रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के तारीखों को घोषणा हो चुकी है. सभी दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. लोग भी ये जानना चाहते हैं कि क्या हेमंत सोरेन एक नई परंपरा लाएंगे, क्योंकि झारखंड में अब तक के इतिहास में कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां अपने उम्मीदवारों को फाइनल करने में जुटी हुई हैं. गठबंधन दलों में एकता दिखाने की कोशिश हो रही है. हेमंत सोरेन इस सोच के साथ मैदान में उतर रहे हैं कि वे एक नया इतिहास बनाएं और एक बार फिर से महागठबंधन की सरकार बनाएं, तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए की कोशिश है कि किसी तरह महागठबंधन को सत्ता से बाहर रखें.
झारखंड के गठन के बाद अब तक चार बार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी सियासी दल या गठबंधन ने लगातार दो टर्म सरकार नहीं बनाई है. झारखंड बनने के बाद साल 2000 में बाबूलाल मरांडी सीएम बने. उन्हें झारखंड का पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ. हालांकि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डोमिसाइल का बम फोड़ा और इससे इतनी विवाद हुआ कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद राज्य की कमान अर्जुन मुंडा ने संभाली. अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में ही बीजेपी ने 2005 का विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन बहुत हासिल नहीं कर पाई. बीजेपी को इस चुनाव में 30 सीट मिले थे.
10 दिन में ही शिबू सोरेन को देना पड़ा इस्तीफा
2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में किसको बहुमत नहीं मिला था, झामुमो ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और शिबू सोरेन सीएम बने, लेकिन झामुमो विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं कर पाया और शिबू सोरेन को 10 दिन के अंदर ही इस्तीफा देना पड़ा.
मुख्यमंत्री | कार्यकाल |
बाबूलाल मरांडी | 15 नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 |
अर्जुन मुंडा | 18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005 |
शिबू सोरेन | 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 |
अर्जुन मुंडा | 12 मार्च 2005 से 19 सितंबर 2006 |
मधु कोड़ा | 19 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 |
शिबू सोरेन | 27 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009 |
शिबू सोरेन | 30 दिसंबर 2009 से 1 जून 2010 |
अर्जुन मुंडा | 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 |
हेमंत सोरेन | 13 जुलाई 2012 से 28 दिसंबर 2014 |
रघुवर दास | 28 दिसंबर 2014 से 23 दिसंबर 2019 |
हेमंत सोरेन | 29 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2024 |
चंपाई सोरेन | 2 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 |
हेमंत सोरेन | 4 जुलाई 2024 से अब तक |
अर्जुन मुंडा ने 14 महीने चलाई सरकार
शिबू सोरेन के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और एक बार फिर अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री बने. लेकिन 2006 में तीन निर्दलीय विधायक और अन्य सहयोगियों की महत्वकांक्षा के आगे हेमंत सोरेन बेबस हो गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
निर्दलीय विधायक मधुकोड़ा बने सीएम
सितंबर 2006 में यूपीए ने गोवा पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक और तीन निर्दलीयों के समर्थन से मधुकोड़ा को सर्वसम्मति से सीएम पद का उम्मीदवार चुना. 19 सितंबर 2006 को मधु कोड़ा ने पद की शपथ ली और देश के तीसरे निर्दलीय सीएम बने. इन्होंने करीब 23 महीने सरकार चलाई लेकिन फिर झामुनो ने समर्थन वापस ले लिया जिससे उनकी सरकार गिर गई.
शिबू सोरेन फिर बने मुख्यमंत्री
17 अगस्त 2008 को झामुमो से समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद एक बार फिर से झारखंड के सीएम पद की शपथ शिबू सोरेन ने ली. वे करीब चार महीने तक सीएम बने रहें, लेकिन तमाड़ में उपचुनाव हारने के बाद एक बार फिर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद झारखंड में राष्ट्रपति शासन लग गया. राष्ट्रपति शासन में ही झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए लेकिन एक बार फिर किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिला. एक बार फिर शिबू सोरेन ने सरकार बनाने के दावा पेश किया और सीएम पद की शपथ ली. लेकिन सिर्फ तीन महीने में ही उन्हें एक बार फिर से इस्तीफा देना पड़ा.
शिबू सोरेन के बाद फिर अर्जुन मुंडा बने सीएम
शिबू सोरेन के सीएम पद से हटने के बाद कुछ महीनों तक झारखंड में राष्ट्रपति शासन रहा. 2010 के सितंबर महीने में एक बार फिर से बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और 11 सितंबर 2010 को अर्जुन मुंडा सीएम बने और 18 जनवरी 2013 तक पद पर बने रहे.
2013 में हेमंत सोरेन बने सीएम
2013 में हेमंत सोरेन सीएम बनें और उनके नेतृत्व में ही झामुमो झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरी, लेकिन बहुमत नहीं मिलने के बाद उन्हें 28 दिसंबर 2014 को इस्तीफा देना पड़ा.
2014 में रघुवर दास बने सीएम
2014 में झारखंड में रघुवर दास की सरकार बनी. झारखंड के अब तक के इतिहास में रघुवर एक मात्र सीएम रहे जिन्होंने अपने 5 साल कार्यकाल पूरा किया. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बहुमत नहीं मिला और उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी.
2019 में हेमंत सोरेन दूसरी बार बने सीएम
दिसंबर 2019 को एक बार फिर से हेमंत सोरेन सीएम बने. हालांकि आगे चलकर जमीन घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद झामुमो के कद्दावर नेता चंपाई सोरेन सीएम बने. लेकिन जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर निकले तो एक बार फिर उन्होंने सीएम पद संभाला.
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