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अल्मोड़ा के इस गांव में लोगों ने बनाया अपना भू-कानून, बाहरी व्यक्तियों को जमीन बेचने पर लगाया प्रतिबंध - Ban on land sale in Almora Village

Ban on outsiders buying land in Kaligaad village Almora उत्तराखंड के एक और गांव ने अपना भू कानून खुद बना लिया है. अल्मोड़ा जिले की सल्ट तहसील के एक गांव में प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगा दिया गया है. बोर्ड में लिखा है- 'इस ग्राम सभा में कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है, और अपनी पहचान छिपाकर गांव में नहीं घूम सकता है.' इस खबर में जानिए ग्राम सभा ने ऐसा कदम क्यों उठाया.

Kaligaad village Almora
अल्मोड़ा समाचार (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 30, 2024, 10:45 AM IST

Updated : Sep 30, 2024, 12:19 PM IST

अल्मोड़ा: जिले के सल्ट कालीगाड़ के ग्रामीणों ने अपना भू कानून बना लिया है. अब गांव में बाहरी व्यक्ति को ना जमीन बेची जाएगी. इसके बोर्ड भी क्षेत्र के ग्राम प्रधान द्वारा गांव की प्रवेश सीमा पर लगा दिया गया है. प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए गांव के सभी लोगों ने यह निर्णय लिया है.

कालीगाड़ के ग्रामीणों ने बनाया अपना भू कानून: पहाड़ों पर अंधाधुंध जमीनों की खरीद फरोख्त और पहाड़ों के वातावरण के साथ माहौल खराब होने के डर से अब ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है. दरअसल उत्तराखंड में भू कानून को लेकर इस वक्त सियासतदां और जनता के बीच लंबी लड़ाई छिड़ी हुई है. लंबे समय से लोग भू कानून की मांग कर रहे हैं.

इस गांव में जमीन की खरीद-फरोख्त बंद (Video- ETV Bharat)

गांव के प्रवेश द्वार पर लगा बोर्ड: सरकार के द्वारा सशक्त भू कानून नहीं बनाने के बाद अब अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र के कालीगढ़ गांव के लोगों ने अपना भू कानून बना लिया है. गांव के अंदर प्रवेश सीमा पर ग्राम प्रधान द्वारा एक बोर्ड लगवा दिया गया है. इसमें बाहरी व्यक्ति के लिए जमीन की खरीद फरोख्त पर और पहचान छुपा कर खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई है. इसका पालन पूरे गांव के ग्रामीण कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए मिल जुलकर यह निर्णय लिया है.

Ban on land sale in Almora Village
कालीगाड़ गांव में लगा बोर्ड (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

पर्यावरण और संस्कृति बचाने का प्रयास: क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि वह अपने ग्राम प्रधान का आदेश मानते हैं. यह सर्व सहमति से लिया गया निर्णय है, जो गांव की भलाई के लिए है और अपनी उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए भी है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पलायन रोकने के साथ ही गांव से माइग्रेट हो चुके बेराेजगारों को गांव वापस बुलाने की मुहिम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है.

Ban on land sale in Almora Village
अल्मोड़ा जिले का कालीगाड़ गांव (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

क्या कहते हैं ग्रामीण: कालीगाड़ की ग्राम प्रधान मंजू कांडपाल के पति परम कांडपाल कहते हैं कि आज ओने पौने दामों में भू माफियाओं द्वारा पहाड़ों पर, रिवर व्यू साइडों पर और हिमालय व्यू साइडों पर सारी जमीन बेच दी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग क्षेत्र में माहौल खराब करते हैं और हमारी धरोहर से पेड़ों से छेड़छाड़ करते हैं जो आने वाले समय में हमारी संस्कृति और पर्यावरण के लिए भी घातक है. उन्होंने कहा इसलिए सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि साथ ही गांव में जो भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश करेगा, उसका सत्यापन भी जरूरी है. वरना बिना सत्यापन के बाहरी व्यक्ति का गांव के अंदर प्रवेश पर रोक है.

