सिमडेगा: झारखंड में सियासत गर्म है. पक्ष-विपक्ष के बीच शह और मात का खेल जारी है. एक तरफ सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायक बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. वहीं हेमंत सरकार लोक लुभावन योजनाओं से लोगों को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं. इन्ही में से एक योजना है मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, जिसे झारखंड सरकार का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. हालांकि अब इस योजना पर ग्रहण लगता दिख रहा है. वजह है योजना के खिलाई हाईकोर्ट में पीआईएल दायर होना. इस पीआईएल को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं.
पीआईएल में क्या है.
मुख्यमंत्री मंईयां योजना को हेमंत सरकार ने रक्षाबंधन कि दिन पाकुड़ से लॉन्च किया. दावे किए जा रहे हैं कि इस योजना के तहत लगभग 43 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं. इस योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल दायर हुआ है. याचिका दायर करने वाले सिमडेगा के रहने वाले हैं. उनका नाम विष्णु साहू है. पीआईएल में कहा गया है कि राज्य सरकार किसी व्यक्ति विशेष को उसके खाते में डायरेक्ट पैसे नहीं दे सकती है.
क्योंकि सरकार जो भी पैसे देती है, वो जनता के टैक्स के पैसे होते हैं. इन पैसों को जनहित की योजना में लगाना होता है. झारखंड में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव संभावित है. इसे लेलकर राज्य सरकार मतदाताओं को लुभावन योजना का लाभ देकर भ्रमित करने का काम कर रही है.
पीआईएल को लेकर बयानबाजी जारी
हालांकि इस पीआईएल पर अब तक कोई फैसला नहीं आया है, लेकिन अभी से इस पर बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. झामुमो की तरफ से इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है. याचिका को लेकर झामुमो नेता बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. बीजेपी को आदिवासी विरोधी बता रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे बीजेपी की साजिश बताया है.
मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि आखिर बीजेपी राज्य की मां-बहनो का भला क्यों नहीं चाहती है. उन्हें मंईयां योजना से तकलीफ क्या है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनकी मुझसे तकलीफ और खीज समझ में आती है, लेकिन झारखंडियों के हित पर कुठाराघात चिंतन का विषय है.
सिमडेगा जेएमएमए जिला अध्यक्ष का बयान
वहीं दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा सिमडेगा के जिलाध्यक्ष अनिल कंडुलना कहते हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य की मां और बहनों की चिंता है. इसलिए उन्होंने रक्षाबंधन के शुभ दिन पर राज्य की महिलाओं को सम्मान के तौर पर 1000 सहायता की राशि प्रदान की है. उन्होंने यह भी कहा कि यह याचिका भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर दाखिल की गई है. क्योंकि आए दिन भारतीय जनता पार्टी नए-नए हथकंडे अपना कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जनहित कार्यों को करने से रोकने का काम करते हैं, परंतु यह संभव नहीं हो पाएगा.
क्या है मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना
यह हेमंत सोरेन सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना है, जिसका सरकार बढ़-चढ़कर प्रचार कर रही है. इस योजना के तहत राज्य की 21 साल से 50 साल तक की महिलाओं को हर महीने हजार रूपए दिए जाएंगे. ये पैसे डायरेक्ट उनके खाते में जाएंगे. इस योजना का लाभ पाने के लिए झारखंड राज्य का निवासी होना अनिवार्य है. यह योजना केवल महिलाओं के लिए है. इसका लाभ वैसी महिलाओं को मिलेगा जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. इस योजना का लाभ उठाने के लिए बैंक खाता से आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए. राज्य सरकार इस योजना को मास्टर स्ट्रोक मान रही है.
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