नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों के लिए प्रचार प्रसार जोरों पर है. सभी संगठन अपने-अपने पक्ष में चुनावी माहौल बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं. ABVP ने पिछले चार साल के कार्यकाल पर प्रश्न पूछते हुए 5 बिंदुओं का एक आरोप पत्र जारी किया है. आरोप पत्र में छात्रों की आधारभूत समस्याओं जैसे जर्जर हॉस्टल, पानी की समस्या, छात्रवृत्ति, शैक्षणिक सत्र में समस्याएं और परीक्षा परिणाम में अनियमितताओं का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही ABVP ने जेएनयूएसयू पर निशाना साधा है
ABVP के आरोप पत्र के पांच बिंदु
1. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जब छात्र समग्र संकट और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे तब ये जेएनयू छात्रसंघ की तथाकथित अध्यक्ष आइशी घोष कहां थी. जब ABVP के कार्यकर्त्ता जेएनयू के छात्रों के लिए भोजन, दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था में जुटे थें तब खुद को छात्रों का हितैषी कहने वाले कहां थे.
2. जेएनयू के विद्यार्थिओं और परिसर की आधारभूत समस्याओं को लेकर आज तक जेएनयू छात्रसंघ की ओर से एक भी सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई गई. साथ ही जब बैठक बुलाई भी गई तो उसका विषय छात्रों की समस्याओं से संबंधित नहीं रहा.
3. जब जेएनयू के छात्र फेलोशिप, जल संकट, शैक्षणिक कैलेंडर की अनियमितता से परेशान थे. तब ये जेएनयू छात्रसंघ की अनाधिकृत अध्यक्ष आइशी घोष छात्रों की सुध लेने के बजाय बंद कमरों में वीसी के साथ चाय पार्टी कर रही थी. आइशी घोष को ये जवाब देना पड़ेगा कि वो किस अधिकार से और किन गुप्त मुद्दों पर वीसी के साथ चर्चा कर रही थी जिसको आज तक छात्रों के सामने नहीं लाया गया.
4. छात्रावासों की जर्जर छत का गिरना, उस छत के गिरने से शौचालय में उपस्थित छात्रों का घायल होना, जेएनयू छात्रसंघ की नाकामी और संवेदनहीनता का परिचायक है. जो छात्रसंघ अपने कार्यालय, जिसे टेफलास (स्टूडेंट कम्युनिटी सेंटर) के नाम से जाना जाता है पिछले 5 वर्षों से उसकी जर्जर छत की मरम्मत नहीं करवा सकी. वह जेएनयू के इंफ्रास्ट्रक्चर को क्या ही मजबूत कर पाएगी?
5. जब जेएनयू प्रशासन के निकम्मेपन के शिकार छात्रों को साल-साल भर तक छात्रवृत्ति (एमसीएम, नॉन नेट, एवं जेआरएफ) नहीं आ रही थी और विद्यार्थी परिषद छात्रवृत्ति में अनियमितता के चलते छात्रों की मांगों को लेकर प्रशासन से संघर्ष कर रहा था, प्रशासन के आदेश पर सुरक्षा कर्मियों की लाठियां खा रहा था तब लेफ्ट नीत जेएनयूएसयू और वामपंथी संगठन कहां सो रहे थे.
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इन पांच बिंदुओं के आरोप पत्र को लेकर एबीवीपी जेएनयू मंत्री विकास पटेल ने कहा कि पिछले 5 साल से जेएनयू के छात्र इस वामपंथ रूपी विष का दंश जेएनयूएसयू के माध्यम से झेल रहा है, जिस समय जेएनयू के छात्र कतिपय समस्याओं से जूझ रहे थे तब जेएनयू की अध्यक्ष बंगाल में चुनाव लड़, जमानत जब्त करवा रही थी. उन्होंने ये भी कहा किस जिस समय जेएनयू के छात्रों को एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी तब छात्र संघ अध्यक्ष बंगाल में अपनी राजनीतिक रोटी सेक रही थी.
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