कोटद्वार: अंकिता हत्याकांड मामले में न्याय की आवाज उठाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी को कोर्ट से जमानत मिल गई है. जिसके बाद आशुतोष नेगी की रिहाई हो गई है. आशुतोष नेगी को पौड़ी पुलिस ने एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के बाद रिहाई की मांग को लेकर उत्तराखंड के सभी शहरों में आन्दोलन किया जा रहा था. आज अपर जिला सत्र न्यायालय कोटद्वार से जमानत मिलने के बाद आशुतोष की रिहाई हो गई है.
कोटद्वार सिम्मलचौड़ स्थित न्यायालय में आशुतोष नेगी की सूचना मिलते ही पत्रकार की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. न्यायालय से बाहर आशुतोष की रिहाई की मांग कर रही महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ उत्तराखंड महिला पुलिसकर्मियों की जोर आजमाइश हुई. उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी के पिता विरेन्द्र भंडारी ने आशुतोष नेगी की रिहाई पर खुशी जताई. उन्होंने कहा बेटी के साथ जघन्य अपराध करने वालों को सजा दिलाने के लिए आशुतोष काम कर थे. उत्तराखंड पुलिस ने आशुतोष नेगी को फर्जी एसटी एक्ट लगाकर गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आशुतोष नेगी की रिहाई हुई है, वैसे ही अंकिता के हत्यारोपियों को भी उनके किये की सजा मिलेगी.
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्यायालय से बाहर अभियुक्तों के लिए कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे आशुतोष नेगी को कोटद्वार अपर जिला सत्र न्यायालय ने 40 -40 हजार मुचलके पर जमानत पर रिहाई दे दी है. आशुतोष नेगी की अधिवक्ता सरिता रानी ने बताया न्यायालय में आशुतोष नेगी की रिहाई की मांग की गई थी. पौड़ी व बार काउंसिल कोटद्वार की ओर से 20-25 अधिवक्ताओं ने बहस की. न्यायालय ने दीप मैठाणी व आशुतोष नेगी की रिहाई के आदेश जारी कर दिए हैं.
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