जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव ने शनिवार ने इस्तीफा दे दिया. उनके कार्यालय के बाहर एबीवीपी का प्रदर्शन चल रहा था, इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के नाम लिखे अपने इस्तीफे पर सभी के सामने हस्ताक्षर किए और जेएनवीयू अधिकारी को सुपुर्द कर वहां से पैदल ही निकल गए. इसके बाद कुलपति ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारे दबाव में उन्होंने इस्तीफा दिया है. एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री सचिन राजपुरोहित ने बताया कि हम उनके कार्यकाल में हुई अनियमितताएं उजागर करने जा रहे थे. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलपति ने छात्रों से साफ कहा कि 'मैं इसी तरह काम करुंगा'. इसको हमने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा मंगवाया और हस्ताक्षर कर वहां से निकल गए.
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यह है असल वजह : जेएनवीयू सूत्रों ने बताया कि 2013 से 2018 के बीच गहलोत सरकार में विश्वविद्यालय में हुई शिक्षकों की निुयक्तियां लगातार विवाद में चल रही हैं. भाजपा की सरकार बनने के बाद इनकी पुनः जांच होने की आशंका है. पहले इसे दशोरा कमेटी ने गलत माना था, जबकि नियुक्त शिक्षक और गत सरकार के लोग उन पर इनके प्रमोशन जारी करने के लिए दबाव बनाए हुए थे. ऐसे में श्रीवास्तव इस पद से छुटकारा पाने की बाट जोह रहे थे, आज प्रदर्शन के बहाने उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
दो साल में चार दिन कम थे : प्रो. केएल श्रीवास्तव ने 14 फरवरी 2022 को कुलपति का कार्यभार ग्रहण किया था. श्रीवास्तव जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में ही अध्यापन का कार्य करवा चुके हैं. उन्होंने यहां जियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी थी और वर्ष 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे. गहलोत सरकार ने उनको कुलपति बनाया, जिसके आदेश राज्यपाल कलराज मिश्र ने जारी किए थे, लेकिन दो साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.