गया: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सियासत के माहिर खिलाड़ी है. एनडीए गठबंधन से गया लोकसभा सीट से कंडिडेट बनते राम रंग में रम गये हैं. कभी जीतन राम मांझी श्रीराम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया और उन्हें वाल्मीकि और तुलसीदास के एक काव्य का पात्र बताया है. आज लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासत के कई रंग दिखने लगे हैं. अब मांझी पूरी तरह से श्रीराम जी के रंग में गोते लगा रहे हैं और रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे.
रामलाल के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे मांझी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी राम लला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. 23 मार्च को अयोध्या के लिए निकलेंगे. 24 मार्च को उनकी वापसी होगी. गया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने साबित किया है कि वे सबके लिए हैं.
'पीएम नरेंद्र मोदी सबके हैं': पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि "अयोध्या में रामलला के विराजमान होने से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. लाखों पर्यटक यहां आते हैं. नरेंद्र मोदी को शिड्यूल कास्ट विरोधी कहने वालों को मोदी ने साबित किया है कि वे सबके लिए है." इसका उदाहरण देते हुए मांझी ने कहा कि तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखा, वाल्मीकि ने रामायण लिखी, लेकिन चर्चा तुलसीदास की होती थी. अब हमारी बात को सुने और अयोध्या में एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि एरोड्राम अयोध्या धाम रखा गया है.
पूरा परिवार करता है पूजा पाठ: जीतन राम मांझी ने कहा कि उनका पूरा परिवार पूजा पाठ में विश्वास करता है. पत्नी, बेटी-बहू, पुत्र संतोष सब नवरात्र करते हैं. नींबू पानी में रहते हैं. हम लोगों ने तय किया कि पूजा करके नॉमिनेशन करेंगे. इसी को लेकर अब 23 तारीख को अयोध्या जाएंगे. 24 को वापस लौटेंगे। 25 -26 को होली का मामला है. 27 के बाद 28 मार्च को गया लोकसभा से प्रत्याशी के रूप में नामांकन करेंगे.
तय भी नहीं हुआ और बांट रहे टिकट: वहीं, जीतन राम मांझी ने ईडी गठबंधन पर भी जमकर तंज कसा. मांझी ने कहा कि इंंडी के लोग तास की पते की तरह बिखर जाएंगे. इंडी गठबंधन को कहा जा सकता है कि बेंग पर तराजू पर तोलने वाली बात होगी. जिस तरह से तराजू पर बेंग नहीं तौला जा सकता है. वहीं, हाल इंडी गठबंधन का है. यह घमंडियां गठबंधन कुछ तय नहीं किया है बल्कि अपने-अपने टिकट बांटने में जुट गया है.
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