जालौर : राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जालोर मुख्यालय पर चल रहे किसान आंदोलन और जवाई नदी के पुनर्जीवन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने अमित शाह को एक मांग पत्र सौंपकर जनभावना से अवगत कराया.
जालोर जिले को भी शामिल करने की मांग : गर्ग ने बताया कि जवाई बांध के निर्माण से पूर्व जवाई नदी में पानी का बहाव वर्षभर रहता था, लेकिन बांध के निर्माण के बाद नदी का पानी अब लगभग सूख चुका है, जिसके कारण जालोर और आसपास का क्षेत्र जल संकट का सामना कर रहा है और यह क्षेत्र अब "डार्क जोन" बन चुका है. उन्होंने बताया कि राज्य के परिवर्तित बजट 2024-25 के तहत माही नदी के अधिशेष जल से जवाई बांध को पुनर्भरित करने की योजना प्रस्तावित की गई है, जो एक स्वागत योग्य कदम है. हालांकि, इस योजना में जालौर जिले का कोई उल्लेख नहीं है. ऐसे में उन्होंने मांग की कि इस योजना में जालौर जिले को भी शामिल किया जाए ताकि यहां के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके.
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गर्ग ने राज्य जल नीति 2010 का हवाला देते हुए बताया कि जल संसाधन परियोजनाओं में बांध के नीचे नदी में पानी छोड़ने का प्रावधान होना चाहिए. साथ ही जल नीति में यह भी उल्लेख है कि वृहद जलाशय परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभाव पर ध्यान दिया जाए, लेकिन जवाई बांध परियोजना में इन प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है.
ठोस कार्रवाई की मांग : मुख्य सचेतक ने कहा कि जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान कई दिनों से जालौर में धरने पर बैठे हैं. यदि जवाई पुनर्भरण योजना में जालौर को समुचित लाभ दिया जाता है, तो इससे पांच विधानसभा क्षेत्रों- सुमेरपुर, जालौर, आहोर, भीनमाल और सांचौर (चितलवाना) के लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र का भू-जल स्तर भी बढ़ेगा. इससे मरूस्थलीकरण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. गर्ग ने इस संवेदनशील मुद्दे पर जालौर और आसपास के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री से ठोस कार्रवाई की मांग की है.