पाकुड़: जिला मुख्यालय में झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत का एक दिवसीय जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शिबू पहाड़िया ने की. मौके पर पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह और मंडल प्रभारी धीरेन मल मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
सम्मेलन में चौकीदारों की समस्याओं के समाधान और उनके हक और अधिकार की रक्षा पर विस्तार से चर्चा की गयी. साथ ही सर्वसम्मति से चौकीदार नियमावली के तहत जिले के चौकीदारों की खनन चेकपोस्ट पर ड्यूटी लगाने का विरोध कर जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में चौकीदारों की समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का भी निर्णय लिया गया.
एकजुट होकर विरोध करने का संकल्प: जिला स्तरीय सम्मेलन में संगठन को मजबूत करने और सरकारी व गैर सरकारी चौकीदारों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का संकल्प लिया गया. सम्मेलन में सेवानिवृत्त और प्रतिस्थापित चौकीदारों के रिक्त पदों पर बहाली के लिए जारी विज्ञापन को रद्द करने, सेवानिवृत्त चौकीदारों एवं दफादारों के आश्रितों की बहाली, झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 के आलोक में बीट का सृजन करने, निलंबित चौकीदारों को निलंबन से मुक्त करने, 13 माह का बकाया वेतन भुगतान करने, अनुकंपा के आधार पर पोते-पोतियों का नाम आश्रितों की सूची में शामिल करने, बाल पुलिस की तरह बाल चौकीदार नियुक्त करने आदि की मांग सरकार से की गयी.
अपनायी जा रही दमनकारी नीति: सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि पाकुड़ जिले में चौकीदारों के खिलाफ दमनकारी नीति अपनायी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन चौकीदारों को मैनुअल के अनुसार ड्यूटी देने के बजाय अपनी मनमर्जी से ड्यूटी दे रहा है. उन्होंने कहा कि खनन चेकपोस्ट पर चौकीदारों की ड्यूटी लगाना नियमों के विरुद्ध है और अगर यह प्रथा बंद नहीं की गई तो आने वाले दिनों में चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा.
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