नई दिल्ली: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज गुरुवार को संसद भवन के उस परिसर पर पहुंचे जहां सन 1966 में निहत्थे गौ भक्त एवं संतों पर गोलियां चलाई गई थी. वहां पर जगतगुरु ने अपने समर्थकों के साथ उन शहीद गौ भक्तों की मिट्टी को अपने माथे से लगाया और संकल्प लिया कि जब तक गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं करवा देते हैं तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. यह भी कहा कि गौ माता को पशु की सूची से हटकर राष्ट्र माता की सूची में डाला जाए और संसद में एक प्रस्ताव पारित कर गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करते हुए उसको राष्ट्र माता का प्रोटोकॉल भी दिया जाए.
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि जितनी भी राजनीतिक पार्टियां हैं वह शपथ पूर्वक घोषणा करें कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करेंगे. अगर पार्टिया शपथ नहीं देती है तो यह माना जाएगा कि वह गौमाता विरोधी पार्टी है. वहीं, जो पार्टियां शपथ पूर्वक घोषणा करेगी कि हम गौ माता की रक्षा के लिए कानून बनाएंगे तो वह पार्टिया भाई पार्टी की सूची में मानी जाएगी. उन्होंने कहा कि एक वर्ष तक जितने भी गौ भक्त सनातनी हैं लगातार बिना रुके बिना थके अपने क्षेत्र में गाय की सेवा में काम करेंगे.
बता दें,, आज सुबह सौकड़ों की संख्या में समर्थकों के साथ जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज पदयात्रा कर संसद के लिए निकले थे लेकिन नई दिल्ली जिला में प्रवेश करने पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. फिर पुलिस ने शंकराचार्य के साथ केवल 20 लोगों को आगे जाने की अनुमति दी, जिसके बाद शंकराचार्य ने अपने भक्तों से आह्वान किया कि वह लौट जाएं हम 20 लोगों के साथ आगे जाएंगे.