हुए. 12 अगस्त को एसआईटी ने 8 से अधिक आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया. 14 अगस्त को एसआईटी टीम ने राहुल वर्मा को अरेस्ट किया. इसके बाद 27 अगस्त को 8 आरोपियों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया. मामले में 29 अगस्त को एसआईटी ने आरोपी संदीप शुक्ला को अरेस्ट किया. अब 27 अक्टूबर की रात को हरेंद्र मसीह की गिरफ्तारी हुई.
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