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सौरभ शर्मा मामले में जीतू पटवारी का आरोप, पूछा- आखिर किसका है 52 किलो सोना - BHOPAL SAURABH SHARMA CASE

भोपाल में सौरभ शर्मा के दिए बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाए हैं. साथ ही पूछा है सोना किसका है.

BHOPAL SAURABH SHARMA CASE
सौरभ शर्मा मामले में जीतू पटवारी का आरोप (JITU PATWARI X Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 4:11 PM IST

भोपाल: लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया 52 किलो सोना किसका है, यह अब तक पता नहीं चल पाया है. लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में आरोपी सौरभ शर्मा और उसके दोनों साथियों ने कहा है कि सोना उनका नहीं है. अब इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने कहा कि "यदि सोना सौरभ शर्मा और उसके साथियों का नहीं है, तो फिर किसका है. यानी हम जो पहले से कहते आ रहे हैं, वह ठीक है. अब तो पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी कह चुकी हैं कि इसमें मगरमच्छ दूसरे हैं. उन्होंने लोकायुक्त से मांग की है कि कार्रवाई में जब्त की गई डायरी में 2 हजार करोड़ के हिसाब किताब के नामों को सार्वजनिक किया जाए."

यह पूरा मामला 20 हजार करोड़ का

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि "यदि ठीक से जांच की जाए तो यह पूरा भ्रष्टाचार का जखीरा 20 हजार करोड़ का निकलेगा. 40 दिन फरार रहने के बाद भी तीन एजेंसियां सौरभ शर्मा को नहीं ढूंढ पाई. अब जाकर उसने कोर्ट में सरेंडर किया है. सौरभ शर्मा ने कोर्ट में अपनी जान को खतरा बताया है, इसके बाद भी बिना पर्याप्त सुरक्षा के उसे कोर्ट लेकर लोकायुक्त जा रही है. जबकि कांग्रेस हमेशा से कहती आ रही है कि सौरभ शर्मा की जान को खतरा है."

जीतू पटवारी ने पूछा किसका सोना है (ETV Bharat)

आखिर कहां है वह डायरी

जीतू पटवारी ने कहा कि "अब लोकायुक्त सौरभ शर्मा और उसके साथियों से पूछताछ कर रही है, लेकिन सवाल है कि वह डायरी कहां है और आखिर किसे बचाने के लिए डायरी पर बात नहीं हो रही है. डायरी में 2 हजार करोड़ का हिसाब है. यह सामने आना चाहिए कि उन 2 हजार करोड़ में किस-किस के नाम हैं. ऐसे तमाम भ्रष्ट्र लोगों के चेहरे बेनकाब होने चाहिए. सही तरीके से जांच हो तो कोई भी मंत्री और मंत्रालय के अधिकारी इसके लपेटे में आने से नहीं बचेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले से सिर्फ परिवहन विभाग की असलियत सामने आई है, लेकिन मध्य प्रदेश में सिर्फ 10 विभागों की जांच हो जाए, तो पिछले 5 साल का दो सरकारों का 2 लाख करोड़ का गबन सामने आएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की स्थिति यह है कि किसी भी विभाग से यदि कोई बिना पैसे दिए कोई काम कराकर ले जाए तो मैं उसका नागरिक अभिनंदन करूंगा. गूगल पर सर्च करें कि सबसे भ्रष्ट राज्य कौन सा है, तो मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर आएगा. यह शर्म और दुख की बात है."

भोपाल: लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया 52 किलो सोना किसका है, यह अब तक पता नहीं चल पाया है. लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में आरोपी सौरभ शर्मा और उसके दोनों साथियों ने कहा है कि सोना उनका नहीं है. अब इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने कहा कि "यदि सोना सौरभ शर्मा और उसके साथियों का नहीं है, तो फिर किसका है. यानी हम जो पहले से कहते आ रहे हैं, वह ठीक है. अब तो पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी कह चुकी हैं कि इसमें मगरमच्छ दूसरे हैं. उन्होंने लोकायुक्त से मांग की है कि कार्रवाई में जब्त की गई डायरी में 2 हजार करोड़ के हिसाब किताब के नामों को सार्वजनिक किया जाए."

यह पूरा मामला 20 हजार करोड़ का

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि "यदि ठीक से जांच की जाए तो यह पूरा भ्रष्टाचार का जखीरा 20 हजार करोड़ का निकलेगा. 40 दिन फरार रहने के बाद भी तीन एजेंसियां सौरभ शर्मा को नहीं ढूंढ पाई. अब जाकर उसने कोर्ट में सरेंडर किया है. सौरभ शर्मा ने कोर्ट में अपनी जान को खतरा बताया है, इसके बाद भी बिना पर्याप्त सुरक्षा के उसे कोर्ट लेकर लोकायुक्त जा रही है. जबकि कांग्रेस हमेशा से कहती आ रही है कि सौरभ शर्मा की जान को खतरा है."

जीतू पटवारी ने पूछा किसका सोना है (ETV Bharat)

आखिर कहां है वह डायरी

जीतू पटवारी ने कहा कि "अब लोकायुक्त सौरभ शर्मा और उसके साथियों से पूछताछ कर रही है, लेकिन सवाल है कि वह डायरी कहां है और आखिर किसे बचाने के लिए डायरी पर बात नहीं हो रही है. डायरी में 2 हजार करोड़ का हिसाब है. यह सामने आना चाहिए कि उन 2 हजार करोड़ में किस-किस के नाम हैं. ऐसे तमाम भ्रष्ट्र लोगों के चेहरे बेनकाब होने चाहिए. सही तरीके से जांच हो तो कोई भी मंत्री और मंत्रालय के अधिकारी इसके लपेटे में आने से नहीं बचेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले से सिर्फ परिवहन विभाग की असलियत सामने आई है, लेकिन मध्य प्रदेश में सिर्फ 10 विभागों की जांच हो जाए, तो पिछले 5 साल का दो सरकारों का 2 लाख करोड़ का गबन सामने आएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की स्थिति यह है कि किसी भी विभाग से यदि कोई बिना पैसे दिए कोई काम कराकर ले जाए तो मैं उसका नागरिक अभिनंदन करूंगा. गूगल पर सर्च करें कि सबसे भ्रष्ट राज्य कौन सा है, तो मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर आएगा. यह शर्म और दुख की बात है."

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