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जींद की खापें और किसान संगठन एक मंच पर आए नजर, किसानों की मांगें जल्द मानने का सरकार को दिया अल्टीमेटम

Jind Khap Panchayats: किसान आंदोलन को लेकर जींद की सभी खापें और किसान संगठन एक मंच पर नजर आने लगे हैं. किसान नेताओं और खापों ने सरकार को जल्दी समस्याएं सुलझाने का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि आगामी रणनीति महापंचायत में तय होगी.

Jind Khap Panchayats
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 18, 2024, 10:14 PM IST

Updated : Feb 19, 2024, 6:07 AM IST

जींद: किसान आंदोलन-2 को लेकर अब सभी खाप व किसान संगठन एक-एक कर एक मंच पर आने लगे हैं. रविवार को सभी प्रतिनिधियों ने एसपी सुमित कुमार से गढ़ी थाने में बैठक की. जिसमें किसानों और आमजन को आ रही समस्याओं से अवगत करवाया गया. इस दौरान प्रतिनिधियों ने एसपी के सामने चार मुख्य मांगें रखी. जिन पर एसपी ने सकारात्मक रवैया रखा.

क्या है मांगें?: किसान नेता आजाद पालवा ने बताया कि 'खाप और किसान संगठनों के इंटरनेट सेवा बहाल, गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई, बैरिकेड्स हटाने की मांग और किसानों की सेवा करने वाले किसानों के घर दबिश बंद करने की मांग को लेकर बातें रखी है. पंजाब की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा कर रहे हरियाणा के किसानों के घर दबिश दी जा रही है और परेशान किया जा रहा है. एसपी को अवगत कराया गया कि किसानों को परेशान करना बंद करें'.

सरकार को अल्टीमेटम: 'अगर सरकार ने इन मांगों पर विचार नहीं किया तो 20 फरवरी को उचाना के धरने पर होने वाली महापंचायत में बड़े और कड़े निर्णय लिए जाएंगे'. इस दौरान बैठक में माजरा खाप के प्रधान गुरविंदर संधू और खाप के प्रवक्ता समुद्र फोर ने बताया कि 'सभी खाप और किसान संगठन एक हैं. अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया और मांगें नहीं मानी तो हरियाणा के सभी वर्ग मिल कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे. पंजाब के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ये लड़ाई लड़ेंगे'.

महापंचायत में तय होगी आगामी रणनीति: 'सभी संगठन मिलकर पंजाब के किसानों के लिए दिल्ली कूच के लिए बॉर्डर खुलवाने का काम करेंगे. नरवाना धरने से बैठक में मौजूद बलजीत मोर ने बताया कि हरियाणा में आंदोलन खड़ा हो रहा है. जैसे ही संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल आती है, तो बॉर्डर को खुलवाने का काम किया जाएगा. हर वर्ग परेशान है और एकजुट हो चुका है. हम सब बॉर्डर को खुलवाने के लिए तैयार हैं और अगली रणनीति उचाना की महापंचायत में तैयार की जाएगी'.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन को लेकर नंदगढ़ बारहा की बैठक, सरकार को दिया अल्टीमेटम

ये भी पढ़ें: जींद में किसानों ने किया प्रदर्शन, गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करने की मांग

जींद: किसान आंदोलन-2 को लेकर अब सभी खाप व किसान संगठन एक-एक कर एक मंच पर आने लगे हैं. रविवार को सभी प्रतिनिधियों ने एसपी सुमित कुमार से गढ़ी थाने में बैठक की. जिसमें किसानों और आमजन को आ रही समस्याओं से अवगत करवाया गया. इस दौरान प्रतिनिधियों ने एसपी के सामने चार मुख्य मांगें रखी. जिन पर एसपी ने सकारात्मक रवैया रखा.

क्या है मांगें?: किसान नेता आजाद पालवा ने बताया कि 'खाप और किसान संगठनों के इंटरनेट सेवा बहाल, गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई, बैरिकेड्स हटाने की मांग और किसानों की सेवा करने वाले किसानों के घर दबिश बंद करने की मांग को लेकर बातें रखी है. पंजाब की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा कर रहे हरियाणा के किसानों के घर दबिश दी जा रही है और परेशान किया जा रहा है. एसपी को अवगत कराया गया कि किसानों को परेशान करना बंद करें'.

सरकार को अल्टीमेटम: 'अगर सरकार ने इन मांगों पर विचार नहीं किया तो 20 फरवरी को उचाना के धरने पर होने वाली महापंचायत में बड़े और कड़े निर्णय लिए जाएंगे'. इस दौरान बैठक में माजरा खाप के प्रधान गुरविंदर संधू और खाप के प्रवक्ता समुद्र फोर ने बताया कि 'सभी खाप और किसान संगठन एक हैं. अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया और मांगें नहीं मानी तो हरियाणा के सभी वर्ग मिल कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे. पंजाब के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ये लड़ाई लड़ेंगे'.

महापंचायत में तय होगी आगामी रणनीति: 'सभी संगठन मिलकर पंजाब के किसानों के लिए दिल्ली कूच के लिए बॉर्डर खुलवाने का काम करेंगे. नरवाना धरने से बैठक में मौजूद बलजीत मोर ने बताया कि हरियाणा में आंदोलन खड़ा हो रहा है. जैसे ही संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल आती है, तो बॉर्डर को खुलवाने का काम किया जाएगा. हर वर्ग परेशान है और एकजुट हो चुका है. हम सब बॉर्डर को खुलवाने के लिए तैयार हैं और अगली रणनीति उचाना की महापंचायत में तैयार की जाएगी'.

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Last Updated : Feb 19, 2024, 6:07 AM IST
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