भोपाल: दूसरी पारी के ज्योतिरादित्य सिंधिया बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. एक्शन में तो सिंधिया हमेशा से ही थे, लेकिन इस बार एक्शन के साथ रिएक्शन भी है और रिजल्ट भी है. चुनाव जीतने के महज दो महीने बाद से ही सिंधिया भू-माफिया के खिलाफ जिस तरह से एक्शन में आ रहे हैं. जिस तरह से कलेक्ट्रेट में बैठक लेकर उन्होंने अधिकारियों को पीडीएस सिस्टम में जीरो टॉलरेंस और भू माफिया पर लगाम कसने के निर्देश दिए हैं. सिंधिया की ये अंगड़ाई बता रही है कि इस बार महाराज के तेवर बदले हुए हैं.
आज, सुबह अशोकनगर में श्री @JM_Scindia जी ने अपने प्रियजनों से मुलाकात कर दिन की शुरुआत की। साथ ही उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया। pic.twitter.com/hYbCQIuGjY
— Office Of JM Scindia (@Officejmscindia) August 13, 2024
दूसरी पारी के सिंधिया के अंदाज बदले क्यों है
अशोकनगर की कलेक्ट्रेट में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया की खरी-खरी को अगर मिसाल के तौर पर लिया जाए, तो ये तस्वीर बता रही है कि सिंधिया के तेवर बीजेपी की इस पारी में बदले हुए हैं. पिछली बार राज्यसभा सांसद और मंत्री बतौर सिंधिया ने जिस खामोशी से पूरा समय निकाला. इस बार चुनाव जीतने के महीने भर बाद से उनके अंदाज बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. ये बदलाव उनके अपने क्षेत्र में सबसे पहले दिखाई दिया. भ्रष्टाचार को जीरो टालरेंस की नीति पर चलते हुए सिंधिया ने अशोक नगर की कलेक्ट्रेट में कहा कि 'पीडीएस सिस्टम में करप्शन को सख्ती से रोका जाए, दूसरी तरफ उन्होंने भू माफियाओं पर नकेल की बात की. सिंधिया के मुताबिक एक्शन का रिएक्शन भी होना चाहिए, इसलिए उन्होंने साफ कह दिया है कि भू-माफिया पर जो कार्रवाई होगी. उसकी हर हफ्ते की रिपोर्ट उन्हें चाहिए.
आज, अशोकनगर में जनसम्पर्क कार्यालय का उद्घाटन किया। यह कार्यालय मेरी जनता और मेरे बीच संपर्क सूत्र का कार्य करेगा तथा इसके माध्यम से नागरिकों की समस्याओं के निवारण की पूरी कोशिश की जाएगी। pic.twitter.com/ZaUfOObXEM
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 13, 2024
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं 'इसमें दो राय नहीं कि बीजेपी में सिंधिया को आए कम समय हुआ, लेकिन उन्होंने बहुत तेजी से और मजबूती से पैर जमाए. पहली पारी के सिंधिया और दूसरी पारी के सिंधिया में साफ फर्क दिखाई दे रहा है. जिस तरह से वो खास तौर पर अपने लोकसभा क्षेत्र में भू माफियाओं पर लगाम कस रहे हैं. जिस तरह से उन्होंने अशोक नगर कलेक्ट्रेट में अल्टीमेटम के अंदाज में कहा कि उन्हें हर हफ्ते की रिपोर्ट चाहिए. ये दर्शाता है कि नीचे से ऊपर तक रिजल्ट ओरिएंटेड काम पर सिंधिया का जोर है. अब अपनी लोकसभा से ही उन्होंने भू माफियाओं पर नकेल कसने के साथ करप्शन के खिलाफ जीरो टालरेंस की सख्ती से शुरुआत कर दी है.'
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बीजेपी में सिंधिया सबसे दमदार
हालिया मोहन यादव सरकार में जो मंत्रियों को प्रभार के जिले दिए गए हैं. उनमें जिस तरह से सिंधिया समर्थक मंत्रियों को सिंधिया के इलाके का ही प्रभार दिया गया, वो ये बताता है कि सिंधिया की ताकत बीजेपी में पहले से बढ़ी है. गोविंद सिंह राजपूत को गुना प्रद्युम्न सिंह तोमर को शिवपुरी और तुलसी सिलावट पहले की तरह ग्वालियर का प्रभार देखेंगे. यानि सिंधिया के इलाकों में तैनाती सिंधिया समर्थकों की ही की गई है. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं 'ये बहुत बड़ा संकेत है कि सिंधिया के क्षेत्राधिकार में दखलअंदाजी नहीं हुई है. उनका पॉवर बरकरार है, बल्कि बढ़ा ही है.'