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आवासीय भवन में भाजपा प्रदेश कार्यालय चलने पर आवास बोर्ड सख्त, 15 दिन बाद समीक्षा बैठक कर झारखंड राज्य आवास बोर्ड लेगा कड़ा फैसला - Jharkhand Housing Board Meeting

Residential building commercial use in Ranchi.रांची में आयोजित आवास बोर्ड की बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं. इस दौरान गए और कई प्रस्ताव को समहमति हैं. साथ ही आवासीय भवन या भूखंड के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर कठोर कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है. बैठक में प्रदेश भाजपा कार्यालय का भी मुद्दा उठा है.

Jharkhand Housing Board Meeting
झारखंड राज्य आवास बोर्ड का दफ्तर और प्रदेश भाजपा कार्यालय (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 19, 2024, 6:03 PM IST

रांची: झारखंड राज्य आवास बोर्ड की बुधवार को 73वीं बैठक में 34 अहम प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई. वहीं हरमू में आवासीय भवन में नियम विरुद्ध भाजपा का प्रदेश कार्यालय चलने के मामले में बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई. मामले में फैसला लिया गया कि आवास बोर्ड के वैसे आवासीय भवन या भूखंड जिसका कॉमर्शियल या अन्य इस्तेमाल हो रहा है उसके लिए 15 दिन बाद अलग से समीक्षा बैठक कर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा.

जानकारी देते झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान. (वीडियो-ईटीवी भारत)

क्या है भाजपा प्रदेश कार्यालय से जुड़ा मामला

झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान के अनुसार रांची के हरमू स्थित जिस भवन में प्रदेश भाजपा का कार्यालय संचालित है, वह मध्य आय वर्ग (एमआईजी-D/S-7) रविन्द्र शेखर प्रसाद के नाम पर अलॉट है. आवास बोर्ड के निर्धारित शर्तों के अनुसार उस दो मंजिला भवन का उपयोग सिर्फ आवासीय ही हो सकता है, लेकिन उसमें भाजपा कार्यालय चल रहा है.

आवास बोर्ड की जमीन को भाजपा के नाम पर किया गया क्रयः अध्यक्ष

आवास बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार इतना ही नहीं उस भवन से सटे भवन D/S 6 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से क्रय कर लिया गया है. संजय पासवान ने कहा कि बोर्ड के बायलॉज के अनुसार यह भी गलत है. ऐसे में आवास बोर्ड की ओर से रविन्द्र शेखर प्रसाद को बार-बार नोटिस दिया जा रहा है कि वह अपना पक्ष रखें कि उनके आवासीय उपयोग के भवन में कैसे भाजपा कार्यालय चल रहा है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.

15 दिनों बाद लिया जाएगा कठोर निर्णय

संजय पासवान ने साफ किया कि चाहे जो और जिसका भी कार्यालय या भवन हो, वह आवासीय भूखंड या आवासीय भवन में नहीं चलेगा. ऐसे में 15 दिनों बाद ऐसे सभी मामले की समीक्षा कर झारखंड राज्य आवास बोर्ड कठोर निर्णय लेगा. संभव है कि वैसे लोगों का अलॉटमेंट निरस्त कर दिया जाए.

आवास बोर्ड की बैठक में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण फैसले

झारखंड राज्य आवास बोर्ड की 73वीं बैठक में बोर्ड की अधूरी पड़ी योजनाओं को शीघ्र पूरा करने, अपार्टमेंट्स के एक्सटेंशन, तैयार भवन, अपार्टमेंट का शीघ्र इस महीने के अंत तक ऑक्शन के माध्यम से आवंटन करने और पुराने जर्जर हो चुके आवास बोर्ड के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया. पुराने भवनों में रह रहे लोगों को जबतक की नया भवन बनकर नहीं मिल जाता है, तब तक छह से एक साल के लिए रेंट आवास बोर्ड द्वारा मुहैया कराने के निर्णय पर भी सहमति प्रदान की गई.

