जावेद अख्तर बोले- जो शायरी नहीं करता वो सिर्फ हिंदू-मुसलमान होता है, तिवारी ने कही ये बड़ी बात - JLF 2025
जावेद अख्तर बोले- जो शायरी नहीं करता वो सिर्फ हिंदू-मुसलमान है. तिवारी बोले- कुछ लोग टेलिप्रॉम्पटर बंद होते ही बोलना बंद कर देते हैं.
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Published : Jan 30, 2025, 3:31 PM IST
जयपुर: राजधानी जयपुर में 5 दिवसीय साहित्य कुंभ यानि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की गुरुवार से शुरुआत हुई. इस साहित्य कुंभ में भाग लेने जानेमाने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर भी पहुंचे. इस सेशन में साहित्यकार-समाजसेवी सुधा मूर्ति, एक्टर अतुल तिवारी मौजूद रहे. वहीं, इस मौके पर जावेद अख्तर ने दोहों पर लिखी अपनी किताब सीपियां, पर्ल्स ऑफ विजडम के बारे में चर्चा की और इस चर्चा में उनके साथ एक्टर अतुल तिवारी मौजूद रहे.
चर्चा के दौरान अख्तर ने कहा कि दोहा एक फॉर्म ऑफ राइटिंग है. दोहे और कुछ नहीं, बल्कि हमारी भाषा में कही गई कहावतें हैं. कुछ दोहे तो 700-800 साल पुराने हैं. हम अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम भेजते हैं, लेकिन आप अपने बच्चों को हिंदी नहीं सिखाएंगे तो गलत होगा. आपने पेड़ और शाखाएं तो दे दी, लेकिन जड़ें काट दी. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और अगर अपने बच्चों को इससे महरूम कर दिया तो आपने संस्कृति भुला दी, लेकिन मैं मानता हूं कि अंग्रेजी आना भी उतना ही जरूरी है.
हिंदू-मुसलमान होता है : चर्चा के दौरान जावेद अख्तर ने रहीम का दोहा पढ़ते हुए कहा-
रहिमन मुश्किल आ पड़ी, टेढ़े दोहु काम
सीधे से जग न मिले, उल्टे मिले न राम
इस पर अतुल तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह दोहा एक मुस्लिम कवि कह रहा है, जिसका जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि कवि सिर्फ कवि होता है. हिंदू और मुसलमान नहीं होता. जो शायरी नहीं कर सकता है, वह हिंदू या मुसलमान होता है. कविता मोहब्बत की जुबान है, जबकि फासिस्ट नफरत की. अतुल तिवारी ने कहा कि रहीम कई बार तुलसीदास को सुनने जाते थे. एक बार अकबर ने पूछा कि तुम कहां जाते हो, तो रहीम ने कहा 'रामचरित मानस विमल, संतन जीवन प्राण, हिन्दुअन को वेदसम जमनहिं प्रगट कुरान' यानी रहीम ने अकबर से कहा कि रामचरितमानस, कुरान से भी पहले आई थी.
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टेलीप्रॉम्प्टर बंद होते ही बोलना बंद : जावेद अख्तर ने कहा कि तकनीक भी सीखना बेहद जरूरी नहीं. जैसे किशोर कुमार को क्लासिकल नहीं आता था, लेकिन शानदार सुर में गाते थे. वैसे ही इमोशन के साथ लिखना है तो तकनीकी ज्ञान का ज्यादा इस्तेमाल ना करें. अतुल तिवारी ने जावेद अख्तर कि तारीफ करते हुए कहा कि जावेद साहब बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भी बोल सकते हैं. जबकि देश में कुछ लोग टेलीप्रॉम्पटर बंद होते ही बोलना बंद कर देते हैं. इस पर जावेद अख्तर ने कहा कि मैं आपसे नाम नहीं पूछूंगा, क्योंकि आप मेरे दोस्त हैं. आपने नाम बता दिया तो आप फिर बंद हो जाएंगे.