Kaligaad village Almora
कालीगाड़ गांव प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

तहसीलदार ने क्या कहा: तहसीलदार आबिद अली ने कहा कि हमारे संज्ञान में भी एक मामला आया है कि कालीगाड़ के ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा एक बोर्ड लगाया गया है. इस बोर्ड में लिखा गया है कि पहचान छुपा कर यहां पर कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन की खरीद फरोख्त नहीं कर सकता. पहचान छुपाकर कोई भी ग्रामीण गांव में नहीं घूमेगा. उन्होंने कहा कि पहचान का तो पहले से ही जिलाधिकारी द्वारा निर्देश है कि क्षेत्र में अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति घूमता हुआ मिलता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नियम अनुसार होगी कार्रवाई: उन्होंने कहा कि वह काश्तकारों की अपनी नाप भूमि है. अगर बेचना चाहते हैं तो बेचें और नहीं बेचना चाहते हैं तो ना बेचें. इस पर किसी के लिए कोई रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी मेरे संज्ञान में कोई ऐसा मामला नहीं आया है कि वहां किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा किसी दबाव के कारण या लोगों को धमका कर जमीन की खरीद फरोख्त की गई है. अगर ऐसा मामला संज्ञान में आता है, तो उसके खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

कालीगाड़ गांव की 600 है जनसंख्या: बता दें कि कालीगाड़ ग्राम सभा करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बसी है. यहां 100 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं. इन परिवारों की कुल जनसंख्या 600 के आसपास है. इन गांवों का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है, जो यहां से 100 किमी के आसपास दूर है.

टिहरी के गांव में भी लगा है ऐसा ही बोर्ड: इससे पहले टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के ग्रामीणों ने भी ऐसा ही फैसला लिया था. भेंनगी के ग्रामीणों ने भी अब वहां किसी बाहरी को अपनी जमीन नहीं बेचने देंका फैसला लिया है. ग्रामीणों ने गांव के मुख्य द्वार पर एक बड़ा बोर्ड लगा दिया है. बोर्ड में साफ लिखा है कि जमीन बेचने के लिए बिचौलिए गांव में प्रवेश न करें. जो भी जमीन बेचने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: टिहरी में भेंनगी गांव के लोग नहीं बेचेंगे अपनी जमीन, ग्राम पंचायत की खुली बैठक में लिया फैसला

अल्मोड़ा: जिले के सल्ट कालीगाड़ के ग्रामीणों ने अपना भू कानून बना लिया है. अब गांव में बाहरी व्यक्ति को ना जमीन बेची जाएगी. इसके बोर्ड भी क्षेत्र के ग्राम प्रधान द्वारा गांव की प्रवेश सीमा पर लगा दिया गया है. प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए गांव के सभी लोगों ने यह निर्णय लिया है.

कालीगाड़ के ग्रामीणों ने बनाया अपना भू कानून: पहाड़ों पर अंधाधुंध जमीनों की खरीद फरोख्त और पहाड़ों के वातावरण के साथ माहौल खराब होने के डर से अब ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है. दरअसल उत्तराखंड में भू कानून को लेकर इस वक्त सियासतदां और जनता के बीच लंबी लड़ाई छिड़ी हुई है. लंबे समय से लोग भू कानून की मांग कर रहे हैं.

इस गांव में जमीन की खरीद-फरोख्त बंद (Video- ETV Bharat)

गांव के प्रवेश द्वार पर लगा बोर्ड: सरकार के द्वारा सशक्त भू कानून नहीं बनाने के बाद अब अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र के कालीगढ़ गांव के लोगों ने अपना भू कानून बना लिया है. गांव के अंदर प्रवेश सीमा पर ग्राम प्रधान द्वारा एक बोर्ड लगवा दिया गया है. इसमें बाहरी व्यक्ति के लिए जमीन की खरीद फरोख्त पर और पहचान छुपा कर खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई है. इसका पालन पूरे गांव के ग्रामीण कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए मिल जुलकर यह निर्णय लिया है.

