रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 मई को चुनावी रैली करने घाटशिला आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के घाटशिला आगमन से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में घाटशिला में इसे उनका अंतिम दौरा बताया है. उन्होंने कहा कि आप 2014 में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने और अब अपने 10 साल के कार्यकाल के अंतिम चरण में घाटशिला आ रहे हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी को याद दिलाया कि देश की प्रतिष्ठित हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड यहीं स्थित है. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, हिंदुस्तान कॉपर की राखा कॉपर खदान, सुरवा कॉपर खदान, मुसाबनी कॉपर खदान से चलती है, लेकिन आपके सत्ता में आने के बाद आपकी गलत नीतियों के कारण यहां की तीनों खदानें बंद हो गईं.
झामुमो नेता ने कहा कि तांबा खदान बंद होने से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए और उनके परिवार के सदस्य अब अपना पेट पालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपकी सरकार में तत्कालीन खनन मंत्री नरेंद्र तोमर आपके हवाले से कई बार कहते रहे कि तांबा खदान को फिर से चालू किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जमशेदपुर से जीतकर जनप्रतिनिधि के रूप में लोकसभा गए भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो 10 साल में झूठ बोलते रहे और झूठे आश्वासन देते रहे. सुप्रियो ने कहा कि ऐसा लगता है कि जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो भी झूठे वादे करने में पीएम का अनुसरण करते हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री तांबा खदान बंद होने से बेरोजगार हुए मजदूरों के जख्मों पर नमक-मिर्च छिड़कने घाटशिला आ रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के घाटशिला पहुंचने से पहले 2014 में पूर्वी सिंहभूम के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा किए गए हवाई अड्डे के भूमि पूजन का क्या हुआ? रघुवर दास आज ओडिशा के राज्यपाल हैं और विद्युत वरण महतो सांसद हैं. घालभूमगढ़ में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए एक ईंट भी नहीं रखी गई है. अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री अपने चुनावी मंच से एयरपोर्ट निर्माण शुरू न होने का कारण बताएंगे.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से झूठ और भ्रम फैलाकर मजदूरों और किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. लोकतंत्र के महापर्व के दौरान समाज में सिर्फ और सिर्फ कलह और टकराव पैदा कर शांति को भंग करना भाजपा और उसके नेताओं की नियती बन गई है.