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सिंधिया बनेंगे ग्वालियर चंबल की चार सीटों के असल महाराज, शर्त इतनी की बीजेपी की हो गुना-शिवपुरी में धमाकेदार जीत - Scindia Effect on Chambal Region - SCINDIA EFFECT ON CHAMBAL REGION

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी सीट से बीजेपी प्रत्याशी है. अपनी लोकसभा सीट में जीत को लेकर सिंधिया एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. जबकि गुना-शिवपुरी के अलावा भी चंबल-अंचल की कई ऐसी सीटे हैं, जिस पर सिंधिया का खासा प्रभाव है. बस सिंधिया ही नहीं इन सीटों पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का भी प्रभाव है. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस चुनाव में दोनों की साख दांव पर लगी है.

SCINDIA EFFECT ON CHAMBAL REGION
MP चंबल-अंचल की सीटों पर सिंधिया इफेक्ट, जीत मिली तो 'महाराज' की जमीन होगी मजबूत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 4:21 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 9:00 PM IST

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनावी भविष्य केवल गुना-शिवपुरी सीट पर देखा जा रहा हो. ग्वालियर चंबल की चारों लोकसभा सीटों पर सिंधिया इफेक्ट माना जाता है. गुना-शिवपुरी के अलावा मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट भिंड और ग्वालियर ये वो लोकसभा सीटे हैं, जहां बीजेपी का कमल खिलता है. कमल एमपी से लेकर दिल्ली तक सिंधिया की साख बढ़ाएगा. इनमें केवल मुरैना लोकसभा सीट ऐसी है. जिस सीट पर नरेन्द्र सिंह तोमर भी बराबर का प्रभाव रखते हैं. चार साल पहले बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद ये ग्वालियर चंबल की सीटों पर अगर बीजेपी को जीत मिलती है, तो सिंधिया की पार्टी में जमीन मजबूत करेगी.

इन चार सीटों पर जीत करेगी सिंधिया की जीत मजबूत

सिंधिया 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल के दायरे में आने वाली चार लोकसभा सीटों की 34 विधानसभा सीटों में से 26 सीटों पर जीत दर्ज करवा के सिंधिया ने कांग्रेस की सत्ता की राह आसान करवाई. इसी जमीन से जब सिंधिया के साथ उनके समर्थक विधायकों की बगावत हुई तो कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली भी गई. ज्योतिरादित्य सिंधिया बेशक गुना सीट से चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर जीत हार से उनका चुनावी भविष्य देखा जा रहा है, लेकिन असल में एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से चार ऐसी सीटें हैं, जो सिंधिया के प्रभाव वाली हैं और जिनकी जीत हार सीधे तौर पर सिंधिया के बीजेपी में राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगी.

SCINDIA EFFECT ON CHAMBAL REGION
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

इनमें गुना लोकसभा सीट के अलावा ग्वालियर लोकसभा, भिंड दतिया लोकसभा और मुरैना श्योपुर सीट शामिल हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'कांग्रेस में जिस तरह से किलेदार रहे हैं तो कांग्रेस के दौर से ही ग्वालियर चंबल सिंधिया की टेरटरी माना जाता है. ये वो इलाका है कि जहां सिंधिया से पूछ कर टिकट तय होते हैं. एक तरह से इन सीटों की अघोषित जवाबदारी सिंधिया की ही रहती आई है. बीजेपी में आने के बाद भी जबकि ग्वालियर चंबल से नरेन्द्र सिंह तोमर प्रभात झा जैसे नेता भी हैं. सिंधिया ने अपनी मेहनत से विधानसभा चुनाव में साबित किया है कि सिंधिया के पार्टी बदलने से उनकी जमीन पर फर्क नहीं आया.'

सिंधिया के साथ कहां तोमर की भी साख दांव पर

गुना के बाद ग्वालियर लोकसभा सीट तो सीधे तौर पर सिंधिया के प्रभाव वाली सीटों में गिनी जाती है. इसके अलावा भिंड से लेकर मुरैना लोकसभा तक सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, 'सिंधिया राजपरिवार का इस इलाके से वन टू वन कनेक्ट है. खुद सिंधिया के लिए गुना ग्वालियर चंबल का इलाका कोई राजनीतिक पिच नहीं उनका परिवार है. कांग्रेस ने जिस तरह से उन्हें धोखा दिया. सिंधिया को सीएम पद का स्वाभाविक दावेदार होते हुए भी किनारे किया. उसका जवाब जनता ने 28 सीटों के उपचुनाव में ही दे दिया था. हालांकि मुरैना लोकसभा सीट पर सिंधिया के साथ नरेन्द्र सिंह तोमर की भी साख दांव पर हैं.'

यहां पढ़ें...

