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झारखंड के कारीगर, बुनकर और शिल्पकार भरेंगे तरक्की की उड़ान, जियोमार्ट से JASCOLAMPF और JHARCRAFT ने मिलाया हाथ - JIOMART WILL SUPPORT ARTISAN

Jharkhand artisans got market. निजी कंपनी के रिटेल की ई-मार्केटप्लेस शाखा जियोमार्ट ने झारखंड राज्य के सरकारी एम्पोरियम झारखंड राज्य सहकारी विपणन एवं खरीद संघ लिमिटेड और झारखंड सरकार के उपक्रम झारक्राफ्ट के साथ हाथ मिलाया है. अब जियोमार्ट पर झारखंड के शिल्पकारों, बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार प्रोडक्ट उपलब्ध होंगे.

JIOMART WILL SUPPORT ARTISAN
झारखंड के बुनकर मशीन से कपड़ा तैयार करते. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 24, 2024, 6:49 PM IST

रांची/मुंबईः झारखंड के कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के दिन बहुरने वाले हैं. सबकुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब झारखंड के गांवों और कस्बों में बनने वाले पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट देश के कोने-कोने में पहुंचेंगे. ऐसे कारीगरों को जियो मार्ट प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगा. कारीगरों और पारंपरिक बुनकरों सहित छोटे पैमाने के विक्रेताओं को सशक्त बनाने लिए रिलायंस रिटेल की ई-मार्केटप्लेस शाखा जियोमार्ट ने झारखंड राज्य के सरकारी एम्पोरियम JASCOLAMPF और झारखंड सरकार के उपक्रम JHARCRAFT के साथ हाथ मिलाया है.

कारीगरों को अब जियोमार्ट मार्केटप्लेस में जगह मिलेगी

यह संयुक्त पहल झारखंड के कारीगरों के उत्थान के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा. झारखंड के गुमला, सरायकेला और पलामू जैसे शहरों और कस्बों के कारीगरों को अब जियोमार्ट मार्केटप्लेस में जगह मिलेगी. कारीगर देश भर के ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. वहीं लाखों जियोमार्ट ग्राहक लकड़ी और बांस के उत्पाद, ढोकरा कलाकृतियां, टेराकोटा आइटम, लाह की चूड़ियां, कॉटन हैंडलूम, एप्लिक वर्क, जरदोजी वर्क, तसर हैंडलूम साड़ियां, पुरुषों की शर्ट, बिना सिले ड्रेस मेटीरियल, हाथ से बने बैग, बेडशीट, पेंटिंग और होम डेकोर उत्पाद के साथ-साथ हस्तनिर्मित मानव कला की कई अन्य किस्में खरीद सकेंगे. यह पहल प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ध्यान में रखकर की गई है.

झारखंड के अन्य एमएसएमई उद्यम से जुड़े लोगों को भी होगा लाभ

झारखंड राज्य सहकारी विपणन एवं खरीद संघ लिमिटेड यानी JASCOLAMPF के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार सिंह के मुताबिक झारखंड के कारीगरों, हस्तकरघा बुनकरों और शिल्पकारों के पास पीढ़ियों से चला आ रहा शानदार कौशल हैं, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है. यह सहयोग न केवल स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को आगे बढ़ाएगा, बल्कि समय के साथ झारखंड में अन्य एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) निर्माताओं को भी इसका लाभ मिलेगा.

झारक्राफ्ट के उप महाप्रबंधक ने जताई खुशी

झारखंड सिल्क टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी JHARCRAFT के उप महाप्रबंधक अश्विनी सहाय के मुताबिक जियोमार्ट जैसे स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर झारखंड के शिल्प को लॉन्च करने पर बेहद खुशी है. उन्होंने बताया कि यह लॉन्च झारखंड के विविध कला रूपों के साथ जियोमार्ट मार्केटप्लेस को समृद्ध करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे शिल्पकारों को लाभ होगा और भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को संरक्षित किया जा सकेगा.