विधायक और सांसद आवास बोर्ड की जमीन पर योजनाओं के शिलान्यास से करें परहेज-संजय

रांची के हरमू इलाके में आवास बोर्ड की जमीन पर विधायक-सांसद फंड से सामुदायिक भवन बनाने के लिए किए गए शिलान्यास पट को मंगलवार को आवास बोर्ड ने हटवा दिया था. इसके बाद युवा भाजपा के नेता कार्यकर्ता आक्रोशित थे. इस मामले पर आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि संपत्ति बोर्ड की है. ऐसे में हमारी जमीन पर कोई काम करने से पहले हमसे यानी बोर्ड से सहमति या एनओसी लेना जरूरी है. इतनी सी बात का ख्याल तो सभी सांसद-विधायक को रखना ही चाहिए.

ये भी पढ़ें-

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जानकारी देते झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान. (वीडियो-ईटीवी भारत)

क्या है भाजपा प्रदेश कार्यालय से जुड़ा मामला

झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान के अनुसार रांची के हरमू स्थित जिस भवन में प्रदेश भाजपा का कार्यालय संचालित है, वह मध्य आय वर्ग (एमआईजी-D/S-7) रविन्द्र शेखर प्रसाद के नाम पर अलॉट है. आवास बोर्ड के निर्धारित शर्तों के अनुसार उस दो मंजिला भवन का उपयोग सिर्फ आवासीय ही हो सकता है, लेकिन उसमें भाजपा कार्यालय चल रहा है.

आवास बोर्ड की जमीन को भाजपा के नाम पर किया गया क्रयः अध्यक्ष

आवास बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार इतना ही नहीं उस भवन से सटे भवन D/S 6 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से क्रय कर लिया गया है. संजय पासवान ने कहा कि बोर्ड के बायलॉज के अनुसार यह भी गलत है. ऐसे में आवास बोर्ड की ओर से रविन्द्र शेखर प्रसाद को बार-बार नोटिस दिया जा रहा है कि वह अपना पक्ष रखें कि उनके आवासीय उपयोग के भवन में कैसे भाजपा कार्यालय चल रहा है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.

15 दिनों बाद लिया जाएगा कठोर निर्णय

संजय पासवान ने साफ किया कि चाहे जो और जिसका भी कार्यालय या भवन हो, वह आवासीय भूखंड या आवासीय भवन में नहीं चलेगा. ऐसे में 15 दिनों बाद ऐसे सभी मामले की समीक्षा कर झारखंड राज्य आवास बोर्ड कठोर निर्णय लेगा. संभव है कि वैसे लोगों का अलॉटमेंट निरस्त कर दिया जाए.

आवास बोर्ड की बैठक में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण फैसले

झारखंड राज्य आवास बोर्ड की 73वीं बैठक में बोर्ड की अधूरी पड़ी योजनाओं को शीघ्र पूरा करने, अपार्टमेंट्स के एक्सटेंशन, तैयार भवन, अपार्टमेंट का शीघ्र इस महीने के अंत तक ऑक्शन के माध्यम से आवंटन करने और पुराने जर्जर हो चुके आवास बोर्ड के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया. पुराने भवनों में रह रहे लोगों को जबतक की नया भवन बनकर नहीं मिल जाता है, तब तक छह से एक साल के लिए रेंट आवास बोर्ड द्वारा मुहैया कराने के निर्णय पर भी सहमति प्रदान की गई.

विधायक और सांसद आवास बोर्ड की जमीन पर योजनाओं के शिलान्यास से करें परहेज-संजय

रांची के हरमू इलाके में आवास बोर्ड की जमीन पर विधायक-सांसद फंड से सामुदायिक भवन बनाने के लिए किए गए शिलान्यास पट को मंगलवार को आवास बोर्ड ने हटवा दिया था. इसके बाद युवा भाजपा के नेता कार्यकर्ता आक्रोशित थे. इस मामले पर आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि संपत्ति बोर्ड की है. ऐसे में हमारी जमीन पर कोई काम करने से पहले हमसे यानी बोर्ड से सहमति या एनओसी लेना जरूरी है. इतनी सी बात का ख्याल तो सभी सांसद-विधायक को रखना ही चाहिए.

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