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रंगदारों पर डबल एफआईआर की तैयारी, सिमकार्ड देने वाले भी रडार पर!

रंगदार मांगने वाले अपराधियों पर अब पूरी तरह से नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. इन पर अब डबल एफआईआर की तैयारी है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Jharkhand police preparing to file double FIR regarding extortion by criminals
झारखंड डीजीपी (ETV Bharat)

रांचीः झारखंड के कई जिलों में हाल के दिनों में संगठित अपराधी गिरोह के साथ-साथ उग्रवादी और नक्सली संगठनों के द्वारा रंगदारी और लेवी मांगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. झारखंड पुलिस ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने के लिए दोहरे एफआईआर करना शुरू कर दिया है. इसमे वे लोग भी शामिल है जिनके नाम पर सिम कार्ड खरीदा गया है.

मोबाइल धारक रडार पर

आपराधिक गिरोह हो या फिर उग्रवादी संगठन, सभी रंगदारी मांगने के लिए मोबाइल फोन का और इंटरनेट सर्विस का लगातार प्रयोग कर रहे हैं. फोन के जरिए धमकी देकर रंगदारी मांगना, व्हाट्सएप के जरिए संगठन का पर्चा भेज कर रंगदारी मांगना हो हर चीज के लिए मोबाइल सिमकार्ड का प्रयोग किया जा रहा है. झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार यह देखा जा रहा था कि जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कारोबारियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन मांगने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी.

जानकारी देते झारखंड डीजीपी (ETV Bharat)

पूरे मामले की जब डीजीपी ने खुद जांच की और उसके बाद एक सख्त आदेश जारी किया आदेश यह है कि जिन मोबाइल नंबरों से रंगदारी के कॉल्स आ रहे हैं उन पर भी एफआईआर दर्ज की जाए. रंगदारी के मामले में दो एफआईआर दर्ज की जाए. एक ही केस में पहला एफआईआर जिस अपराधी के द्वारा रंगदारी मांगी गई है उस पर और दूसरा वह सिमकार्ड धारक जिसके मोबाइल का प्रयोग रंगदारी मांगे जाने के लिए किया गया, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए.

क्या क्या है निर्देश

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि पुलिस को यह निर्देश दिया गया है की मोबाइल का लोकेशन, कॉल डिटेल, कॉल हिस्ट्री, रिचार्ज हिस्ट्री और दूसरे तरह के सभी डिटेल निकाल कर जांच करे. डीजीपी के निर्देश के बाद रंगदारी के 6 मामलों को लेकर झारखंड के हजारीबाग में भी एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.

सिमकार्ड फर्जी तरीके से लिया गया हो तब एक और एफआईआर

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के जानकारी के बिना ही उसके नाम पर सिमकार्ड इश्यू करवा कर उससे अगर रंगदारी की मांग की जा रही है तो फिर उसे व्यक्ति के द्वारा भी एक प्राथमिक की दर्ज करवाई जाएगी.

इसे भी पढ़ें- फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर रंगदारी का हो रहा है खेल, बंगाल-असम से जुड़े तार - PLFI extortion letter

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इसे भी पढ़ें- लातेहार में अपराधियों ने फैलाई दहशत, कोयला लदे हाइवा में लगाई आग

रांचीः झारखंड के कई जिलों में हाल के दिनों में संगठित अपराधी गिरोह के साथ-साथ उग्रवादी और नक्सली संगठनों के द्वारा रंगदारी और लेवी मांगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. झारखंड पुलिस ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने के लिए दोहरे एफआईआर करना शुरू कर दिया है. इसमे वे लोग भी शामिल है जिनके नाम पर सिम कार्ड खरीदा गया है.

मोबाइल धारक रडार पर

आपराधिक गिरोह हो या फिर उग्रवादी संगठन, सभी रंगदारी मांगने के लिए मोबाइल फोन का और इंटरनेट सर्विस का लगातार प्रयोग कर रहे हैं. फोन के जरिए धमकी देकर रंगदारी मांगना, व्हाट्सएप के जरिए संगठन का पर्चा भेज कर रंगदारी मांगना हो हर चीज के लिए मोबाइल सिमकार्ड का प्रयोग किया जा रहा है. झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार यह देखा जा रहा था कि जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कारोबारियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन मांगने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी.

जानकारी देते झारखंड डीजीपी (ETV Bharat)

पूरे मामले की जब डीजीपी ने खुद जांच की और उसके बाद एक सख्त आदेश जारी किया आदेश यह है कि जिन मोबाइल नंबरों से रंगदारी के कॉल्स आ रहे हैं उन पर भी एफआईआर दर्ज की जाए. रंगदारी के मामले में दो एफआईआर दर्ज की जाए. एक ही केस में पहला एफआईआर जिस अपराधी के द्वारा रंगदारी मांगी गई है उस पर और दूसरा वह सिमकार्ड धारक जिसके मोबाइल का प्रयोग रंगदारी मांगे जाने के लिए किया गया, उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए.

क्या क्या है निर्देश

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि पुलिस को यह निर्देश दिया गया है की मोबाइल का लोकेशन, कॉल डिटेल, कॉल हिस्ट्री, रिचार्ज हिस्ट्री और दूसरे तरह के सभी डिटेल निकाल कर जांच करे. डीजीपी के निर्देश के बाद रंगदारी के 6 मामलों को लेकर झारखंड के हजारीबाग में भी एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.

सिमकार्ड फर्जी तरीके से लिया गया हो तब एक और एफआईआर

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के जानकारी के बिना ही उसके नाम पर सिमकार्ड इश्यू करवा कर उससे अगर रंगदारी की मांग की जा रही है तो फिर उसे व्यक्ति के द्वारा भी एक प्राथमिक की दर्ज करवाई जाएगी.

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