जयपुर. जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) के 17वें संस्करण के लिए नामांकित फिल्मों की दूसरी सूची जारी कर दी गई है. इस सूची में 19 देशों की 42 फिल्में शामिल हैं, जिनमें 17 फीचर फिल्में भी हैं. इससे पहले सूची में 41 देशों की 170 फिल्में चयनित की गई थी. इस लिस्ट में अलग-अलग कैटेगरी की फिल्मों को शामिल किया गया है, जो विश्व सिनेमा के विविध पहलुओं और कहानियों को दर्शाती हैं. प्रथम सूची के लिए 77 देशों की 1651 फिल्मों और दूसरी सूची के लिए 46 देशों की 477 फिल्मों के आवेदन प्राप्त हुए थे. फेस्टिवल के संस्थापक डायरेक्टर हनु रोज ने बताया कि इस साल कई फीचर फिल्मों के वर्ल्ड और इंडियन प्रीमियर भी होंगे. इन फिल्मों का पहला प्रदर्शन JIFF के दौरान जयपुर में होगा, जो सिनेप्रेमियों के लिए एक खास मौका होगा. फेस्टिवल का आयोजन 17 से 21 जनवरी 2025 तक राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, INOX GT सेंट्रल, जयपुर की पाँच स्क्रीन, सिनेमा ऑन व्हील्स की दो स्क्रीन और राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति में किया जाएगा.
सिनेमैटिक ओलंपिक" थीम पर JIFF: इस बार JIFF "सिनेमैटिक ओलंपिक" थीम पर आधारित है, जो इसे एक नए रूप में पेश करेगा. फेस्टिवल के संस्थापक डायरेक्टर हनु रोज ने बताया की अब तक दोनों सूचियों में कुल 53 फीचर फिल्में और 100 शॉर्ट फिल्में शामिल की गई है , जो दुनिया के किसी भी अन्य फिल्म फेस्टिवल के मुकाबले सबसे बड़ी संख्या है. इसमें शामिल महत्वपूर्ण फिल्मों में लगभग दो घंटे की फिल्म "माई मेलबर्न" भी है, जिसका निर्देशन इम्तियाज अली, कबीर खान, ओनिर और रीमा दास जैसे प्रतिष्ठित फिल्मकारों ने किया है. यह ऑस्ट्रेलिया से एक अनोखी कॉमेडी-ड्रामा एंथोलॉजी है. यह फिल्म अंग्रेज़ी, बंगाली, हिंदी, दारी और ऑस्लन भाषाओं में बनाई गई है और फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है.
इसी तरह से फिल्म "मां काली": भारत के चर्चित कलाकार रायमा सेन और अभिषेक सिंह अभिनीत ढाई घंटे की फिल्म है. "मां काली", का निर्देशन विजय येलकंती ने किया है,जो तेलुगु, बंगाली, और हिंदी में तैयार की गई है. यह फिल्म भी अभी तक रिलीज़ नहीं हुई है, लेकिन अपनी गहन और संवेदनशील कहानी के कारण पहले ही चर्चा का विषय बन चुकी है. नागरिकता संशोधन अधिनियम पर आधारित इस फिल्म में भारत के इतिहास और शरणार्थी समुदायों की पीड़ा को दिखाया गया है. जिफ में शामिल एक और फिल्म "सिरा": लगभग दो घंटे की है. "सिरा", का निर्देशन अपोलिन ट्राओरे ने किया है.
विदेशी फिल्मों पर रहेगी निगाह : जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बुर्किना फासो, फ्रांस, जर्मनी और सेनेगल की एक शानदार ड्रामा और रिवेंज फिल्म है. यह फिल्म फ्रेंच और फुलानी भाषाओं में बनाई गई है और ऑस्कर के लिए नामांकित हो चुकी है. यह एक साहसी युवती की कहानी है, जो आतंकवाद और अन्याय का सामना करते हैं. फिल्म फेस्टिवल में "एट द हार्ट ऑफ द गेम्स": जूल्स और गेदेओन नौडेट की निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री फीचर है. यह फिल्म फ्रांस की है और इसे अंग्रेज़ी भाषा में एक घंटे की अवधि के लिए पेश किया गया है. यह डॉक्यूमेंट्री पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों की आधिकारिक फिल्म है, जो इन खेलों की भावना, तैयारी, और रोमांच को गहराई से दर्शाती है. फिल्म में ओलंपिक के खिलाड़ियों, आयोजकों और पेरिस की मेजबानी के अनदेखे पहलुओं को बेहतरीन तरीके से कैद किया गया है.