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दिवालियापन की तरफ बढ़ रहा है मध्य प्रदेश, कमलनाथ ने सीएम मोहन यादव पर लगाया बड़ा आरोप - KAMALNATH ALLEGATION MP DEBT

मध्य प्रदेश दिवालियापन की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. नया कर्ज लेकर पुराने कर्ज चुकाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की मोहन सरकार पर हमला बोला है. ट्वीट कर उन्होंने कैग की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि घटिया बजट प्रबंधन के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से खराब हो रही है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 6:02 PM IST

KAMALNATH ALLEGATION MP DEBT
कर्ज को लेकर कमलनाथ का मोहन सरकार पर बड़ा आरोप (ETV Bharat)

Kamalnath Tweet: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डॉ मोहन यादव सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मोहन यादव की सरकार मध्य प्रदेश को दिवालियापन की तरफ धकेल रही है. कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत अधिक खराब है. बजट के कुप्रबंधन के चलते पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पढ़ रहा है. कमलनाथ का आरोप है कि सरकार का ध्यान राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने की तरफ नहीं है.

'कर्ज के दलदल में डूबा मध्य प्रदेश'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि "मध्य प्रदेश को कर्ज के दलदल में इस तरह डुबा दिया गया है कि मध्य प्रदेश के हालात चिंताजनक हो गए हैं. पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है और मध्य प्रदेश दिवालियापन की तरफ बढ़ रहा है. मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को तेज करें. रोजगार के नए अवसर पैदा करें. मौजूद कृषि और व्यवसाय का आधुनिकीकरण करें तब जाकर प्रदेश के आर्थिक हालात सुधर सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है की अर्थव्यवस्था में सुधार की बात तो दूर सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था पर ही नहीं है".

ALLEGATION MP MOVING BANKRUPTCY
कर्ज को लेकर कमलनाथ का ट्वीट (KAMALNATH Twitter)

'कैंसर है मध्य प्रदेश का कर्ज'

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह शरीर में कैंसर की कोशिका शरीर को ही खाना शुरू कर देती है ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज बनता जा रहा है. बीते दिनों विधानसभा में कैग ने एक रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बीते 5 साल में जो भी कर्ज लिया है उसका 32% हिस्सा पुराने कर्ज की किस्त या ब्याज की अदायगी में खर्च हुआ है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यदि कोई राज्य कर्ज लेता है तो उस कर्ज की राशि से कुछ ऐसे काम होने चाहिए जिससे नया कैपिटल बन सके या फिर विकास कार्य हो सकें. कर्ज लेकर पुराना कर्ज चुकाना एक खराब अर्थव्यवस्था का प्रतीक है और ऐसी स्थिति में राज्य की स्थिति और अधिक खराब होने की संभावना बनी हुई है.

कर्ज लेकर चुकाया कर्ज

2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 58000 करोड़ का कर्ज लिया और इसमें से लगभग 22006 करोड़ रूपया पुराने कर्ज के री-पेमेंट में खर्च किया गया. यह कुल कर्ज का लगभग 37 प्रतिशत था. बीते 5 सालों में लगभग इसी औसत से लिए गए कर्ज की राशि पुराने कर्ज को चुकाने में खर्च की जा रही है. कैग ने इसे घटिया बजट प्रबंधन माना है.

ये भी पढ़ें:

कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार नहीं उठा पाएगी कर्मचारियों की तनख्वाह का भार? क्यों पड़ेंगे वेतन के लाले

मोहन सरकार में टूटेगा कर्ज का रिकॉर्ड, फिर लेने जा रहे 88540 करोड़ का लोन, कमलनाथ बोले-गलत नीतियां जिम्मेदार

CM मोहन यादव लेंगे 2 हजार करोड़ का कर्ज, साढ़े 3 लाख करोड़ का कर्ज छोड़कर गए शिवराज

'कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा प्रदेश'

कांग्रेस पार्टी जबलपुर के अध्यक्ष सौरभ शर्मा का कहना है कि "मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के मंत्री अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. उन्हें राज्य की चिंता नहीं है मध्य प्रदेश में जिस तरह कर्ज बढ़ रहा है वह दिन दूर नहीं जिस दिन सरकार को बुनियादी सुविधाओं को चलाए रखने के लिए भी पैसा नहीं होगा . आम लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र में भी भाजपा सरकार है और राज्य में भी भाजपा सरकार है तो राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा है."

Kamalnath Tweet: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डॉ मोहन यादव सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मोहन यादव की सरकार मध्य प्रदेश को दिवालियापन की तरफ धकेल रही है. कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत अधिक खराब है. बजट के कुप्रबंधन के चलते पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पढ़ रहा है. कमलनाथ का आरोप है कि सरकार का ध्यान राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने की तरफ नहीं है.

'कर्ज के दलदल में डूबा मध्य प्रदेश'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि "मध्य प्रदेश को कर्ज के दलदल में इस तरह डुबा दिया गया है कि मध्य प्रदेश के हालात चिंताजनक हो गए हैं. पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है और मध्य प्रदेश दिवालियापन की तरफ बढ़ रहा है. मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को तेज करें. रोजगार के नए अवसर पैदा करें. मौजूद कृषि और व्यवसाय का आधुनिकीकरण करें तब जाकर प्रदेश के आर्थिक हालात सुधर सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है की अर्थव्यवस्था में सुधार की बात तो दूर सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था पर ही नहीं है".

ALLEGATION MP MOVING BANKRUPTCY
कर्ज को लेकर कमलनाथ का ट्वीट (KAMALNATH Twitter)

'कैंसर है मध्य प्रदेश का कर्ज'

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह शरीर में कैंसर की कोशिका शरीर को ही खाना शुरू कर देती है ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज बनता जा रहा है. बीते दिनों विधानसभा में कैग ने एक रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बीते 5 साल में जो भी कर्ज लिया है उसका 32% हिस्सा पुराने कर्ज की किस्त या ब्याज की अदायगी में खर्च हुआ है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यदि कोई राज्य कर्ज लेता है तो उस कर्ज की राशि से कुछ ऐसे काम होने चाहिए जिससे नया कैपिटल बन सके या फिर विकास कार्य हो सकें. कर्ज लेकर पुराना कर्ज चुकाना एक खराब अर्थव्यवस्था का प्रतीक है और ऐसी स्थिति में राज्य की स्थिति और अधिक खराब होने की संभावना बनी हुई है.

कर्ज लेकर चुकाया कर्ज

2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 58000 करोड़ का कर्ज लिया और इसमें से लगभग 22006 करोड़ रूपया पुराने कर्ज के री-पेमेंट में खर्च किया गया. यह कुल कर्ज का लगभग 37 प्रतिशत था. बीते 5 सालों में लगभग इसी औसत से लिए गए कर्ज की राशि पुराने कर्ज को चुकाने में खर्च की जा रही है. कैग ने इसे घटिया बजट प्रबंधन माना है.

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'कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा प्रदेश'

कांग्रेस पार्टी जबलपुर के अध्यक्ष सौरभ शर्मा का कहना है कि "मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के मंत्री अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. उन्हें राज्य की चिंता नहीं है मध्य प्रदेश में जिस तरह कर्ज बढ़ रहा है वह दिन दूर नहीं जिस दिन सरकार को बुनियादी सुविधाओं को चलाए रखने के लिए भी पैसा नहीं होगा . आम लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र में भी भाजपा सरकार है और राज्य में भी भाजपा सरकार है तो राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा है."

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