गयाः मगध विश्वविद्यालय के दो दिवसीय अधिवेशन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. हम पार्टी ने सवाल उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. कहा कि कुलपति ने गया सांसद सह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आमंत्रित नहीं किया. उन्होंने इसको लेकर कहा कि 'दलित होने के नाते अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री को नहीं बुलाया गया. पार्टी के नेताओं ने जिला इकाई की बैठक में इसकी घोर निंदा की है.
"अधिवेशन में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, विशिष्ट अतिथि डॉ अशोक चौधरी शामिल हुए, परंतु स्थानीय सांसद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आमंत्रित नहीं किया गया. कुलपति ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को दलित होने के नाते आमंत्रित नहीं किया जो घोर निंदनीय है. इससे पूरे गया लोकसभा क्षेत्र की जनता का अपमान हुआ है." -नारायण प्रसाद मांझी, जिलाध्यक्ष, हम पार्टी
गुरुवार को आयोजित हुआ अधिवेशनः बता दें कि गुरुवार को गया मगध विश्वविद्यालय में 22वां बिहार आर्थिक परिषद् सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें नितिन गडकरी, अशोक चौधरी सहित कई गणमान्य लोग थे लेकिन जीतन राम मांझी नहीं थे. इसके खिलाफ जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं ने कुलपति के खिलाफ जन आक्रोश मार्च निकालने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि यह कुलपति के द्वारा सीनेट के सदस्यों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, जबकि सीनेट के सदस्य भी माननीय हैं.
कुलपति को निलंबित करने की मांगः पार्टी ने मांग की है कि सरकार इस मामले में करवाई करे. कार्रवाई नहीं होने पर पार्टी जन आक्रोश मार्च निकालकर इसका विरोध करेगी. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति को निलंबित कर उचित कार्रवाई करें. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ सिबगतुल्लाह खान ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्री को शामिल न करके प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है.
राज्यपाल और प्रधानमंत्री से करेंगे शिकायतः पार्टी के नेता बिहार सरकार के कुलाधिपति एवं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मगध विश्वविद्यालय कुलपति की शिकायत करेंगे. गुरुवार को आयोजित बैठक में मुख्य रूप से डॉ. शिक्बातुल्लाह खान उर्फ टूटू खान, राष्ट्रीय सचिव ई. नंदलाल मांझी, प्रदेश सचिव असद प्रवेज, जिलाध्यक्ष दिना मांझी, सागर सिंह आदि ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
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