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झारखंड में इंडिया गठबंधन से अलग हुई आम आदमी पार्टी, झामुमो-कांग्रेस ने उठाए सवाल, जानिए राज्य में कितनी मजबूत है AAP - JMM Congress questioned AAP

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 11, 2024, 6:30 PM IST

झारखंड में आम आदमी पार्टी ने सभी 81 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. ऐसे में एक तरफ कांग्रेस और जेएमएम इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी झारखंड में इतनी मजबूत है कि वे नतीजों को किसी तरह प्रभावित कर सकती है.

JMM Congress questioned AAP
JMM Congress questioned AAP (JMM Congress questioned AAP)

रांची: आम आदमी पार्टी ने इंडिया ब्लॉक से अलग होकर झारखंड में सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. झारखंड में आप (AAP) के एक तरफा सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा का कितना असर विधानसभा चुनाव के नतीजे पर पड़ेगा और राज्य में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी कितनी मजबूत है यह सवाल उठने लगे हैं.

आप, झामुमो और कांग्रेस प्रवक्ता के बयान (ईटीवी भारत)



आम आदमी पार्टी के राज्य स्तर के नेताओं की सभी 81 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने पर झामुमो की ओर से यह आम आदमी पार्टी के नेताओं को तय करना है कि वह INDIA ब्लॉक के साथ हैं या नहीं. वहीं कांग्रेस ने साफ शब्दों में कहा है कि INDIA ब्लॉक राष्ट्रीय संदर्भ में बना था, लेकिन अच्छा होता कि आम आदमी पार्टी राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की घोषणा से पहले एक बार महागठबंधन और INDIA ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से बात कर लेते.

झारखंड में AAP अभी राजनीतिक ताकत नहीं बन पाई है

झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने 23 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा किये थे लेकिन नतीजा क्या रहा. सच्चाई यह है कि केजरीवाल की पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. तब राज्य में नोटा को 1.36% मत मिले थे जबकि आप को 0.23% मत पाकर संतोष करना पड़ा था.

आम आदमी पार्टी राज्य में अपना जनाधार भी देखें- झामुमो

आम आदमी पार्टी द्वारा 10 जुलाई को एक तरफा राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़ा कर देने की घोषणा से आहत दिख रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि सभी पॉलीटिकल पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन आम आदमी पार्टी को यह तय करना होगा कि वह इंडिया में हैं या नहीं. राज्य की राजनीति में उनका जनाधार और वोट कितना है यह भी उन्हें सोचना चाहिए. झामुमो नेता ने कहा कि मुक्ति मोर्चा को कभी दिल्ली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारती. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के फैसले का फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा. झामुमो नेता ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी के लिए भी परीक्षा की घड़ी है कि वह जनता को बताए कि आम आदमी पार्टी सेकुलर ताकतों के साथ खड़ी है या फिर सांप्रदायिक शक्तियों को फायदा पहुंचाने की राजनीति राज्य में करेगी.

राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बना था INDIA - कांग्रेस

वहीं, आम आदमी पार्टी के स्टैंड पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि इंडिया ब्लॉक का गठन राष्ट्रीय परिपथ में हुआ था और लोकसभा चुनाव इंडिया ब्लॉक ने मजबूती के साथ पूरी एकजुट के साथ चुनाव भी लड़ा. फिर भी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से एकतरफा घोषणा से बेहतर होता कि महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर एक बार वार्ता हो जाती.

अभी राज्य में उलटफेर की क्षमता आप में नहीं लेकिन भाजपा को तंज कसने का मिलेगा मौका

वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं राज्य में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की अभी इस कदर की राजनीतिक ताकत नहीं है कि वह नतीजों को प्रभावित कर सकें लेकिन चुनाव के दौरान भाजपा के नेताओं को यह मौका जरूर दे देगा.

ये भी पढ़ें:

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अक्टूबर में हो सकता है झारखंड विधानसभा का चुनाव, आखिर क्या है इसकी वजह ? पढ़ें रिपोर्ट - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

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आप, झामुमो और कांग्रेस प्रवक्ता के बयान (ईटीवी भारत)



आम आदमी पार्टी के राज्य स्तर के नेताओं की सभी 81 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने पर झामुमो की ओर से यह आम आदमी पार्टी के नेताओं को तय करना है कि वह INDIA ब्लॉक के साथ हैं या नहीं. वहीं कांग्रेस ने साफ शब्दों में कहा है कि INDIA ब्लॉक राष्ट्रीय संदर्भ में बना था, लेकिन अच्छा होता कि आम आदमी पार्टी राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की घोषणा से पहले एक बार महागठबंधन और INDIA ब्लॉक के अन्य दलों के नेताओं से बात कर लेते.

झारखंड में AAP अभी राजनीतिक ताकत नहीं बन पाई है

झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने 23 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा किये थे लेकिन नतीजा क्या रहा. सच्चाई यह है कि केजरीवाल की पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. तब राज्य में नोटा को 1.36% मत मिले थे जबकि आप को 0.23% मत पाकर संतोष करना पड़ा था.

आम आदमी पार्टी राज्य में अपना जनाधार भी देखें- झामुमो

आम आदमी पार्टी द्वारा 10 जुलाई को एक तरफा राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़ा कर देने की घोषणा से आहत दिख रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि सभी पॉलीटिकल पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन आम आदमी पार्टी को यह तय करना होगा कि वह इंडिया में हैं या नहीं. राज्य की राजनीति में उनका जनाधार और वोट कितना है यह भी उन्हें सोचना चाहिए. झामुमो नेता ने कहा कि मुक्ति मोर्चा को कभी दिल्ली विधानसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारती. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के फैसले का फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा. झामुमो नेता ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी के लिए भी परीक्षा की घड़ी है कि वह जनता को बताए कि आम आदमी पार्टी सेकुलर ताकतों के साथ खड़ी है या फिर सांप्रदायिक शक्तियों को फायदा पहुंचाने की राजनीति राज्य में करेगी.

राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बना था INDIA - कांग्रेस

वहीं, आम आदमी पार्टी के स्टैंड पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि इंडिया ब्लॉक का गठन राष्ट्रीय परिपथ में हुआ था और लोकसभा चुनाव इंडिया ब्लॉक ने मजबूती के साथ पूरी एकजुट के साथ चुनाव भी लड़ा. फिर भी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से एकतरफा घोषणा से बेहतर होता कि महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर एक बार वार्ता हो जाती.

अभी राज्य में उलटफेर की क्षमता आप में नहीं लेकिन भाजपा को तंज कसने का मिलेगा मौका

वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं राज्य में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की अभी इस कदर की राजनीतिक ताकत नहीं है कि वह नतीजों को प्रभावित कर सकें लेकिन चुनाव के दौरान भाजपा के नेताओं को यह मौका जरूर दे देगा.

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