चंबल-अंचल पर टिकी सबकी निगाह, दांव पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा, सिंधिया के लिए अग्नि परीक्षा

सिंधिया ने क्या कह दिया, "... इनके 10 साल के राज में भारत भ्रष्टाचार के लिए दुनिया में था कुख्यात"

ग्वालियर चंबल की चार सीटों पर कौन से चेहरे

ग्वालियर चंगल की चार सीटों की बात करें तो गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुकाबले कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं. इसी तरह ग्वालियर में बीजेपी के भारत सिंह कुशवाहा के सामने कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को उम्मीदवार बनाया है. वहीं मुरैना में नरेन्द्र सिंह तोमर समर्थक उम्मीदार शिव मंगल सिंह तोमर के मुकाबले मे कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को उतार दिया है. वहीं भिंड में बीजेपी ने अपनी मौजूदा सांसद संध्या राय को ही फिर मौका दिया और कांग्रेस ने उनकी टक्कर में फुलसिंह बरैया को मैदान में उतारा है.

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनावी भविष्य केवल गुना-शिवपुरी सीट पर देखा जा रहा हो. ग्वालियर चंबल की चारों लोकसभा सीटों पर सिंधिया इफेक्ट माना जाता है. गुना-शिवपुरी के अलावा मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट भिंड और ग्वालियर ये वो लोकसभा सीटे हैं, जहां बीजेपी का कमल खिलता है. कमल एमपी से लेकर दिल्ली तक सिंधिया की साख बढ़ाएगा. इनमें केवल मुरैना लोकसभा सीट ऐसी है. जिस सीट पर नरेन्द्र सिंह तोमर भी बराबर का प्रभाव रखते हैं. चार साल पहले बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद ये ग्वालियर चंबल की सीटों पर अगर बीजेपी को जीत मिलती है, तो सिंधिया की पार्टी में जमीन मजबूत करेगी.

इन चार सीटों पर जीत करेगी सिंधिया की जीत मजबूत

सिंधिया 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल के दायरे में आने वाली चार लोकसभा सीटों की 34 विधानसभा सीटों में से 26 सीटों पर जीत दर्ज करवा के सिंधिया ने कांग्रेस की सत्ता की राह आसान करवाई. इसी जमीन से जब सिंधिया के साथ उनके समर्थक विधायकों की बगावत हुई तो कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली भी गई. ज्योतिरादित्य सिंधिया बेशक गुना सीट से चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर जीत हार से उनका चुनावी भविष्य देखा जा रहा है, लेकिन असल में एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से चार ऐसी सीटें हैं, जो सिंधिया के प्रभाव वाली हैं और जिनकी जीत हार सीधे तौर पर सिंधिया के बीजेपी में राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगी.

SCINDIA EFFECT ON CHAMBAL REGION
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

इनमें गुना लोकसभा सीट के अलावा ग्वालियर लोकसभा, भिंड दतिया लोकसभा और मुरैना श्योपुर सीट शामिल हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'कांग्रेस में जिस तरह से किलेदार रहे हैं तो कांग्रेस के दौर से ही ग्वालियर चंबल सिंधिया की टेरटरी माना जाता है. ये वो इलाका है कि जहां सिंधिया से पूछ कर टिकट तय होते हैं. एक तरह से इन सीटों की अघोषित जवाबदारी सिंधिया की ही रहती आई है. बीजेपी में आने के बाद भी जबकि ग्वालियर चंबल से नरेन्द्र सिंह तोमर प्रभात झा जैसे नेता भी हैं. सिंधिया ने अपनी मेहनत से विधानसभा चुनाव में साबित किया है कि सिंधिया के पार्टी बदलने से उनकी जमीन पर फर्क नहीं आया.'

सिंधिया के साथ कहां तोमर की भी साख दांव पर

गुना के बाद ग्वालियर लोकसभा सीट तो सीधे तौर पर सिंधिया के प्रभाव वाली सीटों में गिनी जाती है. इसके अलावा भिंड से लेकर मुरैना लोकसभा तक सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, 'सिंधिया राजपरिवार का इस इलाके से वन टू वन कनेक्ट है. खुद सिंधिया के लिए गुना ग्वालियर चंबल का इलाका कोई राजनीतिक पिच नहीं उनका परिवार है. कांग्रेस ने जिस तरह से उन्हें धोखा दिया. सिंधिया को सीएम पद का स्वाभाविक दावेदार होते हुए भी किनारे किया. उसका जवाब जनता ने 28 सीटों के उपचुनाव में ही दे दिया था. हालांकि मुरैना लोकसभा सीट पर सिंधिया के साथ नरेन्द्र सिंह तोमर की भी साख दांव पर हैं.'

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Last Updated : Apr 30, 2024, 9:00 PM IST
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