छिंदवाड़ा। कांग्रेस का एक ऐसा कद्दावर नेता जिसके कहने पर एक समय कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी तय होती थी, लेकिन जब उसे ही राज्यसभा का टिकट नहीं मिला तो उसने पार्टी से बगावत करने की ठान ली. कांग्रेस पार्टी में कमलनाथ के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा कहते हुए छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि इंदिरा जी का तीसरा बेटा अपनी कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी और पोते राहुल से नाराज हो गया.
बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से लड़ाने का ऐलान
कमलनाथ के सबसे नजदीकी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना ने बताया कि कमलनाथ गांधी परिवार के सबसे नजदीक व्यक्ति हैं, लेकिन इसके बाद भी अब कांग्रेस द्वारा उन्हें दरकिनार किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी की विधानसभा में हार के बाद पहले तो उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और फिर बाद में उन्हें राज्यसभा का टिकट भी नहीं दिया गया. इसलिए कमल नाथ अब भाजपा के पाले में जाने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा के दौरे पर आए पूर्व सीएम कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव नकुलनाथ ही लड़ेंगे.
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सोनिया गांधी ने कमलनाथ पर जताई थी नाराजगी
इसके बाद उनकी मुलाकात दिल्ली में सोनिया गांधी से हुई. सूत्र बताते हैं कि इसी बात पर सोनिया गांधी ने नाराजगी भी जताई थी कि लोकसभा में कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसका निर्धारण दिल्ली से केंद्रीय चुनाव समिति करेगी. आप अभी से टिकट की घोषणा मत कीजिए. इसको लेकर भी कमलनाथ नाराज बताए जा रहे हैं. इधर, कमलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों के बीच दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे कांग्रेस के सिपाही हैं और कहीं नहीं जाएंगे. जीतू पटवारी का कहना है कि उनकी कमलनाथ से बात हुई है, वे कहीं नहीं जा रहे हैं.