रांचीः झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच की एक चिट्ठी से सियासी तूफान खड़ा हो गया है. 3 अप्रैल को स्पेशल ब्रांच से सभी जिलों में पोस्टेड पुलिस उपाधीक्षकों को एक पत्र जारी हुआ था. उस पत्र में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव के आलोक में राज्य के सभी संसदीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, राजनीतिक परिदृश्य और वोटरों का जिलावार जातिगत संख्या और प्रतिशत की जरूरत है. लिहाजा 2 दिन के भीतर एमएस वर्ड में electioncell-sb@jhpolice.gov.in पर सारा विवरण उपलब्ध कराना है, इसे अति आवश्यक समझें.
इस पत्र की जानकारी मिलते ही भाजपा एक्टिव हो गई है. स्पेशल ब्रांच के इस पत्र पर आपत्ति जताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. प्रदेश भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार से मिलकर इस बात की आपत्ति जताई है.
अगर यह पत्र सही है तो इसका मतलब है कि कोई बड़ा राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह का काम किया जा रहा है. इसको न सिर्फ रोकने की जरूरत है बल्कि इसके पीछे की मंशा को भी उजागर करना जरूरी है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पत्र से जुड़े पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया है.
दूसरी तरफ भाजपा के एक और प्रतिनिधिमंडल ने इस मसले को लेकर डीजीपी से मुलाकात करने की कोशिश की. लेकिन दफ्तर में उनकी अनुपस्थिति की वजह से एडीजी को इस बाबत ज्ञापन सौंपा गया. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, महामंत्री सह सांसद आदित्य साहू, विधायक सीपी सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय और आरती कुजूर शामिल थीं. पुलिस मुख्यालय के मीडिया सेल ने बताया है कि प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन की जानकारी डीजीपी को दे दी गई है और उनके दिशा निर्देश पर अग्रतर कार्यवाही की जा रही है.
क्या है पूरा मामला
ईटीवी भारत ने जब इस पत्र की पड़ताल की तो पता चला कि स्पेशल ब्रांच के एसपी के हवाले से डीएसपी स्तर के एक पदाधिकारी ने सभी जिलों के स्पेशल ब्रांच के डीएसपी को पत्र जारी किया था. इस पत्र की जानकारी स्पेशल ब्रांच के एसपी को भी नहीं थी. इसी बीच किसी एक जिले के डीएसपी ने संबंधित जिला प्रशासन से वोटरों की जातिगत संख्या और प्रतिशत का डाटा लेने के लिए पत्र लिख दिया. यहीं से इस बात का खुलासा हुआ.
लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. आधिकारिक रूप से इस तरह का डाटा तैयार करना आदर्श आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है. ईटीवी भारत को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक चुनाव के मद्देनजर पिछले दिनों स्पेशल ब्रांच में इलेक्शन सेल का गठन किया गया था. इस सेल के गठन का मकसद था लोकसभावार विधि व्यवस्था से जुड़े बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करना. लेकिन एक डीएसपी स्तर के पदाधिकारी ने ऐसे आंकड़ों की मांग कर दी जो कहीं से भी विधि सम्मत नहीं है.
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