बाजार मिलने से झारखंड के कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में आएगा बदलाव

आपको बता दें कि 2022 में अपनी स्थापना के बाद से जियोमार्ट ने देश भर में 20 हजार से अधिक कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाया है. इस कड़ी में अब झारखंड भी शामिल हो गया है. यहां बाजार का अभाव और हुनर को उचित मेहनताना नहीं मिलने की वजह से कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों का कौशल संघर्ष करता रहा है. इस पहल से इनके जीवन में बदलाव आने की उम्मीद जगी है.

इसे भी पढ़ें- 20 हजार रुपये में मिलती है जम्मू कश्मीर की सोजनी टोपी, फिर भी बदलहाल हैं बुनकर, विलुप्त होने की कगार पर कला - Handmade Sozni Cap

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रांची/मुंबईः झारखंड के कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के दिन बहुरने वाले हैं. सबकुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब झारखंड के गांवों और कस्बों में बनने वाले पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट देश के कोने-कोने में पहुंचेंगे. ऐसे कारीगरों को जियो मार्ट प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगा. कारीगरों और पारंपरिक बुनकरों सहित छोटे पैमाने के विक्रेताओं को सशक्त बनाने लिए रिलायंस रिटेल की ई-मार्केटप्लेस शाखा जियोमार्ट ने झारखंड राज्य के सरकारी एम्पोरियम JASCOLAMPF और झारखंड सरकार के उपक्रम JHARCRAFT के साथ हाथ मिलाया है.

कारीगरों को अब जियोमार्ट मार्केटप्लेस में जगह मिलेगी

यह संयुक्त पहल झारखंड के कारीगरों के उत्थान के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा. झारखंड के गुमला, सरायकेला और पलामू जैसे शहरों और कस्बों के कारीगरों को अब जियोमार्ट मार्केटप्लेस में जगह मिलेगी. कारीगर देश भर के ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. वहीं लाखों जियोमार्ट ग्राहक लकड़ी और बांस के उत्पाद, ढोकरा कलाकृतियां, टेराकोटा आइटम, लाह की चूड़ियां, कॉटन हैंडलूम, एप्लिक वर्क, जरदोजी वर्क, तसर हैंडलूम साड़ियां, पुरुषों की शर्ट, बिना सिले ड्रेस मेटीरियल, हाथ से बने बैग, बेडशीट, पेंटिंग और होम डेकोर उत्पाद के साथ-साथ हस्तनिर्मित मानव कला की कई अन्य किस्में खरीद सकेंगे. यह पहल प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ध्यान में रखकर की गई है.

झारखंड के अन्य एमएसएमई उद्यम से जुड़े लोगों को भी होगा लाभ

झारखंड राज्य सहकारी विपणन एवं खरीद संघ लिमिटेड यानी JASCOLAMPF के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार सिंह के मुताबिक झारखंड के कारीगरों, हस्तकरघा बुनकरों और शिल्पकारों के पास पीढ़ियों से चला आ रहा शानदार कौशल हैं, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है. यह सहयोग न केवल स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को आगे बढ़ाएगा, बल्कि समय के साथ झारखंड में अन्य एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) निर्माताओं को भी इसका लाभ मिलेगा.

झारक्राफ्ट के उप महाप्रबंधक ने जताई खुशी

झारखंड सिल्क टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी JHARCRAFT के उप महाप्रबंधक अश्विनी सहाय के मुताबिक जियोमार्ट जैसे स्वदेशी प्लेटफॉर्म पर झारखंड के शिल्प को लॉन्च करने पर बेहद खुशी है. उन्होंने बताया कि यह लॉन्च झारखंड के विविध कला रूपों के साथ जियोमार्ट मार्केटप्लेस को समृद्ध करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे शिल्पकारों को लाभ होगा और भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को संरक्षित किया जा सकेगा.

बाजार मिलने से झारखंड के कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में आएगा बदलाव

आपको बता दें कि 2022 में अपनी स्थापना के बाद से जियोमार्ट ने देश भर में 20 हजार से अधिक कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाया है. इस कड़ी में अब झारखंड भी शामिल हो गया है. यहां बाजार का अभाव और हुनर को उचित मेहनताना नहीं मिलने की वजह से कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों का कौशल संघर्ष करता रहा है. इस पहल से इनके जीवन में बदलाव आने की उम्मीद जगी है.

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