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Etv Bharat Exclusive: 24 दिनों बाद खुलकर बोले केदार हाजरा, आखिर बता ही दी भाजपा छोड़ने की वजह

करीब 24 दिनों पर केदार हाजरा भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल हुए थे. अब उन्होंने बीजेपी छोड़ने की पीछे की वजह बताई है.

Kedar Hazra on leaving BJP
जमुआ विधायक केदार हाजरा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 10, 2024, 9:42 PM IST

गिरिडीह: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ भाजपा को तगड़ा झटका देने वाले जमुआ विधायक केदार हाजरा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बन गए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जमुआ विधानसभा सीट से केदार को अपना उम्मीदवार भी बनाया है. केसरिया से हर चोला ओढ़ चुके केदार लगातार चुनाव प्रचार में हैं और अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. केदार बार-बार यही कहते हैं कि हेमंत सोरेन की सरकार फिर से सूबे में बन रही है. इन दावों के बीच अभी तक केदार हाजरा ने भाजपा छोड़ने की सबसे बड़ी वजह किसी को नहीं बताई. हालांकि रविवार को ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत के दौरान केदार हाजरा खुलकर बोले. केदार हाजरा ने बताया कि आखिर उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ दी.

केदार हाजरा और प्रणव वर्मा से बात करते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)



झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन करने के 24 दिनों जब उनके द्वारा भाजपा छोड़ने इसके बाद प्रणव वर्मा और दारा हाजरा के पार्टी छोड़ने पर सवाल पूछा गया तो पहले तो वे यह कहते हुए बात को टाल गए कि राजनीती में आना जाना लगा रहता है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वे भाजपा को तोड़ने में जुटे हैं तो केदार खुल पड़े. कहा कि जो पार्टी खुद ही टूट हुई है उसे तोड़ने की आवश्यकता नहीं है, जो बिखरा हुए है उसे बिखेरने की जरूरत नहीं है.

केदार हाजरा का बयान (ईटीवी भारत)



कार्यकर्त्ताओं के भावना को पहुंचाया ठेस

केदार हाजरा ने कहा कि भाजपा के अंदरखाने क्या कुछ चल रहा है यह अब छिपी हुई नहीं है. भाजपा के नेताओं ने कार्यकर्त्ताओं के भावना का ख्याल नहीं रखा. जब उम्मीदवार चयन को लेकर कार्यकर्त्ताओं ने रायशुमारी की. रायशुमारी में पार्टी के तीन नेता केदार हाजरा, दारा हाजरा और कामेश्वर पासवान का नाम चयन किया गया तो आखिर इसमें चौथा कहां से आ गया. आखिर किसने चौथे को लाया. जनता भी यह जानना चाहती है और आनेवाले 23 नवंबर को जनता इसका रिजल्ट भी दे देगी.

भाजपा को बर्बाद करने के लिए बाबूलाल बने प्रदेश अध्यक्ष

केदार ने सीधी बात करते हुए कहा कि जो व्यक्ति भाजपा को गाली देता था वह व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी को बर्बाद करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. कहा कि इनके द्वारा समर्पित कार्यकर्त्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया. झारखंड की जनता इसका रिजल्ट देगी.

अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही: प्रणव

भाजपा छोड़ने वाले प्रणव वर्मा से भी ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. प्रणव से पूछा गया कि बार बार वे पार्टी बदलते हैं यह मौकापरस्त राजनीति नहीं तो क्या है. इस सवाल का जवाब देते हुए प्रणव ने कहा कि मौकापरस्त राजनीती तब कहलाती जब वे टिकट के लिए दूसरे दल में शामिल होते. कहा कि उन्हें भले ही उपाध्यक्ष बनाया गया लेकिन उसके बाद दरकिनार कर दिया गया.

नए लोगों को तरजीह

प्रणव ने कहा कि भाजपा में नए लोगों को तरजीह दी जाने लगी है. जिन्हें पार्टी की पंचनिष्ठा, एकात मानववाद से कोई मतलब नहीं वैसे वैसे लोग यहां जुटते गए और आज की तारीख में भारतीय जनता पार्टी अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही. वहां विचारधारा से कोई मतलब नहीं रह गया अब तो भाजपा में कहीं से आइए और टिकट लीजिए फिर चुनाव की मैदान में उतर जाइए. वही जो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है जो नीति और सिद्धांत से चल रहे हैं उन्हें कब मौका मिलेगा वह कब चुनाव लड़ेंगे इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं. कहां की बहार के लोग जब अंदर आ रहे हैं तो अंदर के लोग तो बाहर जाएंगे ही ना.

