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जींद के किसान हाईटेक तरीके से कर रहे खेती, 80 एकड़ में ड्रोन से यूरिया का छिड़काव

Jind Farmer Hightech Farming: हरियाणा के किसान अब हाईटेक तरीके से खेती कर रहे हैं. जींद में किसान ने 80 एकड़ खेत में ड्रोन से यूरिया का छिड़काव कराया है.

Jind Farmer Hightech Farming
जींद के किसान
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 6, 2024, 10:35 AM IST

Updated : Feb 6, 2024, 2:57 PM IST

जींद: हरियाणा खेल के साथ-साथ खेती-किसानी के लिए भी देश भर में मशहूर है. हरियाणा के जींद जिले के किसान हाईटेक खेती का लाभ उठाने के लिए आगे आने लगे हैं. प्रदेश के जो किसान हाईटेक खेती करना चाहता है, कृषि विभाग उसकी भरपूर मदद भी कर रहा है. पहले किसान खाद के छिड़काव में दिनभर लगा रहता था. वहीं, अब चंद घंटों में घर बैठे कार्य हो जा रहा है. यह कार्य आदमी की जगह अब ड्रोन पूरा के माध्यम से हो रहा है. इसके साथ किसानों को यूरिया के लिए भी लाइन में लगने की परेशानी से भी छुटकारा मिल रहा है. कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया मात्र 100 रुपए के खर्च पर एक एकड़ में छिड़काव किया जा रहा है. ड्रोन की मदद से 25 से 30 एकड़ में छिड़काव किया जा सकता है.

80 एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव: आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 80 एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव करवाया जा चुका है. जींद जिले में इस साल 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान आगे भी आ रहे हैं. जिले में अब तक 837 किसानों ने 6,430 एकड़ में नैनो यूरिया के छिड़काव को लेकर ऑनलाइन पंजीकरण करवा दिया है. रजिस्ट्रेशन के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी है.

वहीं, कृषि विभाग द्वारा 6 हजार एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया छिड़काव का लक्ष्य रखा गया था. किसानों से लगभग 3 सप्ताह पहले नैनो यूरिया का छिड़काव करने के लिए आवेदन मांगे गए थे. कृषि विभाग के अधिकारियों की उम्मीद से ज्यादा किसानों ने ड्रोन से यूरिया का छिड़काव करवाने के लिए आवेदन किया है, जबकि अभी भी आवेदन को लेकर 9 दिन शेष हैं.

ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी मुख्यालय को अवगत करवाकर अन्य किसानों के खेतों में भी छिड़काव करवाने को लेकर अनुमति मांगेंगे, ताकि इस योजना में आवेदन करने वाला कोई किसान वंचित नहीं रहे. 6 हजार एकड़ के बाद जो किसान छिड़काव से वंचित रहेंगे, उनके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा कर उनके खेतों में भी ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करवाने को लेकर अनुमति मांगी जाएगी.

लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्र में यूरिया के छिड़काव को लेकर आवेदन: इस संबंध में कृषि उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने कहा कि ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव को लेकर किसान दिलचस्पी दिखा रहे हैं. निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्र में यूरिया के छिड़काव को लेकर किसानों द्वारा आवेदन किया गया है. जिले के किसान ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए पंजीकरण करवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: एक आईडिया ने बदल डाली ज़िंदगी, बन गए करोड़पति, कभी दिल्ली में चलाते थे रिक्शा

ये भी पढ़ें: अंबाला में हल्की बूंदाबांदी से फसलों को फायदा, किसान बोले- बारिश से गेहूं की होगी बंपर पैदावार

जींद: हरियाणा खेल के साथ-साथ खेती-किसानी के लिए भी देश भर में मशहूर है. हरियाणा के जींद जिले के किसान हाईटेक खेती का लाभ उठाने के लिए आगे आने लगे हैं. प्रदेश के जो किसान हाईटेक खेती करना चाहता है, कृषि विभाग उसकी भरपूर मदद भी कर रहा है. पहले किसान खाद के छिड़काव में दिनभर लगा रहता था. वहीं, अब चंद घंटों में घर बैठे कार्य हो जा रहा है. यह कार्य आदमी की जगह अब ड्रोन पूरा के माध्यम से हो रहा है. इसके साथ किसानों को यूरिया के लिए भी लाइन में लगने की परेशानी से भी छुटकारा मिल रहा है. कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया मात्र 100 रुपए के खर्च पर एक एकड़ में छिड़काव किया जा रहा है. ड्रोन की मदद से 25 से 30 एकड़ में छिड़काव किया जा सकता है.

80 एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव: आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 80 एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव करवाया जा चुका है. जींद जिले में इस साल 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान आगे भी आ रहे हैं. जिले में अब तक 837 किसानों ने 6,430 एकड़ में नैनो यूरिया के छिड़काव को लेकर ऑनलाइन पंजीकरण करवा दिया है. रजिस्ट्रेशन के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी है.

वहीं, कृषि विभाग द्वारा 6 हजार एकड़ में ड्रोन के माध्यम से यूरिया छिड़काव का लक्ष्य रखा गया था. किसानों से लगभग 3 सप्ताह पहले नैनो यूरिया का छिड़काव करने के लिए आवेदन मांगे गए थे. कृषि विभाग के अधिकारियों की उम्मीद से ज्यादा किसानों ने ड्रोन से यूरिया का छिड़काव करवाने के लिए आवेदन किया है, जबकि अभी भी आवेदन को लेकर 9 दिन शेष हैं.

ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी मुख्यालय को अवगत करवाकर अन्य किसानों के खेतों में भी छिड़काव करवाने को लेकर अनुमति मांगेंगे, ताकि इस योजना में आवेदन करने वाला कोई किसान वंचित नहीं रहे. 6 हजार एकड़ के बाद जो किसान छिड़काव से वंचित रहेंगे, उनके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा कर उनके खेतों में भी ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करवाने को लेकर अनुमति मांगी जाएगी.

लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्र में यूरिया के छिड़काव को लेकर आवेदन: इस संबंध में कृषि उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने कहा कि ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव को लेकर किसान दिलचस्पी दिखा रहे हैं. निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा क्षेत्र में यूरिया के छिड़काव को लेकर किसानों द्वारा आवेदन किया गया है. जिले के किसान ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए पंजीकरण करवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

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Last Updated : Feb 6, 2024, 2:57 PM IST
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