पटना: राजधानी पटना स्थित ईटीवी भारत दफ्तर में बिहार ब्यूरो चीफ बृजमोहन पांडे ने रामोजी राव के संदेश को पढ़ा. मौके पर तमाम जिलों से आए पत्रकारों ने रामोजी राव के संदेश को बड़े ही शिद्दत के साथ सुना और 2 मिनट तक मौन रखकर ईटीवी समूह के संस्थापक पद्म विभूषण रामोजी राव के लिए मोक्ष की कामना की.
रामोजी राव को दी गई श्रद्धांजलि: ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो कार्यालय पटना में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. वैदिक मंत्रोचार के साथ मृत आत्मा के मोक्ष की कामना की गई. ईटीवी भारत बिहार टीम के तमाम सदस्यों ने राजधानी पटना स्थित कार्यालय में रामोजी राव को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि देने वालों में ईटीवी से जुड़े पूर्ववर्ती सदस्य भी शामिल हुए. इसके अलावा ईटीवी भारत बिहार के तमाम कर्मियों ने रामोजी राव को नमन किया.
पत्रकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि: ईटीवी भारत में लंबे अरसे तक योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने भी श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लिया और रामोजी राव को पत्रकारिता का अग्रदूत करार दिया. प्रवीण बागी ने कहा कि "रामोजी राव जैसे निर्भीक पत्रकार सदी में एक पैदा होते हैं. ऐसी शख्सियत दुनिया में बार-बार नहीं आते हैं. पत्रकारिता के क्षेत्र में जो उनका योगदान रहा उसे भुलाया नहीं जा सकता है. मैं ईश्वर से अमृत आत्मा के लिये मोक्ष की कामना करता हूं."
बिहार के सभी जिलों के जुटे पत्रकार: ईटीवी भारत से जुड़े पत्रकार रंजीत कुमार ने भी अनुभव साझा करते हुए कहा कि "रामोजी राव जैसे शख्सियत सदी में एक पैदा होते हैं. ऐसे लोग शरीर छोड़ते हैं लेकिन मरते नहीं है. उनके कृत्य उन्हें अमर कर जाते हैं. हम जैसे सिपाही रामोजी राव के सपनों को धरातल की सरजमीं पर लाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे. रामोजी राव का अपने कर्मियों के प्रति पुत्रवत व्यवहार सदा याद किया जाएगा."
रामोजी राव का जीवन संघर्षों से भरा: देश की पत्रकारिता के अग्रदूत रामोजी राव के आकस्मिक निधन ने पत्रकारिता जगत को बड़ी क्षति पहुंचाई है. 16 नवंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में जन्मे रामोजी राव का जीवन संघर्षों से भरा रहा. संघर्ष के अग्निपथ पर चलते हुए रामोजी राव ने एक के बाद एक मुकाम हासिल किये और पत्रकारिता को नए क्षितिज पर ले जाने का काम किया.
2016 में रामोजी राव को पद्म विभूषण: रीजनल चैनल की दुनिया में क्रांति लाने का श्रेय रामोजी राव को जाता है. डिजिटाइजेशन को रामोजी राव ने हथियार बनाया और आज की तारीख में पूरा देश डिजिटाइजेशन को अपनाने के लिए तैयार है. ईटीवी भारत नेटवर्क के जरिए डिजिटाइजेशन को गति दी गई. 2016 में रामोजी राव को पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था.
8 जून 2024 को रामोजी राव का निधन: रामोजी राव को सबसे बड़ा फिल्म सिटी बनाने का श्रेय भी जाता है. इसके अलावा रामोजी राव ने इनाडु तेलुगू अखबार ,ईटीवी नेटवर्क, प्रिया फूड्स ,डॉल्फिन होटल, उषा किरण मूवीज को ऊंचाई पर ले जाने का काम किया. 8 जून 2024 को रामोजी राव ने अंतिम सांस ली और उनके निधन से पूरा पत्रकारिता जगत स्तब्ध रह गया. सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का तांता लग गया और पत्रकारों, फिल्मकार और राजनेताओं ने रामोजी राव को अलग-अलग शब्दों से अलंकृत किया और श्रद्धांजलि दी.
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