रांची: ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफे की उड़ती अफवाहों के बीच झारखंड की राजनीति के केंद्र में आलमगीर आलम बने हुए हैं. झारखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने ईडी की कार्रवाई में गिरफ्तार ग्रामीण विकास और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग सीएम चंपाई सोरेन से की है. साथ ही अपने को मजबूत और हिम्मतवाला मुख्यमंत्री साबित करने का चैलेंज बीजेपी द्वारा चंपाई सोरेन को दिया है.
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने मुख्यमंत्रित्व काल वाले पहले दौर को याद करते हुए कहा कि तब नियम और नीति के खिलाफ काम करने वाले एक दो नहीं बल्कि तीन तीन मंत्रियों को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बर्खास्त कर दिया था और खुद भी गिरफ्तारी के समय मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अब चंपाई सोरेन को चाहिए कि जब आलमगीर आलम खुद इस्तीफा नहीं देते हैं. ऐसे में चंपाई सोरेन को चाहिए कि वह आलमगीर आलम को बर्खास्त कर यह साबित कर दें कि वह कमजोर सीएम नहीं हैं.
क्या है हेमंत सरकार 1.0 में मंत्रियों की बर्खास्तगी का मामला
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, आज जिस हेमंत सोरेन की तारीफ कर रहे हैं, उसका पूरा मामला यह है कि 13 जुलाई 2013 को कांग्रेस और राजद के सहयोग से सरकार बनाई थी. यह सरकार 28 दिसंबर 2014 तक चली थी. अलग-अलग कारणों से उस समय के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ही मंत्रिपरिषद सहयोगी साइमन मरांडी, ददई दुबे और योगेंद्र साव को बर्खास्त किया था. अब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी उन्हीं दिनों का हवाला देकर सीएम चंपाई सोरेन से यह मांग कर रहे हैं कि वे आलमगीर आलम को बर्खास्त करें.
अफवाह उड़ाने का काम भाजपा करती है, पहले प्रधानमंत्री इस्तीफा देकर नजीर पेश करें- झारखंड कांग्रेस
भाजपा द्वारा मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफे और बर्खास्तगी की मांग पर प्रदेश कांग्रेस ने पलटवार किया है. झारखंड कांग्रेस अपने विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम के बचाव में उतर आई है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री की नाक के नीचे से देशवासियों के गाढ़ी मेहनत की कमाई को लेकर विदेश भागने वाले मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या और अन्य लोगों की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए प्रधानमंत्री इस्तीफा दें. तब भाजपा के नेता मंत्री आलमगीर आलम की इस्तीफे की बात कहें.
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता जागरूक है और वह जानती है कि कैसे आलमगीर आलम को झूठे केस में साजिश और षड्यंत्र रचकर फंसा कर जेल भेजा गया है. दिन में मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफे की अफवाह को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें यह पता नहीं कि यह अफवाह कैसे उड़ी. लेकिन यह सच है कि अफवाह उड़ाने में भाजपा एक्सपर्ट हैं. बता दें कि 17 मई 2024 की दोपहर में आलमगीर आलम के इस्तीफे की अफवाह तेजी से फैली थी. जिस पर उनके बेटे तनवीर आलम ने खंडन कर विराम लगा दिया था.