कांकेर: लोकसभा का चुनावी दंगल शुरू हो गया है. कांकेर लोकसभा से 9 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. कांग्रेस के प्रत्याशी बीरेश ठाकुर भी इन दिनों जनसंपर्क में जुट गए है. बीरेश ठाकुर पर कांग्रेस ने इस बार फिर से भरोसा जताया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांकेर में बीरेश ठाकुर करीब 6 हजार वोट से हारे थे. इस बार की उनकी क्या रणनीति है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर से खास बातचीत की.
आइए सवाल जवाब के माध्यम से जानते हैं कांग्रेस प्रत्याशी की चुनावी रणनीति...
सवाल: किन मुद्दों को लेकर आप चुनाव प्रचार कर रहे है?
जवाब: मैं अभी चुनावी मुद्दों में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे जी का और केंद्रीय नेताओ को धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने देश की जनता के लिए 5 गारंटी लेकर आए है. वह 5 गारंटी को लेकर हम आम जनता तक जा रहे हैं. निश्चित ही हमारी सरकार केंद्र में बनती है तो 5 गारंटी को लागू करेंगे. इन्ही गारंटी से हम कांकेर लोकसभा को जीतेंगे.
सवाल: कांग्रेस की 5 गारंटी राम मंदिर और धारा 370 हटाने को लेकर टिकेगी?
जवाब: मैं बताना चाहूंगा कि राम मंदिर का क्या 2023 में है? क्या राम मंदिर तो त्रेता युग से चले आ रहा है? राम मंदिर आस्था का प्रतीक है. धारा 370 भाजपा की एक सोची समझी साजिश है. अगर वह 370 हटाने को लेकर बात करते है, तो मैं छत्तीसगढ़ के पांचवी अनुसूची की बात करना चाहूंगा, जैसे 400 पार करते है. ये पांचवी अनुसूची हटा देंगे. हमारे छत्तीसगढ़ बस्तर के आदिवासी भाई इस चीज को समझते हैं.
सवाल: पिछले बार आपके हार का अंतर कम था. कहां कमजोर थे आप. पांच साल में इसे सुधारा गया है क्या?
जवाब: साल 2019 में कांग्रेस की सरकार बनी. उसके सम्मानीय मुखिया भूपेश बघेल बने. उनकी जो योजना थी, उसको लेकर जनता के पास गए और अभी भी जा रहे हैं. वास्तव में आज जनता को पछतावा है कि हमसे भूल हो गई. कांग्रेस की सरकार नही बनाई. अगर कांग्रेस की सरकार बनती तो जो योजना छत्तीसगढ़ में हर वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा था, उसका लाभ मिलता. इसका हमे लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा.
सवाल: कांकेर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीट कांग्रेस की है. क्या लगता है? क्या काम होने चाहिए?
जवाब: इस लोक सभा सीट में पांच हमारे विधायक हैं, लेकिन मैं तो कहूंगा कि 6 विधानसभा सीट हमारे पास है. कांकेर विधानसभा को हार नहीं मानता हूं.
सवाल: आपकी राजनीति पृष्टभूमि कैसे रही है? उसके बारे में बताइए.
जवाब: मुझे खुशी हो रही है यह बताने में मेरे दादा स्व: रतन सिंह ठाकुर सन 52 में यह विधायक थे. मेरे पिता स्व: सत्य नारायण सिंह ठाकुर 1972 से 77 तक विधायक थे. मेरी माता टीचर थी. उन्होंने भी इस्तीफा देकर सरपंच का चुनाव लड़ा था और जीता था. मैंने छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर सदस्य बना. दो बार जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर अध्यक्ष बना था. फिर एक बार जिला पंचायत के सदस्य रह चुका हूं. अभी प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष हूं. साल 2019 को इसी सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ा था.निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी मोहन मंडावी से महज 6914 वोट से हार मिली थी. अब पार्टी ने दूसरी बार मौका दिया है.