रांची: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य में आंदोलनों का दौर शुरू हो गया है. सचिवालय कर्मियों, सहायक पुलिसकर्मियों और पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद अब राज्य के समाहरणालय में कार्यरत कर्मचारी सरकार के लिए सिरदर्द बनने जा रहे हैं. आज 22 जुलाई से राज्य भर के सभी समाहरणालय में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. झारखंड उपसचिवालय कर्मचारी संघ के बैनर तले हड़ताल पर जा रहे कर्मचारी 9 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हड़ताल में शामिल कर्मचारियों में समाहरणालय के कंप्यूटर ऑपरेटर, अनुबंध कर्मी, चतुर्थवर्गीय कर्मी और लिपिक शामिल हैं.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष रंजन दुबे ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा है कि 22 जुलाई से सभी कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे, अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इन कर्मियों की मुख्य मांग निम्न श्रेणी लिपिक का ग्रेड पे 2400 रुपये, प्रशासनिक अधिकारी का 5400 रुपये, उच्च श्रेणी का 4600 रुपये और कार्यालय अधीक्षक का ग्रेड पे 4800 रुपये करना है. इसके अलावा पदों का सृजन, पदोन्नति और एसीपी अवधि को 10 से घटाकर 8 वर्ष करना भी मांग है.
हड़ताल से काम प्रभावित होने के आसार
सचिवालय स्तर के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिला स्तर पर सरकारी काम प्रभावित होने के आसार हैं. जिला स्तर पर सरकारी काम में इन कर्मचारियों की भूमिका अहम होती है जो सीधे जनता से जुड़ी होती है. स्वाभाविक रूप से इनके हड़ताल के कारण आम लोगों के साथ-साथ सरकार को भी परेशानी उठानी पड़ेगी. इन सबके बीच सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से कर्मचारी राजभवन के सामने आंदोलन करने में जुटे हैं.
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