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पंजाब के राज्यपाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जीओ गीता म्यूजियम का किया अवलोकन - JIO GEETA MUSEUM OVERVIEW

पंजाब के राज्यपाल व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थान के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया.

Jio Geeta Museum Overview
Jio Geeta Museum Overview (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 10, 2024, 3:44 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 4:31 PM IST

करनाल: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थान के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया. उसके बाद वह अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का अहम योगदान है.

जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन: इन्हीं के प्रयासों से ही आज सरकार के माध्यम से विदेशों में भी गीता महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. विश्व की हर समस्या का समाधान पवित्र ग्रंथ गीता में निहित है. इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है. इन उपदेशों को आज हर व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया सोमवार को गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे. इससे पहले राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थानम के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया और कृपा बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आशीर्वाद लिया.

Jio Geeta Museum Overview (Etv Bharat)

जीवन का सार गीता उपदेश: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और इस ग्रंथ को विश्व स्तर पर पहचान करवाने का श्रेय भी गीता मनीषी को ही जाता है. गीता मनीषी गौ माता और गीता के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे हैं. उनके इस मिशन में जो लोग सहयोग दे रहे हैं. वह भी साधुवाद के पात्र हैं. गीता जीवन जीने का आध्यात्मिक ग्रंथ है और कैसे जीया जाए और गीता में वेदों का ज्ञान है. भगवान ने चार वेद चार ऋषियों के माध्यम से बनाए और फिर वेदों का ज्ञान उपनिषदों में आया और यह ज्ञान गीता में हैं. गीता हमें कर्म करने का संदेश देती है.

'घर-घर में गीता सार पढ़ना चाहिए': मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गीता में कहा गया है कि कर्म करो लेकिन इसमें लिप्त नहीं होना चाहिए. गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है. भगवान कृष्ण का जीवन चिन्तन है. गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है. गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है. जो अनुकूलता है, वहीं सुख है और जो अनुकूल न आए वह दुख है. गीता भारतीय परंपराओं का अद्भुत ग्रंथ है. पवित्र ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है. इस ग्रंथ को घर-घर में पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान गीता में है. गीता मनीषी देश का गौरव है और इनका आर्शीवाद हमेशा हमारे साथ रहा है.

ये भी पढ़ें: गीता महोत्सव में हरियाणा पवेलियन में लगा पगड़ी बांधने का स्टाल, युवाओं के आकर्षण का केंद्र बना

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव में पहुंचे उपराष्ट्रपति, नायब सिंह सैनी की प्रशंसा की, बोले- 'राज्य में नायाब करेंगे CM सैनी'

करनाल: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थान के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया. उसके बाद वह अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का अहम योगदान है.

जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन: इन्हीं के प्रयासों से ही आज सरकार के माध्यम से विदेशों में भी गीता महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. विश्व की हर समस्या का समाधान पवित्र ग्रंथ गीता में निहित है. इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है. इन उपदेशों को आज हर व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया सोमवार को गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे. इससे पहले राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थानम के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया और कृपा बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आशीर्वाद लिया.

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जीवन का सार गीता उपदेश: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और इस ग्रंथ को विश्व स्तर पर पहचान करवाने का श्रेय भी गीता मनीषी को ही जाता है. गीता मनीषी गौ माता और गीता के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे हैं. उनके इस मिशन में जो लोग सहयोग दे रहे हैं. वह भी साधुवाद के पात्र हैं. गीता जीवन जीने का आध्यात्मिक ग्रंथ है और कैसे जीया जाए और गीता में वेदों का ज्ञान है. भगवान ने चार वेद चार ऋषियों के माध्यम से बनाए और फिर वेदों का ज्ञान उपनिषदों में आया और यह ज्ञान गीता में हैं. गीता हमें कर्म करने का संदेश देती है.

'घर-घर में गीता सार पढ़ना चाहिए': मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गीता में कहा गया है कि कर्म करो लेकिन इसमें लिप्त नहीं होना चाहिए. गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है. भगवान कृष्ण का जीवन चिन्तन है. गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है. गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है. जो अनुकूलता है, वहीं सुख है और जो अनुकूल न आए वह दुख है. गीता भारतीय परंपराओं का अद्भुत ग्रंथ है. पवित्र ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है. इस ग्रंथ को घर-घर में पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान गीता में है. गीता मनीषी देश का गौरव है और इनका आर्शीवाद हमेशा हमारे साथ रहा है.

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Last Updated : Dec 10, 2024, 4:31 PM IST
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