रांचीः दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इंडिया ब्लॉक के दो प्रमुख दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा दुविधा में पड़ा है. अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का केंद्रीय नेतृत्व यह तय नहीं कर पाया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी किसका समर्थन करें. झामुमो की यह दुविधा स्वाभाविक भी है, क्योंकि एक ओर वह झारखंड में कांग्रेस के साथ सरकार चला रहा है तो दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल-सुनीता केजरीवाल हैं जिन्होंने कल्पना सोरेन का तब साथ दिया था, जब हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद पूरी पार्टी और सोरेन परिवार संकट में था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर उधेड़बुन की स्थिति में फंसा झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मध्य मार्ग पर चलते हुए तटस्थ रहने का फैसला लेने के संकेत दिए हैं.
झामुमो के शीर्ष नेता शीघ्र लेंगे फैसला-मनोज पांडेय
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में समर्थन के फैसले को बेहद जटिल बताते हुए कहा कि दिल्ली को लेकर उनके नेता शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन को फैसला लेना है. मनोज पांडेय ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में झामुमो कांग्रेस को समर्थन करेगा या आम आदमी पार्टी को या फिर तटस्थ रहेगा इस पर जल्द फैसला ले लिया जाएगा.
झारखंड कांग्रेस ने झामुमो से मांगा समर्थन
मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा करने का आग्रह करते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि हमारे नेता ने साफ कर दिया है कि मोदी और केजरीवाल में कोई अंतर नहीं है. वहां भाजपा और केजरीवाल को परास्त करने के लिए झामुमो को कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा करनी चाहिए.
अब तक झामुमो का रूख साफ नहीं
पहले से ही इंडिया ब्लॉक में शामिल समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेताओं में दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जगह आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन झारखंड में इंडिया ब्लॉक के सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का रुख दिल्ली चुनाव को लेकर क्या होगा यह अभी तक साफ नहीं हुआ है.
11 जनवरी को झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दो-चार दिन में फैसला ले लेने की बात कही थी, लेकिन अभी तक झामुमो का केन्द्रीय नेतृत्व अभी तक यह साफ नहीं कर पाया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में झामुमो का रुख क्या होगा? झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता के बयान से लगता है कि दुविधा में फंसा झामुमो दिल्ली चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला ले सकता है.
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