गोरखपुर: यूपी में 69000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमों के पालन में हुई लापरवाही को लेकर ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष काली शंकर यादव ने रविवार को गोरखपुर में सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो सरकार लगातार ओबीसी के हित में आवाज बुलंद करती दिखाई दे रही है, उस सरकार के कार्यकाल में शिक्षक भर्ती जैसे महत्वपूर्ण अभियान में, आरक्षण नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. यही नहीं ओबीसी और एसटी को भी बड़े पैमाने पर इस परीक्षा व्यवस्था से बाहर करने का जो खेल खेला गया. वह हाईकोर्ट के आए आदेश से बेनकाब हुआ है.
उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने इसके लिए आंदोलन किया वह बधाई के पात्र हैं, लेकिन योगी सरकार को चाहिए कि हाईकोर्ट ने जो 30 दिन का समय उन्हें दिया है. वह इस भर्ती परीक्षा के नए परिणाम को आरक्षण के नियमों को लागू करते हुए उसे यथाशीघ्र जारी करें न कि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए.
उन्होंने कहा कि ओबीसी पार्टी, ओबीसी के हक अधिकार के लिए, तो लड़ाई लड़ ही रही है, लेकिन अगर आरक्षण के नियमों के साथ कोई भी सरकार खिलवाड़ करती है, संविधान की धज्जियां उड़ती हैं और आरक्षण पाने वाली अन्य जातियों का भी उससे हनन होता है, तो ओबीसी पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है. इस पार्टी का गठन ही सड़क से लेकर न्यायपालिका तक अपने समाज के हक अधिकारों की लड़ाई लड़ते-लड़ते हुआ है. ऐसे में अधिकारों से वंचित करने के प्रयास को OBC पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला करके पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय और भेदभाव हुआ है. यह आरक्षण घोटाला संविधान के साथ धोखा और उसका अपमान है. ओबीसी पार्टी मांग करती है कि घोटाले में शामिल सत्ता के लोगों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. उत्तर प्रदेश सरकार पिछड़ी और दलित अभ्यर्थियों से क्षमा मांगते हुए तत्काल न्याय करें.
उन्होंने कहा कि 69 हजार भर्तियों में ओबीसी को 27 परसेंट की जगह सिर्फ 3.86 परसेंट आरक्षण मिला और एससी वर्ग को 21 परसेंट की जगह 16.6 परसेंट आरक्षण मिला. यह कहां का न्याय है.
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