Ban on land sale in Almora Village
कालीगाड़ गांव में लगा बोर्ड (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

पर्यावरण और संस्कृति बचाने का प्रयास: क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि वह अपने ग्राम प्रधान का आदेश मानते हैं. यह सर्व सहमति से लिया गया निर्णय है, जो गांव की भलाई के लिए है और अपनी उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए भी है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पलायन रोकने के साथ ही गांव से माइग्रेट हो चुके बेराेजगारों को गांव वापस बुलाने की मुहिम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है.

Ban on land sale in Almora Village
अल्मोड़ा जिले का कालीगाड़ गांव (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

क्या कहते हैं ग्रामीण: कालीगाड़ की ग्राम प्रधान मंजू कांडपाल के पति परम कांडपाल कहते हैं कि आज ओने पौने दामों में भू माफियाओं द्वारा पहाड़ों पर, रिवर व्यू साइडों पर और हिमालय व्यू साइडों पर सारी जमीन बेच दी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग क्षेत्र में माहौल खराब करते हैं और हमारी धरोहर से पेड़ों से छेड़छाड़ करते हैं जो आने वाले समय में हमारी संस्कृति और पर्यावरण के लिए भी घातक है. उन्होंने कहा इसलिए सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि साथ ही गांव में जो भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश करेगा, उसका सत्यापन भी जरूरी है. वरना बिना सत्यापन के बाहरी व्यक्ति का गांव के अंदर प्रवेश पर रोक है.

Kaligaad village Almora
कालीगाड़ गांव प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है (Photo courtesy- Kaligaad Gram Sabha)

तहसीलदार ने क्या कहा: तहसीलदार आबिद अली ने कहा कि हमारे संज्ञान में भी एक मामला आया है कि कालीगाड़ के ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा एक बोर्ड लगाया गया है. इस बोर्ड में लिखा गया है कि पहचान छुपा कर यहां पर कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन की खरीद फरोख्त नहीं कर सकता. पहचान छुपाकर कोई भी ग्रामीण गांव में नहीं घूमेगा. उन्होंने कहा कि पहचान का तो पहले से ही जिलाधिकारी द्वारा निर्देश है कि क्षेत्र में अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति घूमता हुआ मिलता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नियम अनुसार होगी कार्रवाई: उन्होंने कहा कि वह काश्तकारों की अपनी नाप भूमि है. अगर बेचना चाहते हैं तो बेचें और नहीं बेचना चाहते हैं तो ना बेचें. इस पर किसी के लिए कोई रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी मेरे संज्ञान में कोई ऐसा मामला नहीं आया है कि वहां किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा किसी दबाव के कारण या लोगों को धमका कर जमीन की खरीद फरोख्त की गई है. अगर ऐसा मामला संज्ञान में आता है, तो उसके खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

कालीगाड़ गांव की 600 है जनसंख्या: बता दें कि कालीगाड़ ग्राम सभा करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बसी है. यहां 100 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं. इन परिवारों की कुल जनसंख्या 600 के आसपास है. इन गांवों का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है, जो यहां से 100 किमी के आसपास दूर है.

टिहरी के गांव में भी लगा है ऐसा ही बोर्ड: इससे पहले टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के भेंनगी गांव के ग्रामीणों ने भी ऐसा ही फैसला लिया था. भेंनगी के ग्रामीणों ने भी अब वहां किसी बाहरी को अपनी जमीन नहीं बेचने देंका फैसला लिया है. ग्रामीणों ने गांव के मुख्य द्वार पर एक बड़ा बोर्ड लगा दिया है. बोर्ड में साफ लिखा है कि जमीन बेचने के लिए बिचौलिए गांव में प्रवेश न करें. जो भी जमीन बेचने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: टिहरी में भेंनगी गांव के लोग नहीं बेचेंगे अपनी जमीन, ग्राम पंचायत की खुली बैठक में लिया फैसला

Last Updated : Sep 30, 2024, 12:19 PM IST
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