रांचीः झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए जेबीवीएनएल के बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने बिजली दरों में 30.89% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था जिसे नियामक आयोग ने ऊर्जा वितरण में समुचित सुधार नहीं होने की वजह बताते हुए नामंजूर कर दिया है.
विद्युत नियामक आयोग ने जेबीवीएनएल के वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023 -24 और 2024- 25 के प्रस्ताव पर एक साथ सुनवाई करते हुए कई बिंदुओं पर बिजली उपभोक्ताओं को राहत प्रदान किया है. जिसके तहत प्रीपेड मीटरिंग पर स्विच करने वाले कंज्यूमर के एनर्जी चार्ज पर तीन प्रतिशत की छूट होगी और प्रीपेड मीटर के इंस्टॉलेशन के एक महीने के भीतर सिक्योरिटी डिपॉजिट जेबीवीएनएल को वापस करना होगा.
झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य टेक्निकल अतुल कुमार और सदस्य विधि महेंद्र प्रसाद ने जानकारी देते हुए कहा कि चूंकि 1 अप्रैल 2024 से राज्य में नये बिजली दर निर्धारित करते हुए, इसमें वृद्धि की गई थी. ऐसे में 7 महीने के भीतर बिजली के दर में वृद्धि करना उचित नहीं प्रतीत होता है. फरवरी 2025 में एक बार फिर नए प्रस्ताव पर विचार होना है, ऐसे में आयोग ने जेबीवीएनएल के बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.
विद्युत नियामक आयोग के महत्वपूर्ण फैसले जो आपके लिए हैं जरूरी
- पूर्व से चली आ रही बिजली के दर वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी लागू रहेंगे.
- यदि कंज्यूमर 5 दिनों के भीतर बिल भुगतान करता है तो उसे बिल के भुगतान पर दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
- ग्रीन एनर्जी टैरिफ के लिए जेबीवीएनएल के प्रति यूनिट 8.59 रुपए के प्रस्ताव पर आयोग ने विचार करते हुए 0.21 प्रति यूनिट की मंजूरी प्रदान की है.
- जेबीवीएनएल के द्वारा 2022-23, 2023-24 और 2024 -25 के लिए 30.28%, 23.99% और 19.08% के मुकाबले इन वित्तीय वर्षों के लिए 13% के डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को मंजूरी दी है.
- जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 9806.23 करोड़ रुपए का एपीआर का दावा किया था, आयोग ने इस पर जांच करने के बाद 6883.33 करोड़ रुपए के एपीआर की मंजूरी दी है.
- जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 10,502.16 करोड़ रुपए और 2024-25 के लिए 10857.93 करोड़ रुपए का एपीआर का दावा किया था, आयोग ने इस पर जांच करने के बाद 2023-24 के लिए 7350.83 करोड़ रुपए और 2024-25 के लिए 8390.63 करोड़ के एपीआर की मंजूरी दी है.
- कंज्यूमर को ऑनलाइन या डिजिटल मोड में बिल का भुगतान करने पर अधिकतम 250 रुपए या एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
- किसी भी प्रकार के उपभोक्ता के लिए मीटर रेंट नहीं लगेगा.
- फिक्स चार्ज घंटों की संख्या से निर्धारित होगी. एचटी उपभोक्ता को 23 घंटे और एलटी उपभोक्ता को 21 घंटे बिजली आपूर्ति करनी होगी नहीं तो अनुपातिक उन्हें बिजली बिल में छूट मिलेगी.
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