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सीजीएल परीक्षा विवाद: दो कोचिंग संस्थान और चार अभ्यर्थियों से JSSC ने मांगा स्पष्टीकरण - JSSC CGL Exam Controversy

JSSC CGL Exam. जेएसएससी सीजीएल परीक्षा विवाद मामले को लेकर आयोग ने दो कोचिंग संस्थान और चार अभ्यर्थियों को कार्यालय बुलाया है. इसी दिन अभ्यर्थियों से आयोग कार्यालय के सामने जुटान होने का आह्वान किया गया है, जिस पर आयोग ने सवाल खड़ा किया है.

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जेएसएससी कार्यालय (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 30, 2024, 9:29 AM IST

रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा विवाद दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. एक तरफ इसे लेकर विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ 30 सितंबर यानी आज आयोग के सामने अभ्यार्थियों के जुटान का आह्वान किया गया है. दूसरी तरफ राजभवन से आयोग तक पहुंची गड़बड़ी की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है.

इस बीच जेएसएससी के सचिव ने एग्जाम फाइटर कोचिंग के कुणाल प्रताप सिंह, करियर फाउंडेशन के प्रकाश कुमार, अभ्यर्थी आशीष कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार और प्रेमलाल ठाकुर को साक्ष्य के मूल स्रोत के साथ 30 सितंबर को अपराह्न 3:00 बजे आयोग के दफ्तर में बुलाया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि शिकायत से जुड़े साक्ष्य सीडी और पेन ड्राइव के जरिए उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन सीडी खाली है. वहीं, पेन ड्राइव के साक्ष्य के लिए मूल प्राथमिक साक्ष्य का होना जरूरी है.

आयोग ने शिकायतकर्ताओं से मांगा जवाब

आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने पूछा है कि जांच प्रक्रिया पूरी हुए बिना छात्रों को 30 सितंबर को आयोग के दफ्तर के सामने जमा होने के लिए आह्वान के पीछे की मंशा क्या है. क्या इसके लिए सक्षम स्तर से अनुमति ली गई है. क्या जांच को प्रभावित करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने के लिए कहा जा रहा है. इस दौरान अगर विधि व्यवस्था भंग होने की समस्या सामने आती है या भीड़ द्वारा आयोग के कर्मियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो इसको अवैध मानते हुए आपके खिलाफ जवाबदेही क्यों न सुनिश्चित की जाए. नोटिस में कहा गया है कि 26 सितंबर को भी माइक के जरिए छात्रों को उकसाया जा रहा था.

आयोग के सचिव ने पूछा है कि 22 सितंबर को 1:30 बजे मेरिट वाले दोनों पत्रों की परीक्षा संपन्न हुई थी. फिर 5 दिन बाद 26 सितंबर की शाम 5:00 बजे आपके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. जांच को अभी 5 दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन आपकी ओर से छात्रों को उकसाया जा रहा है. जबकि 30 सितंबर को 3:00 बजे आयोग में उपस्थित होकर जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया था.

आयोग का कहना है कि प्रश्न पत्र लीक होने का सत्यापन हुए बगैर यह नारा देना कि परीक्षा रद्द करा कर रहेंगे, जेएसएससी की ईंट से ईंट बजा देंगे, मंशा को संदिग्ध बना रही है. सचिव ने पूछा है कि जांच पूरी हुए बिना 30 सितंबर को छात्रों को नामकुम स्थित आयोग के दफ्तर के सामने जमा होने के लिए कहा जा रहा है. जबकि 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर रांची के आदेश पर आयोग के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगा हुआ है.

ये भी पढ़ें: JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी मामले की होगी जांच, राज्यपाल के निर्देश पर आयोग ने गठित की जांच टीम

ये भी पढ़ें: राज्यपाल द्वारा जांच के आदेश के बीच सीजीएल परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी, छात्रों ने आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा विवाद दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. एक तरफ इसे लेकर विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ 30 सितंबर यानी आज आयोग के सामने अभ्यार्थियों के जुटान का आह्वान किया गया है. दूसरी तरफ राजभवन से आयोग तक पहुंची गड़बड़ी की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है.

इस बीच जेएसएससी के सचिव ने एग्जाम फाइटर कोचिंग के कुणाल प्रताप सिंह, करियर फाउंडेशन के प्रकाश कुमार, अभ्यर्थी आशीष कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार और प्रेमलाल ठाकुर को साक्ष्य के मूल स्रोत के साथ 30 सितंबर को अपराह्न 3:00 बजे आयोग के दफ्तर में बुलाया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि शिकायत से जुड़े साक्ष्य सीडी और पेन ड्राइव के जरिए उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन सीडी खाली है. वहीं, पेन ड्राइव के साक्ष्य के लिए मूल प्राथमिक साक्ष्य का होना जरूरी है.

आयोग ने शिकायतकर्ताओं से मांगा जवाब

आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने पूछा है कि जांच प्रक्रिया पूरी हुए बिना छात्रों को 30 सितंबर को आयोग के दफ्तर के सामने जमा होने के लिए आह्वान के पीछे की मंशा क्या है. क्या इसके लिए सक्षम स्तर से अनुमति ली गई है. क्या जांच को प्रभावित करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने के लिए कहा जा रहा है. इस दौरान अगर विधि व्यवस्था भंग होने की समस्या सामने आती है या भीड़ द्वारा आयोग के कर्मियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो इसको अवैध मानते हुए आपके खिलाफ जवाबदेही क्यों न सुनिश्चित की जाए. नोटिस में कहा गया है कि 26 सितंबर को भी माइक के जरिए छात्रों को उकसाया जा रहा था.

आयोग के सचिव ने पूछा है कि 22 सितंबर को 1:30 बजे मेरिट वाले दोनों पत्रों की परीक्षा संपन्न हुई थी. फिर 5 दिन बाद 26 सितंबर की शाम 5:00 बजे आपके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी. जांच को अभी 5 दिन भी नहीं हुए हैं, लेकिन आपकी ओर से छात्रों को उकसाया जा रहा है. जबकि 30 सितंबर को 3:00 बजे आयोग में उपस्थित होकर जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया था.

आयोग का कहना है कि प्रश्न पत्र लीक होने का सत्यापन हुए बगैर यह नारा देना कि परीक्षा रद्द करा कर रहेंगे, जेएसएससी की ईंट से ईंट बजा देंगे, मंशा को संदिग्ध बना रही है. सचिव ने पूछा है कि जांच पूरी हुए बिना 30 सितंबर को छात्रों को नामकुम स्थित आयोग के दफ्तर के सामने जमा होने के लिए कहा जा रहा है. जबकि 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर रांची के आदेश पर आयोग के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगा हुआ है.

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