कैमूर (भभुआ): कैमूर सरकारी विद्यालय के प्रभारी हेडमास्टर सिकेंद्र कुमार सुमन को उनके स्कूल में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 5 सितंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा. सिकेंद्र कुमार सुमन, कुदरा प्रखंड के न्यू प्राथमिक विद्यालय, तरहनी में कई वर्षों से प्रभारी हेडमास्टर के पद पर कार्यरत हैं.
कैमूर के शिक्षक को राष्ट्रीय पुरस्कार: बता दें कि सिकेन्द्र कुमार सुमन तरहनी विद्यालय में कई वर्ष से प्रभारी हेडमास्टर के पद पर कार्यरत है. ऐसे में विद्यालय में ऑन लाइन परीक्षा के साथ-साथ निजी विद्यालय के तौर पर कई तरह का व्यवस्था किये हैं. आमतौर पर प्राइवेट स्कूलों में ही देखने को मिलती हैं. उन्होंने 5वीं कक्षा के सभी बच्चों के लिए ईमेल आईडी भी बनवाई है, जिससे बच्चे ईमेल भेज सकते हैं. इन सब उपलब्धियों के लिए सिकेंद्र कुमार सुमन ने पहली बार राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए आवेदन किया था और उन्हें यह पुरस्कार मिलेगा.
"पहली बार में ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नाम चयन होने के बाद काफी खुशी हो रही है. इस पुरस्कार के लिए हमारे विद्यालय के सभी शिक्षकों का भी योगदान है जो हमारे साथ मिलकर अपने पैसे से पढ़ाई के लिए व्यवस्था करते हैं."- सिकेंद्र कुमार सुमन, प्रभारी हेडमास्टर
कैमूर से सम्मान पाने वाले सिकेंद्र तीसरे शिक्षक होंगे: राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान पुरष्कार पाने वाले कुदरा के तरहनी विद्यालय के प्रभारी हेडमास्टर सिकेंद्र कुमार सुमन कैमूर जिले के तीसरे शिक्षक होंगे जिन्हें सम्मानित किया जाएगा. इससे पहले 2021 में रामगढ़ प्रखंड से मीडिल स्कूल डहरक के हेडमास्टर हरदास शर्मा और 2023 में रामगढ़ प्रखंड के ही आदर्श बालिका इंटर स्तरीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह को ये पुरस्कार मिल चुका है.
तरहनी विद्यालय में 52 छात्र पढ़ते हैं: कुदरा प्रखंड के न्यू प्राथमिक विद्यालय, तरहनी में कुल 52 छात्र पढ़ते हैं और यहां तीन शिक्षक कार्यरत हैं. सिकेंद्र कुमार सुमन और उनके साथी शिक्षकों ने मिलकर इस स्कूल को एक मिसाल बना दिया है. यहां बच्चे प्राइवेट स्कूलों की तरह टाई-बेल्ट पहनकर आते हैं. यहां 5वीं के तक बच्चे को मोबाइल पर ऑनलाइन परीक्षा देते हैं और ईमेल का इस्तेमाल भी करते हैं.
5 सितंबर को शिक्षक दिवसः बता दें कि हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. दरअसल 5 सितंबर 1988 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. जिन्होंने एक शिक्षक के रूप में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं और 13 मई 1952 को देश के पहले उपराष्ट्रपति बनकर शिक्षा क्षेत्र को गौरवान्वित किया.