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21 से 27 सितंबर तक झारखंड में अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को लिखा पत्र, जानिए क्या है वजह - Jharkhand Police

Alert in Jharkhand.झारखंड पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट 21 सितंबर से 27 सितंबर तक प्रभावी रहेगा. इस दौरान सभी जिलों के एसपी को जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं.

Alert In Jharkhand
झारखंड में अलर्ट (कॉन्सेप्ट इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 15, 2024, 5:42 PM IST

रांचीः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी 21 सितंबर से 27 सितंबर तक स्थापना सप्ताह मनाएंगे. ऐसे में पूरे झारखंड पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. नक्सली संगठन के स्थापना सप्ताह के दौरान बड़ी नक्सली वारदात की आशंका को देखते हुए यह अलर्ट जारी किया गया है.

झारखंड में अलर्ट जारी

नक्सलियों के स्थापना सप्ताह को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से पूरे झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर झारखंड के वैसे जिले जहां नक्सलियों का प्रभाव ज्यादा है वहां विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

सभी एसपी को लिखा गया पत्र

इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसएसपी, एसपी को पत्र भी लिखा गया है. पत्र में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से सभी सुरक्षा कैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए गए हैं. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है.

मूवमेंट से पहले बरतें एहतियात

मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने-जाने के रास्तों में भी आईईडी जांच की जाएगी. नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. उसके बाद उन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी.

बाजार-हाट में सतर्कता बरतें

ग्रामीण बाजार-हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर-पोस्टर लगाकर हटाने जाने वाली पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है. झारखंड पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग भी लगातार सूचनाओं के संकलन में लगा हुआ है.

सरकारी, गैर सरकारी प्रतिष्ठानों पर नजर रखें

पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किए गए पत्र में यह भी लिखा गया है कि सुरक्षा बलों के कैंप के साथ-साथ नक्सल प्रभावित जिलों में सरकारी और गौर सरकारी प्रतिष्ठान, ब्लॉक, अंचल कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, विभिन्न बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थान, वन विभाग के कार्यालय और गोदाम आदि पर विशेष नजर रखें. वहीं ग्रामीण इलाकों में पड़ने वाले मोबाइल टावर की निगरानी बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है.

रेल रूट पर विशेष निगरानी

पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, रेलवे साइडिंग, रेलवे स्टेशन के साथ-साथ राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और दूसरी महत्वपूर्ण सड़कों में चलने वाले वाहनों की सुरक्षा का ध्यान रखने का निर्देश दिया है.

क्यों स्थापना दिवस मनाते हैं नक्सली

बता दें कि भाकपा माओवादी देश का प्रमुख नक्सली संगठन माना जाता है. इस संगठन को दो नक्सली संगठनों के आपसी विलय के बाद बनाया था. साल 2004 में 21 सितंबर को माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी और पीपुल्स वार ने एक दूसरे में विलय कर लिया था. जिसके बाद भारत सरकार ने भाकपा माओवादी संगठन को बैंड कर दिया था.

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रांचीः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी 21 सितंबर से 27 सितंबर तक स्थापना सप्ताह मनाएंगे. ऐसे में पूरे झारखंड पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. नक्सली संगठन के स्थापना सप्ताह के दौरान बड़ी नक्सली वारदात की आशंका को देखते हुए यह अलर्ट जारी किया गया है.

झारखंड में अलर्ट जारी

नक्सलियों के स्थापना सप्ताह को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से पूरे झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर झारखंड के वैसे जिले जहां नक्सलियों का प्रभाव ज्यादा है वहां विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

सभी एसपी को लिखा गया पत्र

इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के एसएसपी, एसपी को पत्र भी लिखा गया है. पत्र में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से सभी सुरक्षा कैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए गए हैं. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है.

मूवमेंट से पहले बरतें एहतियात

मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने-जाने के रास्तों में भी आईईडी जांच की जाएगी. नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. उसके बाद उन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी.

बाजार-हाट में सतर्कता बरतें

ग्रामीण बाजार-हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर-पोस्टर लगाकर हटाने जाने वाली पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है. झारखंड पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग भी लगातार सूचनाओं के संकलन में लगा हुआ है.

सरकारी, गैर सरकारी प्रतिष्ठानों पर नजर रखें

पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किए गए पत्र में यह भी लिखा गया है कि सुरक्षा बलों के कैंप के साथ-साथ नक्सल प्रभावित जिलों में सरकारी और गौर सरकारी प्रतिष्ठान, ब्लॉक, अंचल कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, विभिन्न बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थान, वन विभाग के कार्यालय और गोदाम आदि पर विशेष नजर रखें. वहीं ग्रामीण इलाकों में पड़ने वाले मोबाइल टावर की निगरानी बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है.

रेल रूट पर विशेष निगरानी

पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, रेलवे साइडिंग, रेलवे स्टेशन के साथ-साथ राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और दूसरी महत्वपूर्ण सड़कों में चलने वाले वाहनों की सुरक्षा का ध्यान रखने का निर्देश दिया है.

क्यों स्थापना दिवस मनाते हैं नक्सली

बता दें कि भाकपा माओवादी देश का प्रमुख नक्सली संगठन माना जाता है. इस संगठन को दो नक्सली संगठनों के आपसी विलय के बाद बनाया था. साल 2004 में 21 सितंबर को माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी और पीपुल्स वार ने एक दूसरे में विलय कर लिया था. जिसके बाद भारत सरकार ने भाकपा माओवादी संगठन को बैंड कर दिया था.

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