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झारखंड के सरकारी स्कूलों तक नहीं पहुंची मुफ्त किताबें, शिक्षा मंत्री कर रहे बुक्स मिलने का दावा - Jharkhand government schools

Government school Students have not received books yet. झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब तक किताबें नहीं मिल पायी हैं. इसके इतर शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम का दावा है कि बच्चों को किताबें मिल रही हैं. मंत्री ने कहा कि आचार संहिता के कारण किताबें देरी से पहुंच रहीं.

Jharkhand government school Students have not received books yet
शिक्षा मंत्री और स्कूल के बच्चे (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 6, 2024, 5:31 PM IST

रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को अब तक किताब नहीं मिली हैं. यह मामला पिछले मानसून सत्र के दौरान भी सदन में उठा था. हालांकि इसके बाद शिक्षा विभाग ने तत्परता जरूर दिखाई और बीआरसी के माध्यम से स्कूलों को किताब मुहैया कराने में तेजी लाई है. इसके बाबजूद बच्चों की संख्या के अनुपात में इस सत्र का किताब नहीं मिल पायी हैं.

जानकारी देते शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

हालांकि शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम स्कूलों में किताबें भेजने का दावा जरूर करते नजर आते हैं. मंत्री यह स्वीकारते भी हैं कि विलंब से बच्चों को किताबें मिल रही हैं. इसके पीछे लोकसभा चुनाव के कारण जारी आचार संहिता को बड़ी वजह बताते हैं. मगर वास्तविकता यह है कि पाठ्य पुस्तकों के वितरण में किसी तरह की आचार संहिता उल्लंघन की बाधा नहीं थी. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छपाई में हुई देरी की वजह से किताबें समय से बच्चों तक नहीं पहुंच पायी हैं.

राज्य में कक्षा एक से दस तक 46 लाख 30 हजार 475 विद्यार्थी

झारखंड सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त किताब और पोशाक देती है. इसके तहत राज्य में कक्षा एक से दस तक 46,30,475 विद्यार्थी हैं जबकि 11-12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब 5 लाख है. शिक्षा विभाग का दावा है कि इस साल 90 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों को किताबें मिल गई हैं. शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम हालांकि 11-12वीं के विद्यार्थियों को किताब मिलने में देरी होने की बात स्वीकारते हुए कहा है कि विद्यार्थियों की संख्या से कम किताब छपने की वजह से यह समस्या हुई है जिसे शीघ्र दूर किया जा रहा है.

इन सबके बीच सरकार भले ही किताब मुहैया कराने में तत्परता दिखा रही हो मगर पोशाक को लेकर उदासीन है. शिक्षा मंत्री से जब इस संबंध में पूछा गया कि पोशाक कब मिलेगा तो उन्होंने सवाल का जवाब देने से कतराते हुए ससमय दिए जाने की बात कही.

हर साल सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी किताब और पोशाक के लिए महीनों इंतजार करते रहते हैं. जब सदन में हंगामा होता है तब विभाग जगती है और आनन फानन में कुछ को उपलब्ध कराकर किताब और पोशाक मिलने का दावा करने लगती है. अगर समय से ये सुविधा मुहैया करा दिए जायें तो बच्चों के साथ साथ विभाग को भी कोई परेशानी नहीं होगी.

इसे भी पढ़ें- घर बैठे वेतन पा रहीं धनबाद के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका! जानें, पूरा मामला - Anganwadi Center Closed

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इसे भी पढ़ें- गढ़वा में शिक्षक ने बच्चों को सरस्वती वंदना करने से रोका, बवाल के बाद शुरू की गई मामले की जांच - Teacher stopped Saraswati Vandana

रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को अब तक किताब नहीं मिली हैं. यह मामला पिछले मानसून सत्र के दौरान भी सदन में उठा था. हालांकि इसके बाद शिक्षा विभाग ने तत्परता जरूर दिखाई और बीआरसी के माध्यम से स्कूलों को किताब मुहैया कराने में तेजी लाई है. इसके बाबजूद बच्चों की संख्या के अनुपात में इस सत्र का किताब नहीं मिल पायी हैं.

जानकारी देते शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

हालांकि शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम स्कूलों में किताबें भेजने का दावा जरूर करते नजर आते हैं. मंत्री यह स्वीकारते भी हैं कि विलंब से बच्चों को किताबें मिल रही हैं. इसके पीछे लोकसभा चुनाव के कारण जारी आचार संहिता को बड़ी वजह बताते हैं. मगर वास्तविकता यह है कि पाठ्य पुस्तकों के वितरण में किसी तरह की आचार संहिता उल्लंघन की बाधा नहीं थी. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छपाई में हुई देरी की वजह से किताबें समय से बच्चों तक नहीं पहुंच पायी हैं.

राज्य में कक्षा एक से दस तक 46 लाख 30 हजार 475 विद्यार्थी

झारखंड सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त किताब और पोशाक देती है. इसके तहत राज्य में कक्षा एक से दस तक 46,30,475 विद्यार्थी हैं जबकि 11-12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब 5 लाख है. शिक्षा विभाग का दावा है कि इस साल 90 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों को किताबें मिल गई हैं. शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम हालांकि 11-12वीं के विद्यार्थियों को किताब मिलने में देरी होने की बात स्वीकारते हुए कहा है कि विद्यार्थियों की संख्या से कम किताब छपने की वजह से यह समस्या हुई है जिसे शीघ्र दूर किया जा रहा है.

इन सबके बीच सरकार भले ही किताब मुहैया कराने में तत्परता दिखा रही हो मगर पोशाक को लेकर उदासीन है. शिक्षा मंत्री से जब इस संबंध में पूछा गया कि पोशाक कब मिलेगा तो उन्होंने सवाल का जवाब देने से कतराते हुए ससमय दिए जाने की बात कही.

हर साल सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी किताब और पोशाक के लिए महीनों इंतजार करते रहते हैं. जब सदन में हंगामा होता है तब विभाग जगती है और आनन फानन में कुछ को उपलब्ध कराकर किताब और पोशाक मिलने का दावा करने लगती है. अगर समय से ये सुविधा मुहैया करा दिए जायें तो बच्चों के साथ साथ विभाग को भी कोई परेशानी नहीं होगी.

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