जोधपुर. जिले के पीपाड़ शहर थाना क्षेत्र के बाड़ाखुर्द गांव में शुक्रवार को एक पानी की डिग्गी में डूब रहे बेटे को बचाने के लिए कूदी मां और बहन भी डूब गईं. बाहर खड़े मृतका के भतीजे ने लोगों को आवाज देकर बुलाया तो तीनों को बचाने के लिए डिग्गी में कूदे, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी. बाद में शव ही बाहर लाए गए.
जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के पीपाड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवाया गया है. पुलिस ने बताया कि 40 वर्षीय संतोष देवी, पत्नी गोविंद सिंह राजपुरोहित गर्मी की छुट्टियों में अपने पिहर बाड़ाखुर्द गांव आई हुई थी. शुक्रवार को वह कपड़े धोने के लिए डिग्गी पर अपने बेटा-बेटी व भतीजे के साथ वहां गई. इस दौरान उसका 15 वर्षीय बेटा हनी का पांव फिसलने से वह डिग्गी के अंदर गिर गया और वहां पर लगी पानी की मोटर में फंस गया. इस पर हनी की 17 साल की बहन दिव्या भाई को बचाने के लिए डिग्गी में कूद गई. दोनों बेटा-बेटी को डूबता देख मां संतोष से नहीं रहा गया तो उसने भी डिग्गी में छलांग लगा दी, लेकिन तीनों ही बाहर नहीं आए. इस दौरान उनके साथ आया भतीजा वहां खड़े-खड़े चिल्लाने लगा.
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बच्चे की आवाज सुन कर डिग्गी के पास स्थित खेड़ी सालवा रेलवे स्टेशन से लोग भागकर आए, तो बच्चे ने बताया कि उकसी बुआ और भाई-बहन डूब गए हैं. इस पर कुछ लोगों ने पुलिस को सूचित किया. कुछ लोग डिग्गी में कूदे, लेकिन तीनों को बाहर निकाला तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी. इस दौरान पीपाड़ थाने से पुलिस भी मौके पर पहुंची. शवों को अस्पताल पहुंचाया गया. संतोष देवी के मायके वाले भी अस्पताल पहुंचे और ससुराल पक्ष को सूचित किया गया है.