कुचामनसिटी. 'अपना घर आश्रम' कई बिछड़ों को मिलाने का साक्षी रह चुका है. इसी क्रम में आश्रम में चार साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ. झारखंड के कैलाश 4 साल बाद अपने परिवार से मिले. लंबे इंतजार के बाद अपने बेटे कैलाश को देखते ही झारखंड निवासी पूरण प्रसाद की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. पिता पुत्र के मिलन का यह नजारा डीडवाना-कुचामन जिले के कुचामनसिटी स्थित अपना घर आश्रम का है.
4 साल बाद तलाश हुई पूरी : चार साल पहले मानसिक अवसाद के चलते कैलाश अपने घर से निकल गए थे, उसके बाद से ही पिता पूरण प्रसाद और पूरा परिवार कैलाश की तलाश कर रहा था. अब चार साल बाद जाकर यह तलाश पूरी हुई है और पिता पूरण प्रसाद सहित पूरा परिवार खुश है. परिवार के सदस्य कैलाश को लेने कुचामन के अपना घर आश्रम पहुंचे और बेटे को लेकर खुशी-खुशी वापस चले गए.
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याददाश्त आने पर बताया गांव का नाम : आश्रम संचालन समिति सदस्य संपत सोमानी बताते हैं कि सितंबर 2023 में कैलाश आश्रम में लाए गए थे. आश्रम के पूरे सदस्य कैलाश को उसके परिवार से मिलाने के लिए प्रयास कर रहे थे. इस दौरान कैलाश को घर जैसा माहौल और चिकित्सा सुविधा भी दी गई. धीरे-धीरे कैलाश ठीक होते गए और उन्हें अपने गांव का नाम याद आया. इसकी मदद से आश्रम की टीम ने गूगल मैप पर उसके गांव को देखकर गांव के एक होटल को खोज निकाला.
इसके बाद गांव के समाजसेवी मोहन पासवान से उनकी बात हुई और फिर कैलाश को उसके परिवार से मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. उन्होंने बताया कि अब तक 38 लोगों को उनके परिवार से मिलाया जा चुका है. समाजसेवी मोहन पासवान कैलाश ने बताया कि कैलाश का अपने परिवार वालों से मिलना 4 साल बाद मुमकिन हुआ. उन्होंने अपना घर आश्रम की सेवाओं को प्रेरक बताया और उनका आभार जताया.