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जेएमएम को भी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले पैसे, जानिए अपनी पार्टी और बीजेपी को मिले चंदे पर क्या है नेताओं की राय - Electoral bond for JMM

Electoral bond for JMM. चुनावी चंदा को लेकर पूरे देश में राजनीतिक हलचल तेज है. चुनाव आयोग द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक किए जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक दल बीजेपी पर हमलावर है. झारखंड की पार्टी को भी इसके माध्यम से चंदा प्राप्त हुआ है. खुद की पार्टी को मिले चंदे को लेकर और बीजेपी को मिले चंदे पर क्या कहते हैं नेता, जानिए इस रिपोर्ट में...

Electoral bond for JMM
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 15, 2024, 5:22 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 7:41 PM IST

जेएमएम और कांग्रेस नेताओं के बयान

रांची: सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनावी चंदे की सारी जानकारी SBI से भारत निर्वाचन आयोग को मिलने के बाद अब यह सार्वजनिक हो गया है. इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को लेकर जहां विपक्षी पार्टियां भाजपा को केंद्र पर रखकर राजनीतिक बयानबाजी कर रही हैं. वहीं इसी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दलों को मिले चुनावी चंदे को वह सही बताते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चुनावी चंदा मिला और यदि हां तो कितनी रकम पार्टी को प्राप्त हुई.

अप्रैल 2019 में झामुमो को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिला 01 करोड़ का चुनावी चंदा

राज्य की सत्तारूढ़ और सबसे बड़े राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, आक्रामक रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में भाजपा पर हमला बोलता रहा है लेकिन भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सार्वजनिक की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में लोकसभा आम चुनाव के समय 10-10 लाख के दस इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा को 01 करोड़ का चंदा मिला था. इसे पार्टी ने 23 अप्रैल 2019 को भुनाया भी था.

Electoral bond for JMM
जेएमएम को मिले चुनावी चंदे
चंदा लेना गलत नहीं, किसी को फायदा पहुंचाने के एवज में या डरा धमका कर उगाही करना गलत- झामुमो

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक होने के बाद झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि आज बीजेपी एक्सपोज हो गयी है. देश की जनता समझ गयी है कि कैसे तानाशाही सरकार ने पार्टी के लिए चंदा लेकर उद्योगपतियों को उपकृत किया है. मनोज पांडेय ने कहा कि चंदा हर राजनीतिक दल को मिलता है लेकिन ED-CBI-IT से डरा धमका कर चंदा वसूलना रंगदारी के समान है. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि लॉटरी किंग से लेकर मेधा इंजीनियरिंग से रिश्वतखोरी का मामला है.

चुनावी चंदे से मिली राशि से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया गया- जेएमएम

झामुमो नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से अकूत धन एकत्रित कर भाजपा ने लोकतंत्र को कमजोर करने में इन पैसों का दुरुपयोग किया. एक ओर जहां पूंजीपतियों के हित में नीतियां बनाई गयीं, वहीं दूसरी ओर जनता द्वारा चुनी गई राज्य की सरकारों को गिराने, तोड़फोड़ कर अपनी सरकार बनाने में इसका उपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर किया गया.

वहीं कांग्रेस ने भी झामुमो के सुर में सुर मिलाते हुए भाजपा पर हमला बोला है. पूरे मामले में ईटीवी भारत ने भाजपा का पक्ष जानने की कोशिश की. पार्टी के झारखंड प्रदेश कार्यालय में प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा इस मुद्दे पर स्टैंड साफ हो जाने पर ही मीडिया को कोई बयान देंगे.

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जेएमएम और कांग्रेस नेताओं के बयान

रांची: सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनावी चंदे की सारी जानकारी SBI से भारत निर्वाचन आयोग को मिलने के बाद अब यह सार्वजनिक हो गया है. इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को लेकर जहां विपक्षी पार्टियां भाजपा को केंद्र पर रखकर राजनीतिक बयानबाजी कर रही हैं. वहीं इसी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दलों को मिले चुनावी चंदे को वह सही बताते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चुनावी चंदा मिला और यदि हां तो कितनी रकम पार्टी को प्राप्त हुई.

अप्रैल 2019 में झामुमो को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिला 01 करोड़ का चुनावी चंदा

राज्य की सत्तारूढ़ और सबसे बड़े राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, आक्रामक रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में भाजपा पर हमला बोलता रहा है लेकिन भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सार्वजनिक की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में लोकसभा आम चुनाव के समय 10-10 लाख के दस इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा को 01 करोड़ का चंदा मिला था. इसे पार्टी ने 23 अप्रैल 2019 को भुनाया भी था.

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जेएमएम को मिले चुनावी चंदे
चंदा लेना गलत नहीं, किसी को फायदा पहुंचाने के एवज में या डरा धमका कर उगाही करना गलत- झामुमो

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक होने के बाद झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि आज बीजेपी एक्सपोज हो गयी है. देश की जनता समझ गयी है कि कैसे तानाशाही सरकार ने पार्टी के लिए चंदा लेकर उद्योगपतियों को उपकृत किया है. मनोज पांडेय ने कहा कि चंदा हर राजनीतिक दल को मिलता है लेकिन ED-CBI-IT से डरा धमका कर चंदा वसूलना रंगदारी के समान है. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि लॉटरी किंग से लेकर मेधा इंजीनियरिंग से रिश्वतखोरी का मामला है.

चुनावी चंदे से मिली राशि से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया गया- जेएमएम

झामुमो नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से अकूत धन एकत्रित कर भाजपा ने लोकतंत्र को कमजोर करने में इन पैसों का दुरुपयोग किया. एक ओर जहां पूंजीपतियों के हित में नीतियां बनाई गयीं, वहीं दूसरी ओर जनता द्वारा चुनी गई राज्य की सरकारों को गिराने, तोड़फोड़ कर अपनी सरकार बनाने में इसका उपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर किया गया.

वहीं कांग्रेस ने भी झामुमो के सुर में सुर मिलाते हुए भाजपा पर हमला बोला है. पूरे मामले में ईटीवी भारत ने भाजपा का पक्ष जानने की कोशिश की. पार्टी के झारखंड प्रदेश कार्यालय में प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा इस मुद्दे पर स्टैंड साफ हो जाने पर ही मीडिया को कोई बयान देंगे.

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Last Updated : Mar 15, 2024, 7:41 PM IST
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