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सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समन से झामुमो आक्रोशित, प्रदेशव्यापी मशाल जुलूस के बाद अब राजभवन के समक्ष करेंगे प्रदर्शन

JMM protest in front of Raj Bhavan. सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समन के विरोध में रांची में जेएमएम का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन करेगा. राज्यव्यापी मशाल जुलूस के साथ ही भाजपा, केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ झामुमो कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोल दिया है.

JMM protest in front of Raj Bhavan in Ranchi against ED summons to CM Hemant Soren
सीएम हेमंत सोरेन को ईडी के समन के विरोध में रांची में जेएमएम का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 28, 2024, 10:40 AM IST

रांची: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रांची जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बयान दर्ज कराने के लिए दिए गए 10वें समन के बाद से सत्ताधारी दल जेएमएम काफी मुखर है. पार्टी के केंद्रीय इकाई के नेता और पदाधिकारी जहां इस मुद्दे पर चुप हैं. वहीं पार्टी की जिला से लेकर प्रखंड इकाई तक के नेता और कार्यकर्ता काफी मुखर हैं. शनिवार को दुमका बंद और शाम में राज्यव्यापी मशाल जुलूस के बाद रविवार को पार्टी की जिला इकाई राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगी.

झामुमो कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूट रहा- मुश्ताक आलमः रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष मुश्ताक आलम ने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी, केंद्र सरकार के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय उनके कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को परेशान और प्रताड़ित कर रही है, इससे अब हमारे कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने लगा है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता ने केंद्रीय एजेंसियों का लगातार सम्मान किया है और 20 जनवरी 2024 को सात-साढ़े सात घंटे तक बयान दर्ज कराने में ED का सहयोग किया. लेकिन मुख्यमंत्री को बदनाम करने और राज्य के विकास के काम में बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा के इशारे पर ED ने फिर समन भेज दिया. जब मुख्यमंत्री ने अपनी व्यस्तता बताई तो 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच का समय को अनिवार्य बताते हुए 10वां समन भेज दिया. मुश्ताक आलम ने कहा कि अब कार्यकर्ताओं का सब्र टूटने लगा है. केंद्रीय कमिटी के नेताओं के आदेश को भी नहीं मानने की स्थिति में है.

साहिबगंज, दुमका बंद-राज्यव्यापी मशाल जुलूस के बाद राजभवन पर प्रदर्शनः झामुमो रांची के सचिव डॉ. हेमलाल ने कहा कि ED और भाजपा के खिलाफ एक स्वभाविक गुस्सा राज्यवासियों और झामुमो कार्यकर्ताओं में है. इसका प्रकटीकरण साहिबगंज, दुमका बंद, आदिवासी-मूलवासी संगठनों का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन, 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास के बाहर बनीं मानव श्रृंखला और 27 जनवरी की राज्यव्यापी मशाल जुलूस से हो चुका है. रविवार 28 जनवरी को राजभवन मार्च और प्रदर्शन कर झामुमो के कार्यकर्ता यह चेतावनी देंगे कि अगर एक लोकप्रिय और निर्वाचित सरकार के मुखिया को परेशान करने की कोशिश की गई तो झामुमो के कार्यकर्ता भी चुप नहीं बैठेंगे और गांधीवादी तरीके से तानाशाही केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों का विरोध करेंगे.

रांची: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रांची जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बयान दर्ज कराने के लिए दिए गए 10वें समन के बाद से सत्ताधारी दल जेएमएम काफी मुखर है. पार्टी के केंद्रीय इकाई के नेता और पदाधिकारी जहां इस मुद्दे पर चुप हैं. वहीं पार्टी की जिला से लेकर प्रखंड इकाई तक के नेता और कार्यकर्ता काफी मुखर हैं. शनिवार को दुमका बंद और शाम में राज्यव्यापी मशाल जुलूस के बाद रविवार को पार्टी की जिला इकाई राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगी.

झामुमो कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूट रहा- मुश्ताक आलमः रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष मुश्ताक आलम ने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी, केंद्र सरकार के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय उनके कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को परेशान और प्रताड़ित कर रही है, इससे अब हमारे कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने लगा है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता ने केंद्रीय एजेंसियों का लगातार सम्मान किया है और 20 जनवरी 2024 को सात-साढ़े सात घंटे तक बयान दर्ज कराने में ED का सहयोग किया. लेकिन मुख्यमंत्री को बदनाम करने और राज्य के विकास के काम में बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा के इशारे पर ED ने फिर समन भेज दिया. जब मुख्यमंत्री ने अपनी व्यस्तता बताई तो 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच का समय को अनिवार्य बताते हुए 10वां समन भेज दिया. मुश्ताक आलम ने कहा कि अब कार्यकर्ताओं का सब्र टूटने लगा है. केंद्रीय कमिटी के नेताओं के आदेश को भी नहीं मानने की स्थिति में है.

साहिबगंज, दुमका बंद-राज्यव्यापी मशाल जुलूस के बाद राजभवन पर प्रदर्शनः झामुमो रांची के सचिव डॉ. हेमलाल ने कहा कि ED और भाजपा के खिलाफ एक स्वभाविक गुस्सा राज्यवासियों और झामुमो कार्यकर्ताओं में है. इसका प्रकटीकरण साहिबगंज, दुमका बंद, आदिवासी-मूलवासी संगठनों का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन, 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास के बाहर बनीं मानव श्रृंखला और 27 जनवरी की राज्यव्यापी मशाल जुलूस से हो चुका है. रविवार 28 जनवरी को राजभवन मार्च और प्रदर्शन कर झामुमो के कार्यकर्ता यह चेतावनी देंगे कि अगर एक लोकप्रिय और निर्वाचित सरकार के मुखिया को परेशान करने की कोशिश की गई तो झामुमो के कार्यकर्ता भी चुप नहीं बैठेंगे और गांधीवादी तरीके से तानाशाही केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों का विरोध करेंगे.

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