शिमला: हिमाचल में प्रदेश में कल चार लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ. वोटिंग का ट्रेंड भी समय और गर्मी के साथ बदलता रहा. सुबह के समय मतदान केंद्रों में काफी भीड़ देखने को मिली और शाम होने तक लोग लाइनों में लगे रहे. सुबह के समय तेजी के साथ शुरू हुआ मतदान दोपहर आते आते धीमा पड़ गया. दोपहर को कम मतदान होने की बड़ी वजह प्रदेश के निचले हिस्से में बढ़ती गर्मी को बड़ा कारण माना जा रहा है. सुबह के समय वोटिंग की रफ्तार को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है था कि इस वोटिंग प्रतिशत 80 के करीब पहुंच सकता है, लेकिन शाम होते होते ये 70.5 (चुनाव आयोग के अनुमानित आंकड़े) पर समाप्त हुआ.
वहीं, चुनाव आयोग के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल के कांगड़ा चंबा संसदीय सीट पर मतदान 67.24 प्रतिशत वोटिंग हुई है. मतदान का ये आंकड़ा हिमाचल में सबसे कम है. कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र में वर्ष 2009, 2014 और 2019 में बीजेपी ने भले ही जीत हासिल की हो, लेकिन इस बार का चुनाव इस सीट पर बीजेपी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है. करीब दो महीने पहले तक बीजेपी इस सीट पर फ्रंटफुट पर थी और चुनाव उसके पक्ष में जाता दिख रहा था, लेकिन कांग्रेस ने यहां आनंद शर्मा को मैदान में उतारकर इसे पूरी तरह घुमा दिया.
कांगड़ा जिले में कांग्रेस का पलड़ा भारी?
कांगड़ा चंबा की 17 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के पास 11 सीटें हैं. ऐसे में कांग्रेस का पलड़ा भारी लग सकता कांगड़ा जिले में ही कुल 15 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिले के देहरा और जसवां प्रागपुर को छोड़ सभी सीटें कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. इसके अलावा चंबा जिले की 5 में से 4 विधानसभा सीटें भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं. कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में ज्वालामुखी, जयसिंहपुर, सुलह, नगरोटा, फतेहपुर, ज्वाली, चुराह, चंबा, डल्हौजी, भटियात, नूरपुर, इंदौरा, कांगड़ा, शाहपुर, धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ विधानसभा सीटें आती हैं. कांगड़ा में सबसे अधिक मतदान नगरोटा विधानसभा क्षेत्र हुआ है, जबकि सबसे कम बैजनाथ सीट पर दर्ज हुआ है. चुनाव आयोग की ओर से जारी अनुमानित आंकड़े इस प्रकार हैं.
विधानसभा क्षेत्र | मतदान प्रतिशत |
बैजनाथ | 61.57 |
भटियात | 64.90 |
चंबा | 67.10 |
चुराह | 70.00 |
डलहौजी | 66.00 |
धर्मशाला | 70.13 |
फतेहपुर | 67.39 |
इंदौरा | 68.97 |
जयसिंहपुर | 62.00 |
ज्वालामुखी | 69.31 |
ज्वाली | 65.00 |
कांगड़ा | 69.70 |
नगरोटा | 70.59 |
नूरपुर | 67.40 |
पालमपुर | 68.87 |
शाहपुर | 67.69 |
सुलह | 67.00 |
दोपहर एक बजे तक 47 प्रतिशत से अधिक मतदान
कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान 65 प्रतिशत रहा है. नगरोटा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ. इस सीट से कांग्रेस के रघुवीर बाली सीटिंग विधायक हैं. आनंद शर्मा से पहले उन्हें ही कांगड़ा चंबा सीट से प्रत्याशी बनाने की चर्चा चल रही थी. हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर सुबह 1.00 बजे तक 48.63 फीसदी मतदान हुआ था. इसमें कांगड़ा-चंबा सीट पर 47.08 फीसदी वोटिंग हुई थी.
कांगड़ा में सबसे कम मतदान
इसमें कांगड़ा-चंबा सीट पर 47.08 फीसदी वोटिंग हुई थी. एक से शाम पांच बजे तक तेज धूप में वोट डालने के लिए लाइन में खड़े मतदाताओं को गर्मी से जरूर जूझना पड़ा. शाम पांच बजे तक हिमाचल में 66 प्रतिशत तक वोटिंग हो चुकी थी. शाम पांच बजे के बाद फिर से मतदान में तेजी आई. चुनाव आयोग के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में कुल मतदान 70.04 और कांगड़ा में 67.24 प्रतिशत मतदान हुआ है.चारों लोकसभा सीटों में ये सबसे कम मतदान है. पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो कांगड़ा में मतदान प्रतिशत हमेशा से ही कम से ही अन्य सीटों के मुकाबले कम रहा है.
वर्ष | मतदान प्रतिशत |
2019 | 70.73% |
2014 | 63.56% |
2009 | 55.21% |
2004 | 51.89% |
आनंद शर्मा को मैदान में उतार कांग्रेस ने रोचक बना दिया मुकाबला
कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट पर बीजेपी हैट्रिक लगा चुकी है. 2009, 2014 और 2019 में चुनाव जीतने वाली बीजेपी के लिए इस बार राह उतनी आसान नहीं है. शुरूआत में बीजेपी इस सीट पर फ्रंटफुट पर खेल रही थी, लेकिन कांग्रेस ने भी गुगली फेंककर बीजेपी को होश उड़ा दिया. कांग्रेस पार्टी ने यहां अपने वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को मैदान में बैटिंग के लिए उतार दिया. इसके बाद पूरा चुनावी माहौल बदल गया. बीजेपी ने इस बार सीटिंग एमपी किशन कपूर का टिकट काट कर कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजीव भारद्वाज को मैदान में उतारा है. अब जनता ने अपना फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. अब देखना ये होगा कि किसके सिर पर जीत का सेहरा सजता है.
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