रांची: राष्ट्र आज अपने वीर नायक शहीद-ए-आजम भगत सिंह की पुण्यतिथि मना रहा है. जुल्मी फिरंगियों को देश से बाहर करने और लाला लाजपत राय पर बर्बर लाठीचार्ज करने वालों से बदला लेने की उनकी कार्रवाई को याद किया जा रहा है. किस तरह उन्होंने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था. इसको याद कर हमारी भावी पीढ़ियां गौरवान्वित महसूस कर रही हैं, तो दूसरी ओर राजधानी रांची में झारखंड सरकार ने शहीदे आजम की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए थोड़ी सी जमीन भी उपलब्ध नहीं करा पाई है. राष्ट्रीय युवा शक्ति ने मोरहाबादी मैदान में स्थापित करने के लिए 25-26 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया था, जो पिछले एक वर्ष से पुलिस लाइन में कबाड़ और जब्त की गई गाड़ियों के बीच पड़ी है.
सरकार सरकार भगत सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए नहीं उपलब्ध करा पाई जमीन
इसे विडंबना और दर्दनाक स्थिति ही कहा जाएगा कि जिस देश को आजाद कराने के लिए भगत सिंह ने महज 23 वर्ष के उम्र में हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था, दुनिया जिन्हें शहीद-ए-आजम कहती है उनकी एक प्रतिमा को स्थापित करने के लिए झारखंड सरकार, रांची जिला प्रशासन और रांची नगर निगम को राजधानी में जमीन नहीं मिल पा रही है.
राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष को लिया गया हिरासत में
राष्ट्रीय युवा शक्ति नामक सामाजिक संस्था लगातार राजधानी में सम्मान के साथ भगत सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग करती रही है. फरवरी महीने से ही राजभवन के समक्ष इस मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन और उपवास के बाद भी जब प्रशासन ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया. ऐसे में राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव ने शनिवार को खुद को खुदकुशी की चेतावनी सरकार को दी थी, लिहाज एहतियातन शनिवार की सुबह रांची पुलिस ने उत्तम यादव को उनके आवास से ही हिरासत में ले लिया.
कबाड़ के बीच रखी गई है भगत सिंह की प्रतिमा
सैनिकों, अमर शहीदों को सम्मान दिलाने और राष्ट्रवाद की अलख जगाने के लिए बनीं संस्था राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ता कहते हैं कि सरकार और प्रशासन का ध्यान पुलिस लाइन में कबाड़ गाड़ियों के बीच रखे गए भगत सिंह की ओर दिलाने की कोशिश उनका संगठन कर रहा है, लेकिन दुखद स्थिति है कि जिनको आज सम्मान मिलना था, उनकी प्रतिमा को अपमानित किया जा रहा है .
मोरहाबादी मैदान से हटा दी गई थी शहीद-ए-आजम की प्रतिमा
राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ता कहते हैं कि रांची नगर निगम ने दो बैठक के बाद प्रस्ताव पारित कर रांची के मोरहाबादी मैदान में बापू वाटिका के उत्तर की ओर वाले जगह में युवाओं के आइकॉन भगत सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई थी. निगम द्वारा निर्धारित की गई जगह पर 16 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय युवा शक्ति की ओर से शहीदे आजम भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित भी कर दी गई. इसके बाद न जाने किसके कहने पर जिला प्रशासन ने भगत सिंह की प्रतिमा की ऊंचाई का हवाला देकर उसे रात के अंधेरे में मोरहाबादी मैदान से हटा दिया.
राष्ट्रीय युवा शक्ति के युवा सदस्यों ने कहा कि तब यह बताया गया राष्ट्रपिता की प्रतिमा से अधिक ऊंचाई भगत सिंह की प्रतिमा का है. इसके बाद भगत सिंह की प्रतिमा को प्रशासन ने पुलिस लाइन परिसर में ले जाकर रख दिया. तब से शहीद-ए-आजम की प्रतिमा वहीं पड़ी हुई है.
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