गिरिडीह-कोडरमा दोनों हारेगी भाजपा

प्रणव वर्मा ने दावा किया है कि इस विधानसभा चुनाव में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र तथा कोडरमा लोकसभा के अंदर पढ़ने वाले सभी विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी हार रही है. सभी सीट पर इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित है और हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.

गिरिडीह: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ भाजपा को तगड़ा झटका देने वाले जमुआ विधायक केदार हाजरा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बन गए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जमुआ विधानसभा सीट से केदार को अपना उम्मीदवार भी बनाया है. केसरिया से हर चोला ओढ़ चुके केदार लगातार चुनाव प्रचार में हैं और अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. केदार बार-बार यही कहते हैं कि हेमंत सोरेन की सरकार फिर से सूबे में बन रही है. इन दावों के बीच अभी तक केदार हाजरा ने भाजपा छोड़ने की सबसे बड़ी वजह किसी को नहीं बताई. हालांकि रविवार को ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत के दौरान केदार हाजरा खुलकर बोले. केदार हाजरा ने बताया कि आखिर उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ दी.

केदार हाजरा और प्रणव वर्मा से बात करते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)



झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन करने के 24 दिनों जब उनके द्वारा भाजपा छोड़ने इसके बाद प्रणव वर्मा और दारा हाजरा के पार्टी छोड़ने पर सवाल पूछा गया तो पहले तो वे यह कहते हुए बात को टाल गए कि राजनीती में आना जाना लगा रहता है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वे भाजपा को तोड़ने में जुटे हैं तो केदार खुल पड़े. कहा कि जो पार्टी खुद ही टूट हुई है उसे तोड़ने की आवश्यकता नहीं है, जो बिखरा हुए है उसे बिखेरने की जरूरत नहीं है.

केदार हाजरा का बयान (ईटीवी भारत)



कार्यकर्त्ताओं के भावना को पहुंचाया ठेस

केदार हाजरा ने कहा कि भाजपा के अंदरखाने क्या कुछ चल रहा है यह अब छिपी हुई नहीं है. भाजपा के नेताओं ने कार्यकर्त्ताओं के भावना का ख्याल नहीं रखा. जब उम्मीदवार चयन को लेकर कार्यकर्त्ताओं ने रायशुमारी की. रायशुमारी में पार्टी के तीन नेता केदार हाजरा, दारा हाजरा और कामेश्वर पासवान का नाम चयन किया गया तो आखिर इसमें चौथा कहां से आ गया. आखिर किसने चौथे को लाया. जनता भी यह जानना चाहती है और आनेवाले 23 नवंबर को जनता इसका रिजल्ट भी दे देगी.

भाजपा को बर्बाद करने के लिए बाबूलाल बने प्रदेश अध्यक्ष

केदार ने सीधी बात करते हुए कहा कि जो व्यक्ति भाजपा को गाली देता था वह व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी को बर्बाद करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. कहा कि इनके द्वारा समर्पित कार्यकर्त्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया. झारखंड की जनता इसका रिजल्ट देगी.

अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही: प्रणव

भाजपा छोड़ने वाले प्रणव वर्मा से भी ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. प्रणव से पूछा गया कि बार बार वे पार्टी बदलते हैं यह मौकापरस्त राजनीति नहीं तो क्या है. इस सवाल का जवाब देते हुए प्रणव ने कहा कि मौकापरस्त राजनीती तब कहलाती जब वे टिकट के लिए दूसरे दल में शामिल होते. कहा कि उन्हें भले ही उपाध्यक्ष बनाया गया लेकिन उसके बाद दरकिनार कर दिया गया.

नए लोगों को तरजीह

प्रणव ने कहा कि भाजपा में नए लोगों को तरजीह दी जाने लगी है. जिन्हें पार्टी की पंचनिष्ठा, एकात मानववाद से कोई मतलब नहीं वैसे वैसे लोग यहां जुटते गए और आज की तारीख में भारतीय जनता पार्टी अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही. वहां विचारधारा से कोई मतलब नहीं रह गया अब तो भाजपा में कहीं से आइए और टिकट लीजिए फिर चुनाव की मैदान में उतर जाइए. वही जो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है जो नीति और सिद्धांत से चल रहे हैं उन्हें कब मौका मिलेगा वह कब चुनाव लड़ेंगे इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं. कहां की बहार के लोग जब अंदर आ रहे हैं तो अंदर के लोग तो बाहर जाएंगे ही ना.

गिरिडीह-कोडरमा दोनों हारेगी भाजपा

प्रणव वर्मा ने दावा किया है कि इस विधानसभा चुनाव में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र तथा कोडरमा लोकसभा के अंदर पढ़ने वाले सभी विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी हार रही है. सभी सीट पर इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित है और हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.

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