पलामू: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए पांकी सीट पर फिलहाल डॉक्टर शशिभूषण मेहता विधायक हैं. पांकी विधानसभा का नंबर 75 है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर शशिभूषण मेहता विधायक हैं. 2024 विधानसभा चुनाव में पांकी से कई दिग्गज चुनाव लड़ना चाहते हैं. फिलहाल जो तस्वीर बन रही है उसमें भारतीय जनता पार्टी के तरफ से विधायक डॉक्टर शशीभूषण मेहता, अमित तिवारी, लवली गुप्ता, कांग्रेस से पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, लाल सूरज के बीच टिकट की दावेदारी है. निर्दलीय के रूप में विनोद सिन्हा, भाकपा माले के प्रत्यासी बसपा जितेंद्र पासवान भी चुनाव लड़ने वाले हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो भाजपा के डॉ शशिभूषण मेहता एवं कांग्रेस के बिटटू सिंह के बीच सीधी लड़ाई है. वहीं तेजी से विनोद सिन्हा भी तीसरा एंगल बना रहे है.
पांकी में क्या है वोटरों के आंकड़े ? क्या है समीकरण
पांकी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांकी, लेस्लीगंज, तरहसी, मनातू एवं सतबरवा प्रखंड आता है. पांकी विधानसभा क्षेत्र की सीमा बिहार के गया और झारखंड के चतरा लातेहार से सटी हुई है. 27 अगस्त 2024 को हुए मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के अनुसार 322385 वोटर हैं, पांकी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक दलित वोटर हैं. कोइरी, धानु, अल्पसंख्यक, ब्राह्मण वोटरों की संख्या पांकी में काफी आम मानी जाती है.
65 वर्ष एक ही जाती एक ही बिरादरी का आधिपत्य रहा है विधानसभा क्षेत्र में. जिस कारण विधानसभा क्षेत्र का जो हालात है जहां दलित की संख्या अधिक है, आदिवासी ओबीसी की संख्या अधिक है उन पर दबंगता के साथ राज किया गया है. उनके विधायक बनने के बाद वह वर्ग काफी खुश उनका सीना चौड़ा हुआ है.- डॉ शशि भूषण मेहता, विधायक
पांकी से अब तक कौन-कौन रहे हैं विधायक
2019 डॉ शशिभूषण मेहता, 2016 देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह (उपचुनाव), 2000 से 2014 तक विदेश सिंह विधायक रहे. 2000 में मधु सिंह को चुनाव में जीत घोषित किया गया था बाद में हाईकोर्ट ने विदेश सिंह को विधायक घोषित किया था. 1995 संकटेश्वर सिंह, 1990 मधु सिंह, 1985 एवं 1980 संकटेश्वर सिंह, 1977 मोहन सिंह.
विधायक अपने आप को स्वच्छ एवं क्लीन बताते हैं. लेकिन आज लड़ाई गोरो के खिलाफ लड़ाई की तरह है. मेनिफेस्टो में शामिल एक भी योजना पर कार्य नहीं हुआ है. सिर्फ समाज को बांटने का प्रयास किया गया है. ऐसी मानसिकता वाले लोग यहां नहीं टिक सकते है, बहरूपिया है कभी लाल, कभी पीला- देवेंद्र बिट्टू सिंह पूर्व विधायक
2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर शशि भूषण मेहता को 98184, कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह को 55994, मुमताज खान को 9419 वोट मिला था.
पांकी विधानसभा सीट का परिणाम
2019 में पांकी विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
शशिभूषण मेहता | भाजपा | 92,913 |
देवेंद्र सिंह | कांग्रेस | 55,571 |
2014 में पांकी विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
विदेश सिंह | कांग्रेस | 41,041 |
शशिभूषण मेहता | निर्दलीय | 39,101 |
2009 में पांकी विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
विदेश सिंह | आरजेडी | 38,458 |
मधु सिंह | जेडीयू | 18,240 |
2005 में पांकी विधानसभा चुनाव परिणाम | ||
प्रत्याशी का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
विदेश सिंह | आरजेडी | 43,350 |
विशेश्वर सिंह | सीपीआईएमएल | 22,928 |
2016 के विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के बिट्टू सिंह को 56343, झारखंड मुक्ति मोर्चा के डॉक्टर शशि भूषण मेहता को 52785 एवं भारतीय जनता पार्टी के लाल सूरज को 36028 वोट मिला था.
2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विदेश सिंह को 41175, निर्दलीय के रूप में डॉक्टर शशि भूषण मेहता को 39180, भारतीय जनता पार्टी की अमित तिवारी को 29058 वोट मिला था.
पांकी विधानसभा क्षेत्र में कई योजनाओं पर कार्य करने की जरूरत. खेतों को पानी पहुंचाना एवं युवाओं को रोजगार पहुंचाना बड़ी चुनौती है. वे क्षेत्र में लगातार बने हुए हैं, एवं आम लोगों के साथ संवाद स्थापित कर रहे. क्षेत्र के समस्याओं से अवगत है जिनका वह समाधान करेंगे- विनोद सिन्हा
पोस्ता की खेती के लिए चर्चित है पांकी का इलाका
पांकी विधानसभा क्षेत्र नक्सली हिंसा से लंबे समय से जूझता रहा है. पूरे झारखंड में पांकी विधानसभा क्षेत्र से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में पोस्ट की खेती की शुरुआत हुई थी. आज भी यह इलाका पोस्ता की खेती के लिए पूरे देश भर में चर्चित है. इलाके के खेतों तक पानी पहुंचाना आज भी एक चुनौती बनी हुई है. अमानत सिंचाई परियोजना आज भी अधूरी है. विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मनातू का इलाका मानव तस्करी के लिए चर्चित है. इलाके में पलायन एवं बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है.
ये भी पढ़ें:
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: रांची विधानसभा सीट पर किसका कटेगा पत्ता? कौन लहराएगा परचम