रांची: झारखंड की राजधानी रांची के बड़ा तालाब की साफ सफाई और तीन डैम (कांके, हटिया और रुक्का डैम) क्षेत्र में अतिक्रमण के मामले पर दायर जनहित याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव को कल कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है. साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच से जुड़े रांची नगर निगम के अन्य अभियंताओं को भी सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है.
दरअसल, रांची का बड़ा तालाब लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. करोड़ों खर्च करने के बाद भी बड़ा तालाब से दुर्गंध आ रही है. इसकी वजह से बड़ा तालाब के आसपास से गुजरने और उस इलाके में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. साथ ही तीनों डैम के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर बड़ी संख्या में घर बना लिए गये हैं. इसकी वजह से पानी का स्त्रोत प्रभावित हुआ है. इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.
आपको बता दें कि बड़ा तालाब से फैल रही दुर्गंध को दूर करने के लिए नगर निगम की ओर से ब्लीचिंग का छिड़काव किया गया है. लेकिन दुर्गंध पर उसका कोई खास असर नहीं पड़ा है. लिहाजा, नगर निगम के आयुक्त ने ईटीवी भारत को बताया है कि यह पुरानी समस्या है. इसके ठोस समाधान के लिए रिसर्च वर्क चल रहा है.
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