रांची: महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से हेमंत सरकार के द्वारा लाया गया मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना जमीन पर उतरने से पहले ही विवादों में आ गया है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इसे शुरू करने की जल्दबाजी में है मगर तकनीकी अड़चन बड़ी बाधा बनी हुई है. इधर महिलाओं के ऑनलाइन आवेदन अपलोड होने में हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने ऑफलाइन आवेदन को भी स्वीकार करने का फैसला किया है.
मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने इस बाबत सभी उपायुक्तों को निर्देशित कर दिया है. मुख्य सचिव कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार ऑफलाइन आवेदन की स्क्रूटनी करके इसे अपलोड करने को कहा गया है. इन सबके बीच मंगलवार तक महिला, बाल विकास विकास विभाग के पोर्टल mmmsy.gov.jharkhand.in पर 90 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. विभाग का दावा है कि जो भी अड़चनें आ रही थी उसे दूर कर लिया गया है.
आखिर क्यों है सुर्खियों में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना
- झारखंड की 21-50 साल की महिलाओं को मिलना है.
- हर महीने की 15 तारीख को मिलेगा 1000 रुपये
- ऑनलाइन आवेदन अपलोड में हो रही है भारी परेशानी
- मुफ्त आवेदन के बावजूद पैसा लेकर आवेदन मिलने की आ रही है शिकायत
- विपक्ष उठा रहा सवाल, बचाव में उतरा है सत्तापक्ष
- महिलाओं की परेशानी को देखते हुए अब ऑफलाइन आवेदन लेने का फैसला
मंईयां सम्मान योजना पर सियासत चरम पर
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर सियासत जारी है. विपक्ष सरकार की इस योजना की खामियों को बताने में जुटा है. पूर्व स्पीकर और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा है कि एक बार फिर जनता को ठगने के लिए सरकार ने यह हथकंडा अपनाया है जिस तरह से मुख्यमंत्री की तश्वीर लगे आवेदन महिलाओं से 200-200 रुपये तक लेकर दिया जाता है और वादा भी ऐसा कि दिसंबर 2024 के बाद आधार से लिंक बैंक खाता का सत्यापन होने पर ही मिलेगा, यह कैसी योजना है समझ से पड़े है इसलिए मैं कहता हूं कि यह धोखा है.
इधर, विपक्ष के सवाल पर पलटवार करते हुए सत्तारुढ़ दल जेएमएम ने मंईयां सम्मान योजना को हेमंत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि जिस तरह से यह योजना लोकप्रिय हो रहा है उससे विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है. जो भी तकनीकी अड़चन आ रही थी उसे दूर कर लिया गया और अब तो ऑफलाइन आवेदन की भी अनुमति दे दी गई है. बहरहाल मंईयां सम्मान योजना के जरिए सरकार को उम्मीद है कि करीब 50 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा.
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